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    फ्रीलांसर बनाना चाहते हैं अनेक भारतीय युवा
    2016-11-02 09:28:10 cri

    इन दिनों तमाम भारतीय युवा फ्रीलांसर बनाना चाहते हैं। भारतीय मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार पहले भारतीय लोग कार्य की स्थिरता और कार्य लाभांश को बड़ा महत्व देते थे। लेकिन अब युवा और चुनौती वाले कार्य, और विस्तृत ज्ञान होने वाले कार्य और लचीले कार्य प्रणाली की खोज करने की कोशिश करते हैं। बड़ी संख्या में लोग फ्रीलांसर बन रहे हैं। वे जीवन और काम के बीच संतुलन ढूंढने के साथ जीवन के नये ढांचे की स्थापना भी करना चाहते हैं।

    भारतीय मानव संसाधन प्रबंधन आउटसोर्सिंग कंपनी पीपल स्ट्रॉंग के संस्थापक पंकज बंसल ने कहा कि अब लोग और लचीला काम खोजना चाहते हैं। ये कार्य कम समय के नहीं थे, लेकिन अवश्य ही परियोजना के आधार पर कार्य है।

    इंटरनेट के प्रसार से कारोबार चाहे बड़ा हो या छोटा, सब विश्व में व्यवसायिक व्यक्तियों की भर्ती करना चाहते हैं। कारण यह है कि फ्रीलांसर को भर्ती करने से खर्च कम होने के साथ साथ पेशेवर सेवा भी मिलती है।

    विश्व बैंक की रिपोर्ट से जाहिर है कि अनुमान है कि 2016 में इंटरनेट पर फ्रीलांसरों का पैमाना 4.4 अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुंचेगा। करीब दो तिहाई फ्रीलांसर अमेरिका, भारत व फिलीपींस के हैं।

    हाल में भारतीय रोजगार बाजार में कई ई-कॉमर्स कंपनियां मौजूद हैं। जब कंपनी के पास फौरी कार्य हो, तो पहले की तुलना में और आसानी से पेशेवर कर्मचारियों को खोजा जा सकता है।

    भारतीय फ्लेक्सिंग इट, अपवर्क, फिवेर और पीपलपरआवर आदि ने संबंधित तकनीक का आविष्कार किया, जिससे प्लेटफार्म में पंजीकृत कारोबार अपनी मांग से उचित सुयोग्य व्यक्तियों या कार्यों की खोज हो पाती है।

    भारत के पुणे सिनहागाड अकादमी के कंप्यूटर विभाग के छात्र सुमेश डार जल्द ही स्नातक होने वाले हैं। अब उन्हें 4 लाख रूपए की वार्षिक सेलरी का ऑफर मिला है। हालांकि एक स्नातक के लिए यह सेलरी कम नहीं है, फिर भी उन्होंने इस ऑफर को ठुकरा दिया। वास्तव में डार ने विश्वविद्यालय में पढ़ने के पहले साल में भी फ्रीलांसर के रूप में कुछ कंपनियों की आईटी सेवा प्रदान करना शुरू की थी। धीरे धीरे उन्होंने खुद इवेंट बनाकर कमाई की। डार ने कहा कि छोटे इवेंट के लिए उसने 2000 रूपये की फीस लेते हैं। अब वह एक साल में केवल 9 महीने काम करते हैं और हर महीने में करीब 1 लाख रुपये कमा सकते हैं।

    दोस्तो, आजकल भारत में फ्रीलांसर कौन सा काम करते हैं?भारतीय फ्लेक्सिंग इट के आंकड़े बताते हैं कि फ्रीलांसर मुख्यतः बाजार, आईटी और परामर्श तीन क्षेत्रों में केंद्रित हैं। लेकिन फ्रीलांसर सब लोगों के लिए उचित नहीं हैं, चूंकि इसका अपना जोखिम भी है।

    फ्रीलांसर पार्ट टाइम जॉब है, इसलिए आमदनी स्थिर नहीं होती है। श्रम अनुबंध पर हस्ताक्षर करते समय लोगों को ध्यान से पढ़कर चेक करना चाहिए। दूसरा, फ्रीलांसरों को समय पर काम करने की जरूरत होती है, नहीं तो उन्हें पूरे पैसे नहीं मिल पाएंगे। तीसरा, फ्रीलांसरों को सोशल बीमा जैसे किसी भी लाभ नहीं मिलता है। इसलिए लोगों को ध्यान से सोचने के बाद ही इस क्षेत्र में प्रवेश करना चाहिए।

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