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    03 जंगली हंस का धोखे में आना
    2016-11-21 15:50:28 cri

    जंगली हंस का धोखे में आना 上当的大雁

    "जंगली हंस का धोखे में आना"को चीनी भाषा में"शांग तांग द ता यान"(shàng dàng de dà yàn) कहा जाता है। इसमें"शांग तांग द"एक विशेषण , जिसका मतलब है"धोखे में आना", जबकि"ता यान"जंगली हंस है।

    दक्षिण चीन में एक विशाल"थाई हु"झील है, जब रात आती है, झील के तटों पर सफेद रंग के जंगली हंसों का एक झुंड आ कर रात गुज़राता है। वे सभी मिल कर किसी एक सुरक्षित स्थान में रहते हैं, ताकि शिकारी के निशाने से बच जाए। अपनी सुरक्षा के लिए सोने से पहले वे दल के एक सदस्य को पहरा देने के लिए चुनते हैं और जब कभी खतरे की आशंका हुई, तो वह पहरी राज हंस आवाज देते हुए सबों को चैतावनी देता है। इस प्रबंध के बाद दूसरे जंगली हंस निश्चिंत रूप से नींद से सो सकते हैं।

    आहिस्ते आहिस्ते, शिकारी को जंगली हंस दल में पहरा देने के इस नियम का पता चला और उन्हें एक चाल सुझी। रात आई, शिकारियों ने झील के किनारे जहां जंगली हंस विश्राम कर रहे हैं, उससे कुछ दूरी पर आग जलाई, आग की रोशनी से चौंक कर पहरा देने वाले राज हंस ने गा-गा की आवाज देते हुए चैतावनी देना शुरू किया, एन मौके पर शिकारियों ने आग को बुझा डाला, जब सभी जंगली हंस चैतावनी की आवाज से जागे, तब उन्हों ने वहां बड़ी शांति पायी, कोई खतरे का आसार नहीं दिखा। वे फिर सो गए।

    शिकारियों ने पुनः आग जलायी, पहरी हंस ने पुनः चैतावनी दी और सभी जंगली हंस पुनः जागे, पुनः स्थिति बड़ी शांति पायी गई, इस प्रकार ऐसा चार पांच हुए और परेशानी से सभी जंगली हंसों की नींद भी खराब हो गई, फिर भी ज़रा भी खतरा नहीं देखने को मिला, वे समझते हैं कि पहरा देने वाला हंस उन्हें धोखा दे रहा है, तो उन्हों ने मिल कर पहरी जंगली हंस की चोंच मार कर खूब मरम्मत की। पुनः वे गहरी नींद से सो गए। जब जंगली हंस दल गहरी नींद के सागर में डुबा, तो शिकारी मशाल उठाते हुए धीरे-धीरे उनके पास बढ़ने लगे, पहरा देने वाले जंगली हंस सबक खाना चुका है, इस समय उसे जल्दबाजी से चैतावनी की आवाज देने की हिम्मत नहीं आई, परिणामस्वरूप सभी जंगली हंस शिकारियों के हाथ में पड़ गए।

    "जंगली हंस का धोखे में आना"यानी"शांग तांग द ता यान"(shàng dàng de dà yàn) शीषक नीति कथा से लोगों को यही शिक्षा मिल सकती है कि किसी जटिल स्थिति में लोगों को ठंडे दिमाग से काम लेना चाहिए, असली स्थिति का साफ़-साफ़ पता चलना चाहिए, ताकि किसी की चाल में ना फंस जाए। दूसरी तरफ़, यदि लोग अपना काम को सफल बनाना चाहते हैं, तो उन्हें इस काम का नियम अच्छी तरह जानना समझना चाहिए और उस नियम से लाभ लेने की कोशिश करना चाहिए, जैसा कि शिकारी ने किया था।

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