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    ग्रमियों में भारत में सुप्रसिद्ध पहाड़ी इलाके
    2016-11-09 11:07:56 cri

    ग्रमियों में लोग अकसर ठंड वाले क्षेत्र की यात्रा करते हैं। इस ग्रमियों भारत का मौसम बहुंत ग्रम है। तो भारत के सुप्रसिद्ध पहाड़ी इलाकों की अपनी सुंदरता लोगों को आकर्षक है। तो अब पेश है इन क्षेत्रों की सुन्दरता।

    कूनूर : दक्षिण भारतीय में तमिलनाडु के नीलगिरि जिले का एक ताल्लुका क्षेत्र है जो अपने चाय उत्पादन के लिये प्रसिद्ध है. यह ऊटी के बाद दूसरा सबसे बड़ा पर्वतीय स्थल है. यह नीलगिरी पर्वतमाला को जाने वाले ट्रैकिंग अभियानों के लिये एक आदर्श स्थल माना जाता है. यहाँ का आकर्षण सिम्स पार्क एक छोटा और व्यवस्थित वनस्पति उद्यान है जहाँ गर्मियों में हर वर्ष 'फलों के मेले' का भी आयोजन किया जाता. यहाँ पर शहर से बाहर जाने के लिए ट्रैकिंग ट्रेल्स का प्रयोग किया जाता है जिस में सफर करने पर शहर और और उसके बाहर के प्राक्रतिक नजारों को देखा जा सकता है.

    माउंट आबू : प्राकृतिक सुषमा और विभोर करनेवाली वनस्थली का पर्वतीय स्थल 'आबू पर्वत' ग्रीष्मकालीन पर्वतीय आवास स्थल और पश्चिमी भारत का प्रमुख पर्यटन केंद्र रहा है यह जैन तीर्थ स्थल के लिए भी प्रसिद्ध है. अरावली पर्वत शृंखला की सबसे ऊँची चोटी गुरु शिखर यहाँ स्थित हैं. इसके अतिरिक्त माउंट आबू में नक्की झील, गोमुख मंदिर, माउंट आबू वन्यजीव अभयारण्य आदि भी दर्शनीय हैं.

    शिमला : शिमला ठंडी जलवायु, सुरम्य प्राकृतिक दृश्यों, हिमाच्छादित पहाड़ी दृश्यों, चीड़ और देवदार के जंगलों और औपनिवेशिक वास्तु के आकर्षक शहर के रूप में विख्यात है. शिमला समर फेस्टिवल, पीक पर्यटन सीजन के दौरान आयोजित किया जाता है, इसका मुख्य आकर्षण देश भर से लोकप्रिय गायकों द्वारा प्रदर्शन शामिल है. यहाँ काली बाड़ी मंदिर, जाखू मंदिर, राज्य संग्रहालय, प्रोस्पेक्ट हिल, समर हिल, संकट मोचन,तारादेवी. शिमला का सुखद मौसम, आसानी से पहुंच और ढेरों आकर्षण इसे उत्तर भारत का एक सर्वाधिक लोकप्रिय पर्वतीय स्‍थान बना देते हैं.

    ऊटी : नीलगिरि या नीले पर्वतों की पर्वतमाला मे बसा हुआ ऊटी प्रति वर्ष बड़ी संख्या में पर्यटको को आकर्षित करता है. ऊटी चाय, हाथ से बनी चॉकलेट, खुशबूदार तेल और मसालों के लिए प्रसिद्ध है. यहाँ वनस्पति उद्यान, ऊटी झील, डोडाबेट्टा चोटी के अलावा मदुमलाई वन्यजीव अभ्यारण्य, कोटागिरी, कलहट्टी जलप्रपात आदि दार्शनिक स्थल हैं.

    नैनीताल : झीलों का शहर नैनीताल उत्तराखंड का प्रसिद्ध पर्यटन स्‍थल है. बर्फ़ से ढ़के पहाड़ों के बीच बसा यह स्‍थान झीलों से घिरा हुआ है. इनमें से सबसे प्रमुख झील नैनी झील है जिसके नाम पर इस जगह का नाम नैनीताल पड़ा है. नैनीताल को जिधर से देखा जाए, यह बेहद ख़ूबसूरत है . यहाँ नैना देवी मंदिर, ईष्ट देवी-नंदा देवी, नैनी झील, तल्ली एवं मल्ली ताल, त्रिॠषि सरोवर, मॉल रोड, एरियल रोपवे उसके अलावा यहाँ की सात चोटियों नैनीताल की शोभा बढ़ाने में विशेष महत्व रखती हैं.

    मसूरी - पहाड़ों की रानी : यहाँ गन हिल से हिमालय पर्वत श्रृंखला, बंदरपंच, श्रीकांता, पिठवाड़ा और गंगोत्री समूह आदि के सुंदर दृश्य देखे जा सकते हैं, साथ ही मसूरी और दून-घाटी का विहंगम दृश्य भी यहां से देखे जा सकते हैं. म्युनिसिपल गार्डन, तिब्बती मंदिर, चाइल्डर्स लॉज, कैमल बैक रोड, झड़ीपानी फाल, भट्टा फाल, कैम्पटी फाल, नाग देवता मंदिर, मसूरी झील, वाम चेतना केंद्र, सर जॉर्ज एवरेस्ट हाउस, ज्वालाजी मंदिर, क्लाउड्स एंड आदि आकर्षण का केन्द्र हैं.

    मुन्नार: केरल का एक प्रमुख पर्वतीय स्थल है. प्रतिवर्ष हजारों पर्यटक यहाँ आते हैं. जिंदगी की भागदौड़ और प्रदूषण से दूर यह जगह लोगों को अपनी ओर खींचता है, मट्टुपेट्टी झील और बांध पर पर्यटक पिकनिक, अथुकड फॉल्स बोटिंग और चाय के बागानों के साथ चिन्नार वन्यजीव अभ्यारण्य का मनमोहक दृश्य देखने को मिलता है. यहां पर पर्यटक बोटिंग का भी आनंद ले सकते हैं.

    मनाली : यहाँ का ठंडा वातावरण भारत की चिलचिलाती गर्मी के मौसम में राहत प्रदान करता है. मनाली साहसी खेलों जैसे स्कीइंग, हाइकिंग (लंबी पैदल यात्रा), पर्वतारोहण, पैराग्लाइडिंग, राफ्टिंग, ट्रैकिंग, कायाकिंग और माउन्टेन बाइकिंग के लिए मशहूर हैं. इसके अलावा मनाली में गर्म बसंत, धार्मिक तीर्थ स्थानें और तिब्बती बौद्ध मंदिरें के साथ-साथ नाग्गर किला, हिडिम्बा देवी मंदिर, रहला झरनें, सोलंग घाटी, मानिकरण भी यहाँ के आकर्षण का केन्द्र हैं.

    लद्दाख : उत्तरी नेपाल के जम्मू और कश्मीर में काराकोरम पर्वत और दक्षिण में हिमालय पर्वत के बीच में स्थित है. लद्दाख ट्रैकिंग, पर्वतारोहण और व्हाइट वाटर राफ्टिंग में अनूठा रोमांच की पेशकश और साहसिक खेल प्रेमियों के लिए सबसे जयादा पसंद की जाने वाली जगह है. ट्रेकिंग के लिए विकल्पों लंबे, ट्रांस-पहाड़ जंगल में घूमना आदि शामिल है. शिविर के सप्ताह को शामिल करने के लिए ट्रैक्स स्मारकों या मठों का दौरा करने औदि की सैर भी कर सकते हैं.

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