इस साल मई में सेल्फी खींचने के दौरान मौत हो जाने का एक मामला सामने आया। भारत के पंजाब में एक बच्चा असली बंदूक के साथ सेल्फी ले रहा था, तभी अचानक बंदूक चल पड़ी और गोली उस बच्चे को जा लगी और बच्चा वहीं मर गया। दो महीनें बाद जब एक भारतीय युवक गंगा नदी के पास सेल्फी ले रहा था, तब वह नदी में जा गिरा, और अन्य 6 लोग उसे बचाने के लिए भागे, पर वो लोग भी उस नदी में बहकर मर गये।
कई हफ़्तों पहले जब 6 भारतीय छात्राएं एक जलाशय के पास सेल्फी ले रही थीं, तब उनमें से एक छात्रा पानी में गिर गई। उसे बचाने के चक्कर में उसकी सहेली की भी जान चली गई। कुछ समय पहले एक भारतीय पुरुष एक अजगर के साथ सेल्फी लेने की कोशिश कर रहा था, लेकिन अजगर ने उसे काट लिया और वह पुरूष वहीं मर गया।
रिपोर्ट से जाहिर होता है कि पिछले साल पूरी दुनिया में सेल्फी लेने के दौरान मौत होने के करीब 27 मामले सामने आये हैं जो अधिकांश मामले भारत के थे।
अनुसंधानकर्ताओं के अनुसार सेल्फी लेने वाले लोगों की उम्र ज्यादातर 18 से 24 साल के बीच है। सोशल मीडिया हमारे जीवन पर हावी होने लगा है। आजकल अनेक युवा, खास तौर पर बड़े शहरों में रहने वाले युवा अपने आपको इंटरनेट पर मशहूर बनाना चाहते हैं, इसलिए वे सेल्फी के प्रति खासे दिवाने हैं।
भारत में सेल्फी लेने का चस्का बहुत ज्यादा है। अमेरिकी पूंजी बैंक द्वारा जारी एक रिपोर्ट में बताया गया कि स्मार्टफोनों की इस्तेमाल दर के बढ़ने से अगले साल भारत अमेरिका के बाद विश्व का दूसरा बड़ा स्मार्टफोन बाजार बन जाएगा। इस साल के अंत तक भारत में स्मार्टफोन के उपयोगकर्ताओं की संख्या 22 करोड़ तक जा पहुंचेगी।
भारत सरकार सेल्फी खींचने के खतरे को कम करने के लिए कदम उठा रही है। भारतीय संस्कृति व पर्यटन विभाग ने खतरनाक पर्यटन स्थलों पर सुरक्षा चेतावनी देने की योजना बनायी है।