2017 आ चुका है, तो विश्व में क्या परिवर्तन आया है? हां, ज़रूर कुछ बदलाव तो हुआ है। संयुक्त राष्ट्र संघ महासचिव बान की मून का 1 जनवरी 2017 को कार्यकाल पूरा हो गया। 31 दिसम्बर को उन्होंने अंतिम दिन काम किया, इसलिए संयुक्त राष्ट्र संघ के कर्मचारियों ने विदाई समारोह आयोजित किया।
रिपोर्ट के अनुसार बान की मून ने कहा कि जब अमेरिका के टाइम्स स्क्वायर में उन्होंने क्रिस्टल बॉल दबाया, पूरी दुनिया के लोगों को लगा कि वे बेरोजगार हो गये हैं। उन्होंने यह भी कहा कि संयुक्त राष्ट्र महासचिव का पद संभालना उनके लिए एक सौभाग्य की बात है। वे संयुक्त राष्ट्र संघ के कर्मचारियों के साथ मिलकर वैश्विक मुठभेड़ और मुसीबतों को कम करने की कोशिश करते रहे हैं।
2007 से बान की मून दस साल तक संयुक्त राष्ट्र महासचिव के पद पर रहे और संयुक्त राष्ट्र संघ के 8वें महासचिव भी। विदाई के वक्त उन्होंने सभी कर्मचारियों को पत्र भेजकर वैश्विक शांति के लिए उन द्वारा दिये गये योगदान के प्रति आभार प्रकट किया।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार अपने कार्यकाल में बान की मून ने 2030 अनवरत विकास लक्ष्य पारित किया, जलवायु परिवर्तन संबंधी पेरिस समझौते को पूरा किया। इसके अलावा उन्होंने लैंगिक समानता को भी महत्व दिया। उन्होंने अपने कार्यकाल में संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय और विश्व स्वास्थ्य संगठन आदि संस्थाओं में और ज़्यादा महिलाओं को बड़े पदों पर नियुक्त किया।
विश्लेषकों का मानना है कि दक्षिण कोरिया की डांवाडोल राजनीतिक स्थिति में 72 वर्षीय बान की मून संभवतः दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव लड़ेंगे।
1 जनवरी 2017 से संयुक्त राष्ट्र महासचिव का पद 67 वर्षीय पुर्तगाल के पूर्व पीएम एंटोनियो गुटरेस ने संभाल लिया है। गुटरेस भी सरकारी नेता का पद संभालने के बाद पहले संयुक्त राष्ट्र महासचिव हैं। वे 9वें संयुक्त राष्ट्र महासचिव भी हैं।
तो संयुक्त राष्ट्र महासचिव की क्या भूमिका होती है?संयुक्त राष्ट्र चार्टर के नियम के अनुसार महासचिव को संयुक्त राष्ट्र संघ के मूल्य के विचारधारा एवं नैतिक प्रतिष्ठा की रक्षा करनी चाहिए और शांति के दृष्टिकोण से सक्रिय कर्तव्य निभाना चाहिए। संयुक्त राष्ट्र महासचिव को खुले या निजी तरीके से अंतर्राष्ट्रीय विवादों के उत्पन्न होने, तीव्र होने एवं प्रसार करने से रोकना चाहिए और पूरी दुनिया के लोगों के लिए, खास तौर पर गरीब या कमजोर लोगों के लिए बोलना होता है।
संयुक्त राष्ट्र महासचिव को संयुक्त राष्ट्र संघ की विभिन्न संस्थाओं के सम्मेलनों में भाग लेना चाहिए, दुनिया के नेताओं, सरकारी अफसरों और अन्य लोगों से वार्ता करनी चाहिए और विश्व के विभिन्न जगहों पर जाकर सदस्य देशों के लोगों को संयुक्त राष्ट्र संघ की टाइम टेबल में प्रमुख अंतर्राष्ट्रीय बातों को समझाने की कोशिश करनी चाहिए। हर साल महासचिव संयुक्त राष्ट्र संघ के समक्ष कार्य रिपोर्ट पेश करते हैं, संयुक्त राष्ट्र संघ के कार्य का मूल्यांकन करते हैं और भविष्य के प्रमुख कार्य बताते हैं।
संयुक्त राष्ट्र चार्टर के अनुसार महासचिव के उम्मीदवार की सबसे पहले सुरक्षा परिषद द्वारा सिफारिश किये जाने की जरूरत है, फिर संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा नियुक्ति होती है। आम तौर पर महासचिव का कार्यकाल पांच साल का होता है और वे दोबारा भी इस पद पर रह सकते हैं।
संयुक्त राष्ट्र संघ की स्थापना के पिछले 70 से ज्यादा सालों में संयुक्त राष्ट्र संघ ने क्रमशः 8 महासचिव नियुक्त किये। 2016 में संयुक्त राष्ट्र संघ ने पहली बार खुली प्रतिस्पर्द्धा के तरीके से महासचिव का चुनाव शुरू किया। और छह दौर के मतदान देने के बाद पुर्तगाल के पूर्व प्रधानमंत्री गुटरेस 9वें संयुक्त राष्ट्र महासचिव नियुक्त किये गये।
संयुक्त राष्ट्र संघ के महासचिव बान की मून के पहले 10 साल के कार्यकाल में विश्व ने वित्तीय व आर्थिक संकट, पश्चिमी अफ्रीकी ईबोला रोग, यूक्रेन मुठभेड़, मध्य पूर्व क्षेत्र के डांवाडोल और सीरियाई मुठभेड़ आदि घटनाओं का सामना किया। पिछले 10 सालों में प्राप्त उपलब्धियों का मूल्यांकन करते हुए बान की मून ने कहा संयुक्त राष्ट्र संघ इस महान संगठन की सेवा करना उनके लिए बहुत गर्व की बात है। पिछले 10 सालों में वे बड़ी मेहनत से इस पद के लिए काम करते रहे। लेकिन अभी तक कई कार्य पूरे नहीं किये जा सके हैं। बान की मून ने कहा कि पिछले 10 सालों में संयुक्त राष्ट्र संघ में प्राप्त सबसे बड़ी उपलब्धि है 2030 अनवरत विकास कार्यक्रम और जलवायु परिवर्तन संबंधी पेरिस समझौता संपन्न करना और लैंगिक समानता में संतुष्ट उपलब्धियां हैं।
लेकिन पिछले 10 सालों में सब से बड़ी निराश करने वाली बात पर उन्होंने कहा कि हालिया दुनिया में डांवाडोल स्थिति की मूल वजह नागरिक नहीं, बल्कि नेता हैं। उन्होंने 5 साल तक चले सीरियाई संकट के प्रति निराशा प्रकट की और कहा कि उन्हें यह समझ में नहीं आता कि इस समस्या को हल क्यों नहीं किया गया।
1 जनवरी 2017 को संयुक्त राष्ट्र संघ के नये महासचिव गुटरेस ने पद संभाला। उनका कार्यकाल 31 दिसंबर 2021 तक होगा। तो आगामी पाँच सालों में गुटरेस का प्रमुख मिशन क्या है। दिसंबर 2016 में पद ग्रहण भाषण में गुटरेस ने अपनी अभिलाषा प्रकट की। उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र संघ दुनिया से संपर्क करने से वैश्विक संकट को दूर कर सकेगा, शांति व सुरक्षा, अनवरत विकास और मानवतावादी नीति चलाएगा। गुटरेस ने संयुक्त राष्ट्र संघ के सुधार के तीन प्रमुख क्षेत्रों पर जोर दिया, यानीकि शांति को बढ़ावा देने का कार्य, अनवरत विकास का समर्थन और अंदरूनी प्रबंध है। साथ ही गुटरेस ने यह वचन भी दिया कि संयुक्त राष्ट्र संघ की पद नियुक्ति के दौरान लैंगिक समानता सुनिश्चित की जाएगी। अभी अभी जारी संयुक्त राष्ट्र संघ के वरिष्ठ अफ़सरों के उम्मीदवारियों में संयुक्त राष्ट्र उप महासचिव समेत 3 महिलाएं भी हैं।
सीरियाई संकट की चर्चा में गुटरेस ने कहा कि सीरियाई मुठभेड़ से न केवल सीरियाई जनता को मुश्किलों का सामना करना पड़ा है, बल्कि किसी स्थिति में उग्रवादी प्रतिक्रियाएं भी पैदा हुई हैं और अंततः आतंकवादी कार्यवाइयों में भी बदल गयीं। आशा है कि अमेरिका व रूस मतभेद दूर करके सीरिया संकट को समाप्त करेंगे।