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    कुंवारा बनना चाहती हैं और ज्यादा चीनी युवतियां
    2016-12-05 19:44:10 cri

    पहले 11 नवम्बर को एक सामान्य दिन होता था, लेकिन आजकल चीनी लोग इसे शॉपिंग डे मानते हैं, साथ ही कुंवारों का त्योहार भी मनाते हैं। आंकड़े बताते हैं कि 2015 तक चीन में कुंवारों की संख्या 20 करोड़ थी।

    चीनी राष्ट्रीय नागरिक मंत्रालय के मुताबिक चीन में कुंवारों की संख्या 1990 के 6 प्रतिशत से बढ़कर 2013 के 14.6 तक पहुंच चुकी है। कुंवारों की तादाद साल दर साल बढ़ रही है।

    आंकड़े बताते हैं कि चीन के भीतरी इलाके में कई बार कुंवारों की लहर दिखी थी। पहली बार गत् 50 के दशक में प्रथम विवाह कानून से देश में कुंवारों की लहर पैदा हुई। और फिर 70 के दशक के अंत में चीनी युवाओं ने शहरों में वापस लौटने के लिए तलाक लिए और कुंवारा लहर आयी। जबकि 90 के दशक के बाद चीन में सुधार व खुलेपन की नीति लागू होने से परम्परागत परिवार की विचारधा में परिवर्तन आया। तीसरी बार कुंवारों की लहर नजर आयी। अब अर्थतंत्र के तेज विकास और महिलाओं की स्व-जागरूकता के उन्नत होने से चौथी बार कुंवारों की लहर पैदा हुई है।

    2010 की जनगणना के मुताबिक 30 की उम्र से ज्यादा अविवाहित महिलाओं का अनुपात 2.47 प्रतिशत पहुंच चुका है, जो 10 साल पहले की तुलना में दोगुना हुआ है। ज्यादा से ज्यादा युवतियां कुंवारी रहना चाहती हैं।

    कुंवारों की संख्या के बढ़ने से चीन में कुंवारा अर्थतंत्र भी शुरू होने लगा। 2001 में पत्रिका अर्थशास्त्री पर पहली बार कुंवारी महिलाओं के अर्थतंत्र का विचार प्रकट किया गया। वे हैं विज्ञापन उद्योग, प्रकाशन उद्योग, मनोरंजन उद्योग और मीडिया उद्योग के उत्पादों व सेवा के उत्पादक एवं उपभोक्ता हैं। अन्य वर्गों की तुलना में वे आवेग खरीदारी करती हैं। जब चीजें फैशनबल या अनोखी होती हैं, तो वे इसी खरीदने के लिए ज्यादा पैसे दे सकती हैं। उनमें से 28.6 प्रतिशत के लोग सोच के बिना विलासिता वाली चीजें खरीदती हैं। 16 प्रतिशत लोग एक हफ्ते में कम से कम एक बार बार या केटीवी आदि जगहों पर जाते हैं। 31.6 फ़ीसदी लोग हर महीने मनोरंजन या पार्टी आदि सोशल खर्चे में सबसे ज्यादा पैसे देते हैं।

    जानकार विशेषज्ञों के मुताबिक कुंवारा लहर से कुछ समस्याएं पैदा होंगी। उदाहरण के तौर पर, 2014 में चीन में जन्म दर 1.137 प्रतिशत थी, जो एकदम निचले स्तर पर रही। नीची जन्म दर से श्रमिकों का अभाव होगा, साथ ही बाजार का पैमाना भी छोटा होगा। इसके अलावा कुंवारा लहर वृद्ध जनसंख्या की वृद्धि के कारणों में से एक है। चीनी राष्ट्रीय सांख्यकी ब्यूरो द्वारा 2014 में जारी एक रिपोर्ट के अनुसार चीन में 60 या 60 की उम्र से ज्यादा वाली आबादी 21.2 करोड़ तक पहुंची, जो देश की कुल आबादी की करीब 15.5 प्रतिशत रही। यह संख्या जर्मनी, फ्रांस व ब्रिटेन की कुल आबादी है। यह संख्या बढ़ रही है।

    वास्तव में यह स्थिति चीन में ही नहीं, जापान व दक्षिण कोरिया में भी मौजूद है। गत् 70 के दशक के बाद जापान में 25 से 30 की उम्र वाली अविवाहित युवतियों की संख्या तीन गुना हुई। इस स्थिति में सुधार करने के लिए जापान सरकार ने जन्म भत्ते में से खास पैसे निकालकर स्थानीय संगठनों को अंतरंग गतिविधियों को मदद दी। उधर दक्षिण कोरिया में स्थिति भी आशावान नहीं है। 2014 तक दक्षिण कोरिया क्रमशः 14 सालों में निची जन्म दर पर बरकरार रहा था। इसे मद्देनजर दक्षिण कोरिया सरकार ने निर्णय लिया कि 2 करोड़ से 3 करोड़ के वेतन पाने वाले अविवाहित लोगों को और 2 लाख वोन यानी करीब 11 हजार रुपये की टैक्स देना पड़ता है। दक्षिण कोरिया की मीडिया इसे कुंवारा टैक्स मानती है।

    सिंगापुर में स्थिति भी आशावान नहीं है। सिंगापुर विश्व में सबसे नीची जन्म दर होने वाला देश है। सिंगापुर सरकार ने आशा जताई कि कारोबार लड़कों व लड़कियों के डेटिंग के लिए खास गतिविधियों का आयोजन करेंगे और सरकार इसके लिए पैसे देने को तैयार है।

    लगता है कि आजकल देर से विवाह करने की एक वैश्विक प्रवृत्ति बन चुकी है। चाहे आप विवाहित हो या अविवाहित हो, हर एक आदमी का जीवन रंगीन हो सकता है।

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