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दूसरी विश्व इंडोलॉजी सभा नवंबर में दक्षिणी चीन के क्वांगतोंग प्रांत के शनचन शहर में आयोजित हुई। दुनिया भर से आए विद्वानों ने भारत के अध्ययन पर क्रमशः भाषण दिए। सभा में उपस्थित दक्षिण एशियाई मामलों के विशेषज्ञ मा च्याली ने कहा कि वर्तमान विश्व इंडोलॉजी सभा का उद्देश्य चीन और भारत के बीच संपर्क और समझदारी को मज़बूत करने के साथ साथ मित्रतापूर्ण आवाजाही के इतिहास का सिंहावलोकन करना है।
मा च्याली ने कहा कि चीन और भारत के बीच संबंध प्राचीन है। दोनों के बीच संपर्क के 2000 वर्षों का इतिहास है। इतिहास की दृष्टि से देखा जाए, तो चीन और भारत के बीच आवाजाही बहुत घनिष्ठ बनी रही है और द्विपक्षीय संबंधों में निरंतर विकास होता रहा है। मा च्याली ने कहाः
"हम बहुत ख़ुश हैं कि पिछले कुछ वर्षों में चीन और भारत के नेताओं के बीच उच्च स्तरीय आवाजाही बराबर बनी रही। हमें आशा है कि इस तरह के संबंध चीन और भारत के बीच राजनीतिक विश्वास और रणनीतिक संपर्क मज़बूत बनाने में लाभदायक होंगे। हालांकि हमारे दोनों देशों के बीच समस्याएं मौजूद हैं, लेकिन इनका खुले से विचारों के आदान-प्रदान के ज़रिए समाधान किया जा सकता है।"
मा च्याली ने कहा कि चीन-भारत संबंधों पर आम लोगों की समझदारी ज़्यादा नहीं है। हमें इतिहास का सिंहावलोकन करके उनकी समझदारी को और गहन बनाना चाहिए। चीन भारत के साथ राजनीतिक और सांस्कृतिक आदान-प्रदान बढ़ाने को प्राथमिकता देता है। विश्व इंडिलॉजी सभा के आयोजन से हमारे देनों देशों के विद्वानों के बीच संपर्क और मज़बूत होगा। यह बहुत महत्वपूर्ण है। मा च्याली ने कहाः
"इस समय हम भारत विद्या के अनुसंधान में जुटे हैं। इससे हम और अच्छी तरह चीन-भारत परंपरागत मित्रता को समझ सकते हैं। हम आशा करते हैं कि इस तरह के संबंधों का लगातार विकास होगा, ताकि और ज़्यादा लोग चीन-भारत संबंधों को गहन रूप से समझ सकें। आशा है कि विद्वानों और विशेषज्ञों के प्रयास और आदान-प्रदान के ज़रिए दोनों देशों की सरकारें और जनता एक दूसरे की समझदारी मज़बूत करेंगी। यह हम दोनों देशों के लिए लाभदायक है।"
मा च्याली ने कहा कि चीन-भारत संबंधों के विकास की प्रेरक शक्ति देश की मांगों से ही आती है। हमारे दोनों देशों की विकास करने की आवश्यकता है और सहयोग मज़बूत करने की भी। मा च्याली ने कहाः
"चीन और भारत पड़ोसी देश ही नहीं, बल्कि विकासशील देश और नवोदित आर्थिक शक्तियां भी हैं। अंतरराष्ट्रीय मंच पर हम महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। भारत के साथ संबंधों का विकास करना चीन की विदेश नीति का एक अहम हिस्सा है।"
मा च्याली ने कहा कि चीन सदिछा से भारत के साथ संबंधों का विकास करना चाहता है। आशा है कि हम तीसरे पक्ष के प्रभाव को छोड़कर साझा विकास करेंगे।