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    कुचिएशान कला गांव में किसानों का छपाई पेंटिंग
    2016-10-25 09:29:10 cri

    हर कलाकार के दिल में एक सपना होता है कि वे हरे-भरे पहाड़ और छोटी नदियों से भरे एक सुन्दर व मनोरम जगह में अपने एक छोटे कमरे में बैठकर एक शानदार कलात्मक रचना करे। दक्षिण चीन के छोंगछिंग शहर के छिचांग जिले के कुचिएशान पर्वतीय क्षेत्र में एक पहाड़ कला गांव है, जहां पर कलाकार अपनी-अपनी काल्पनिक जगहों का निर्माण करते हैं।

    अपनी कला का सपना पूरा करने के लिए साल 2011 में छपाई पेंटिंग के कलाकार ली यीलि ने कुचिएशान गांव पहुंचकर दोस्तों के साथ अपनी काल्पनिक जगहों का निर्माण शुरू किया। शहर से कोसो दूर होने के बावजूद भी कुचिएशान कला गांव आसान और सुलभ है। ली यीलि ने कहा कि कलाकारों के दिलों में कला का एक सपना होता है। चित्रकारों के मन में यह इच्छा रहती है कि किसी पर्वत या वन में उनका खुद का एक आशियाना हो।

    कुचिएशान प्रबंधन कमेटी के समर्थन में सरकार द्वारा भूमि दिये जाने के आधार पर कलाकारों ने आत्म-वित्तपोषण की स्थिति में छिचांग जिले के कुचिएशान पर्वतीय कला क्षेत्र का निर्माण किया। अब इस कला गांव में कलाकारों के 21 स्वतंत्र स्टूडियो हैं और 15 सार्वजनिक कलाकार्य हैं। सभी स्टूडियो और कलाकार्य पर्यटकों के लिए फ्री हैं। छिचांग जिले के छपाई पेंटिंग की कला सरल, बोल्ड, मुफ्त और प्रेमपूर्ण है, जो चीन के किसानों के छपाई पेंटिंग गांव को माना जाता है। पिछली शताब्दी के 8वें दशक से किसानों का छपाई पेंटिंग छिचांग जिले में विकसित हो रहा है, जहां पर मुख्य रूप से लोक कलाकार और किसान कलाकार हैं। वे गांवों के जीवन और कृषि उत्पादन के विषय से छपाई पेंटिंग करते हैं, इस लिए किसानों की छपाई पेंटिंग का नाम मिला। ली यीलि ने परिचय देते हुए कहा कि छिचांग छपाई पेंटिंग का घर है। इसलिए छपाई पेंटिंग हमारे कला गांव की विशेषता है। यहां छिचांग के कलाकारों और चीनी कलाकारों के छपाई पेंटिंग हैं और इसके अलावा एशिया, अमरीका, ब्रिटेन, कनाडा, जर्मनी, फ्रांस और क्यूबा समेत विश्व के अनेक देशों के कलाकारों की छपाई पेंटिंग भी हैं, जिनमें से अधिकतर स्थानीय मशहूर छपाई पेंटिंग कलाकार की मूल कृति है।

    कुचिएशान कला गांव में लोग विभिन्न प्रदर्शनी हॉल में कलाकृति देख सकते हैं। कलाकारों के स्टूडियो खोलना यहां की एक विशेषता भी है। यहां आम लोग और पर्यटक कलाकारों के स्टूडियो में देख सकते हैं और सीधे कलाकारों के साथ संपर्क कर सकते हैं। इस विचार की चर्चा करते हुए इस गांव के अध्यक्ष ली यीलि ने गर्व से कहा कि मेरा मानना है कि जीवन कला की उच्चतम अवस्था है। हम आम लोगों की सेवा करते हैं। हर कलाकारों के मकान, गृहस्थी, चित्र और सांस्कृतिक साक्षरता जीवन और उसके घर देखे जा सकते है। आम लोग इसे देख सकते हैं और सीख भी सकते हैं। हमारा कला गांव इस विचार का पालन करता है।

    इस कला गांव के अध्यक्ष शी यीलि छिचांग जिले का मशहूर छपाई पेंटिंग कलाकार है। उन्होंने इस कुचिएशान कला गांव के निर्माण का योजनाकार और प्रायोजक भी हैं। वह छिचांग क्षेत्र में रहता है और 18 वर्ष की उम्र से उसने छपाई पेंटिंग की कला सीखना शुरू किया। अब उसे 40 से अधिक साल हो गये हैं। कला गांव में अपने छपाई पेंटिंग रचने के अलावा ली यीलि पर्वत में रहने वाले किसानों को छपाई पेंटिंग सिखाता है। उन्होंने कहा कि कला गांव में रहने के बाद मेरे और स्थानीय किसानों के बीच संबंध घनिष्ठ है। मैंने सोचा कि इन किसानों के बेटे या बेटी बाहर शहरों में काम करते हैं। उन लोगों की आयु 60-70 वर्ष है और रोजाना वे क्या कर सकते हैं?इसलिए मैं उन लोगों को बुलाकर छपाई पेंटिंग सिखाता हूं। वे लोग अपनी छपाई पेंटिंग बेचते हैं। कुछ छोटे वाले का दाम सैकड़ों य्वान है और बड़े वाले कुछ सौ या कुछ हजार य्वान है। इस तरह छपाई पेंटिंग बेचने से उन्हें 10 हजार य्वान मिल जाते हैं।

    छपाई पेंटिंग बेचने के अलावा कला गांव के निर्माण और मरम्मत, आम सुविधाओं के रखरखाव, कलाकारों को सेवा प्रदान आदि चीज़ों से स्थानीय आम लोगों की आमदनी होती है। आय बढ़ने के बाद उनके जीवन में सुधार आया है। किसानों ने सांस्कृतिक विकास की मांग पेश की। खेती-बाड़ी कम होने के समय वे अकसर कला गांव में कलाकारों से सीखते हैं और उनके साथ आदान-प्रदान करते हैं या विभिन्न कला प्रदर्शन हॉल में कलाकृतियां देखते हैं, जिससे किसानों का सांस्कृतिक जीवन समृद्ध हो रहा है।

    स्थानीय किसान वु शीह्वा की आयु 60 वर्ष है। खेती-बाड़ी कम होने के समय वह अकसर कला गांव के अध्यक्ष ली यीलि से छपाई पेंटिंग कला सीखता है। उसके छपाई पेंटिंग के विषय आम जीवन में मुर्गे या सुअर आदि पशुओं या खेतों में काम करने से संबंधित है। हालांकि यह विषय आसान है लेकिन पर्यटकों को बहुत पसन्द है, क्योंकि यह आम जीवन से जोड़ते हैं। कुछ समय पहले छोंगछिंग शहर के छपाई पेंटिंग अकादमी ने उसकी एक छपाई पेंटिंग चित्र खरीदा। वह बेहद खुश हुआ। वु शीह्वा ने कहा किकला गांव हमारे यहां विकसित हो रहा है। जब भी खाली समय होता है, तो हम छपाई पेंटिंग रचना सीखते हैं। खेती-बाड़ी कम होने के समय हम अन्य कुछ काम करते हैं यानी मकान का निर्माण करते हैं या मछली तालाब की मरम्मत करते हैं। संग्रहालय के पीछे का यह बाँध हमने बनाया था, जिससे हमें अधिक आय प्राप्त हुई थी। है ना यह एक अच्छी बात।

    ली यीलि को आशा है कि रंगारंग सांस्कृतिक गतिविधियों से कला गांव की यात्रा करने के लिए और अधिक लोगों को आकृषित करेगा। शहरों के लोगों या पर्यटकों को नियमित रूप से कला गांव में विभिन्न कला गतिविधियों में भाग ले सकते है। छपाई पेंटिंग के अलावा यहां पर मूर्तिकला, मिट्टी के बर्तन, सुलेख, चित्रकला, फोटोग्राफी आदि रंगारंग कला गतिविधियां हैं। ली यीलि ने कहा कि योजना बनाने के समय कुचिएशान कला गांव सिर्फ हमारी एक सपना है। हमने इस योजना में पर्यटन, रचना, आदान-प्रदान, प्रदर्शन, अभ्यास आदि विषय शामिल थे। इसलिए कहा जा सकता है कि यह एक संश्लेषित और अधिक सामग्री वाला कला गांव है।

    भविष्य में ली यीलि का यह विचार है कि कला गांव के मौजूदा आधार पर संगीत, प्रदर्शन, साहित्य, कपड़े आदि विषय शामिल किए जाएंगे, जिससे पूरे देश या विदेश के कलाकार की नजर को आकृषित किया जा सकता है। उसी समय कला गांव एक बहुलवादी सांस्कृतिक गांव और सांस्कृतिक केंद्र बनेगा। उन्हें पूरा विश्वास है कि भविषय में कुचिएशान कला गांव की और अधिक सपनाएं पूरा की जाएंगी।

    (वनिता)

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