हालांकि पहली बार का प्रयास विफल हुआ, लेकिन खानपान को लेकर लगाव और आज़ादी की अभिलाषा से छी यांग ने साहस के साथ फिर एक बार व्यापार शुरू करने की कोशिश की। वर्ष 2015 में थोड़ी पूंजी मिलने के बाद छी यांग ने फिर यह कदम उठाया।
छः महीनों की तैयारी के बाद छी यांग ने पूर्वी चीन के शानतोंग प्रांत के चूछंग शहर में स्थित नानकुआनलू नंबर 100 के मकान को किराये पर लिया और रेस्टोरेंट का नाम नानकुआनलू नंबर 100 ही रखा। फिर तीन महीनों की सजावट के बाद वर्ष 2015 के सितंबर में रेस्टोरेंट औपचारिक रूप से खोला गया। यहां की हरेक जगह पर मालिक छी यांग का मन प्रतिबिंबित होता है। बड़े आंगन में पांच कमरे बने हुए हैं, उद्यान में बांस और फूल देखने को मिलते हैं, पत्थर की चक्की से बनी मेज़ पर लोग आराम कर सकते हैं, चाय पीते समय बातचीत कर सकते हैं।
"सजावट के लिए मैंने पैसे के अनुसार सबसे अच्छी सामग्रियों का प्रयोग किया। दरवाज़े, खिड़कियां और फ़र्नीचर सब जंगली वृक्षों से बनाए गए हैं। ईंट और लकड़ियां सब प्राचीन वस्तुएं हैं, जो समय बीतने के साथ साथ और मूल्यवान होंगी। मेरा रेस्टोरेंट भी इस तरह का है, चार पांच वर्षों बाद वह और अच्छा नज़र आएगा। वसंत आने के बाद मैं दीवारों पर आइवी लता और छत पर अंगूर की लताएं लगाऊंगा। मैं चाहता हूं कि रेस्टोरेंट में हर ऋतु में अलग अलग दृश्य हों। दूसरे लोग यहां के व्यंजनों की नक़ल उतार सकते हैं, यहां की सजावट और डिज़ाइन की नक़ल उतार सकते हैं, लेकिन हमारे विचार की नक़ल कभी नहीं बना सकते। मेरा लक्ष्य है कि तीन वर्षों में रेस्टोरेंट को इस शहर में अद्वितीय रेस्टोरेंट बनाया जाए।"