Web  hindi.cri.cn
    आपका पत्र मिला 2016-06-01
    2016-07-19 15:45:00 cri

    अनिल:आपका पत्र मिला कार्यक्रम सुनने वाले सभी श्रोताओं को अनिल का नमस्कार।

    हैया:सभी श्रोताओं को हैया का भी प्यार भरा नमस्कार।

    अनिल:दोस्तो, पहले की तरह आज के कार्यक्रम में हम श्रोताओं के ई-मेल और पत्र पढ़ेंगे। इसके बाद एक श्रोता के साथ हुई बातचीत के मुख्य अंश पेश किए जाएंगे।

    चलिए श्रोताओं के पत्र पढ़ने का सिलसिला शुरू करते हैं। पहला पत्र हमें आया है, बिहार से शंकर प्रसाद शंभु जी का। उन्होंने लिखा है......

    प्यार भरा नमस्कार ! 23 मई 2016 आर्थिक ज़गत कार्यक्रम में दक्षिण-पश्चिमी चीन के युन्नान प्रांत के शीश्वांगपेन्ना ताई जातिय क्षेत्र में स्थित मोहान पोर्ट पर रोज सैकड़ों ट्रक चीन और लाओस के बीच आते जाते हैं। इनसे लाओस, वियतनाम और थाईलैंड जैसे देशों में उत्पादित केला, आम, शानचुओ, मकई और प्राकृतिक रबड़ चीन में पहुंचाए जाते हैं, जबकि चीन में निर्मित इलेक्ट्रॉनिक संघटक और मिश्रित उर्वरक जैसी वस्तुएं दक्षिण-पूर्वी एशियाई देशों में या और दूरी तक ले जाई जाती हैं। लानछांग रिवर-मेकांग नदी चीन, लाओस, थाईलैंड, म्यांमार, कंबोडिया और वियतनाम को जोड़ती है। पिछले मार्च में दक्षिणी चीन के हाईनान प्रांत में लानछांग रिवर-मेकांग नदी सहयोग के पहले शिखर सम्मेलन के बाद इन छः देशों के बीच इस समुद्री क्षेत्र में अनवरत विकास और सहयोग राष्ट्रीय स्तर तक पहुंचाया गया। खास रिपोर्ट की जानकारी सामायिक एवं महत्वपूर्ण लगी।

    24 मई 2016 को रात साढ़े नौ से साढ़े दस बजे तक शॉर्टवेव 7395 किलोहर्ट्ज़ की आवृत्ति पर हम सभी आपका रेडियो प्रोग्राम सुना। चीन-भारत आवाज़ कार्यक्रम में ललिता जी चीन में आजकल योग बहुत लोकप्रिय हो रहा है। हाल में होप (एच.ओ.पी.ई.) चीन योग शिखर सम्मेलन एवं परंपरागत जीवन विज्ञान और अवसाद रोग की रोकथाम संगोष्ठी पेइचिंग में आयोजित हुई। "हैप्पी लाइफ" विषय पर आधारित इस शिखर सम्मेलन का उद्देश्य है कि लोगों को अवसाद रोग की प्रारंभिक पहचान और इसकी रोकथाम के बारे में विस्तार से जानकारी दी जाए। सम्मलेन के दौरान, चीन, भारत और अमेरिका से आए योग गुरु, तंत्रिका विज्ञान विशेषज्ञ, चीनी चिकित्सा विशेषज्ञ और स्वास्थ्य विशेषज्ञ अवसाद की रोकथाम और हृदय के स्वास्थ्य के बारे में अपने विचार प्रकट किए। हमारे दोनों देश दूर से करीब आ रहे हैं और सहयोग घनिष्ठ बना रहे हैं। एक अच्छी प्रस्तुति के लिये हार्दिक साधुवाद।

    दक्षिण चीन के युन्नान प्रांत में योग का भी व्यापक विकास हो रहा है। 19 से 22 मई तक युन्नान प्रांत की राजधानी खुनमिंग में चीन-भारत योग सम्मेलन का आयोजन हुआ। इस मौके पर भारतीय योग की पांच प्रमुख शाखाओं के 18 गुरु कक्षाएं दीं और प्रकृति व स्वास्थ्य के बारे में अपने अनुभव सुनाए। भारत का योग चीन और भारत के बीच आदान-प्रदान के मुख्य तरीकों में से एक बन चुका है। खुनमिंग भारत से सटा हुआ है और भारत के साथ पुरानी मैत्रीपूर्ण आवाजाही का इतिहास है। दक्षिण एशिया और दक्षिण-पूर्व एशिया के उन्नमुख केन्द्र क्षेत्र होने के नाते, खुनमिंग शहर योग सम्मेलन के आयोजन से भारत के साथ गहन सहयोग करना चाहता है और एक साथ योग के केन्द्र वाले स्वास्थ्य कार्य का विकास करना चाहता है। एक खास रिपोर्ट पेश की जो बेहद अच्छी लगी।

    हैया:शंकर प्रसाद शंभु जी, हमें रोजाना पत्र भेजने के लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद। चलिए, अगला पत्र मेरे हाथ आया है ओड़िशा से हमारे मॉनिटर सुरेश अग्रवाल जी का। उन्होंने लिखा है......

    केसिंगा दिनांक 29 मई। रोज़ाना की तरह मैंने आज भी सीआरआई हिन्दी का ताज़ा प्रसारण अपने तमाम परिजनों के साथ मिलकर अपने निवास पर शाम ठीक साढ़े छह बजे शॉर्टवेव 9450 किलोहर्ट्ज़ की आवृत्ति पर सुना और अब मैं उस पर हम सभी की त्वरित टिप्पणी के साथ आपके समक्ष पेश होने कम्प्यूटर के समक्ष बैठा हूँ। साप्ताहिक प्रस्तुति "सण्डे की मस्ती" का भी पूरा लुत्फ़ उठाया। जिसमें सण्डे स्पेशल के तहत आज सपनाजी द्वारा आवाज़ की नक़ल करने वाले चीन के नामचीन पेशेवर मिमिक्री कलाकार न्यू यूलियांग के कार्य पर आधारित गतांक "मोहिनी दुनिया" के शेष भाग को पेश किया गया, जो कि शानदार रहा। न्यू यूलियांग वास्तव में, बेजोड़ कलाकार हैं और इस विधा में उनका कोई सानी नहीं है। रिपोर्ट सुन कर पता चला कि वह इस कला को आगे बढ़ाने वर्ष 1982 से एक पुस्तक लिख रहे हैं और जिसका प्रकाशन भी ज़ल्द होने वाला है। निश्चित तौर पर यह एक उत्साहवर्द्धक समाचार है, क्यों कि पुस्तक के सहारे न केवल चीन, अपितु विश्वभर के मिमिक्री शौक़ीन उक्त कला को अपना सकेंगे। जानकारियों के क्रम आगे चीन की एक कम्पनी द्वारा पेश अन्तरिक्ष पैराशूटिंग के ज़रिये अंतरिक्ष की सैर कराने की योजना सम्बन्धी जानकारी काफी आकर्षक लगी। वैसे भी अन्तरिक्ष की सैर के लिये पांच लाख युआन का ख़र्च कोई बहुत बड़ी राशि नहीं है। काम की गुणवत्ता प्रभावित न हो, इसलिये चीन में कर्मचारी अब ड्यूटी के समय भी झपकी ले सकेंगे, समाचार भी काफी महत्वपूर्ण लगा। चीन ही में छह इंच लम्बी पूँछ के साथ जन्मे यांग-यांग नामक बच्चे का समाचार अभी तीन दिन पहले ही 26 मई को साप्ताहिक "टी टाइम" के तहत प्रसारित किया जा चुका था, इसलिये इस तरह की पुनरावृत्ति न हो तो बेहतर हो ! प्रेरक कहानी स्तम्भ के अन्तर्गत अखिलजी द्वारा पेश "मूर्ख राज़ा और चतुर मंत्री" शीर्षक कहानी काफी शिक्षाप्रद लगी। वहीं आज के मनोरंजन सेगमेण्ट में इस शुक्रवार रिलीज़ हुई रामगोपाल वर्मा कृत फ़िल्म "वीरप्पन" की चर्चा के साथ उसका ट्रेलर सुनवाया जाना अच्छा लगा। वैसे भारत में फ़िल्म समीक्षक इस फ़िल्म को पांच में से महज़ डेढ़ अंक देते हैं। धन्यवाद एक अच्छी प्रस्तुति के लिये।

    अनिल:सुरेश अग्रवाल, हमें पत्र भेजने के लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद। दोस्तो, हाल ही में भारतीय राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी जी ने चीन की यात्रा की सफल समाप्ति की। इस बात के बारे पश्चिम बंगाल से हमारे मॉनीटर रविशंकर बसु ने एक आलेख लिखा। इस आलेख का शीर्षक राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की चार दिवसीय चीन यात्रा से भारत-चीन विरासती संबंधों में नया विस्तार है। उन्होंने लिखा है......

    चीनी राष्ट्राध्यक्ष शी चिनफिंग के आमंत्रण पर भारत के राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने पिछले 24 से 27 मई तक चीन की राजकीय यात्रा की थी। सीआरआई-हिंदी विभाग ने राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की चार दिवसीय चीन यात्रा को बहुत ही जबरदस्त कवरेज दी है। इसके लिए मैं सीआरआई के पूरे स्टाफ को तहे दिल से धन्यवाद देना चाहता हूं।

    अपने लंबे राजनीतिक करियर में विभिन्न पदों पर रहते हुए चीन की कई यात्राएं कर चुके प्रणब मुखर्जी की राष्ट्रपति के तौर पर चीन की यह पहली यात्रा थी। द्विपक्षीय सम्बन्धों की निगाह से इसे साल की सबसे सफल यात्रा माना जा रहा है। हालिया प्रवास के दौरान राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने चीन के सर्वोच्च नेताओं के साथ सीमा संबंधी जटिल मुद्दों एवं आतंकवाद से निपटने में सहयोग समेत परिभाषित करने योग्य परमाणु व्यवस्था की आवश्यकता पर चर्चा की। इनमें चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग, चीनी उप राष्ट्राध्याक्ष ली युआनछाओ (H.E. Mr. Li Yuanchao), चीनी प्रधानमंत्री ली खछ्यांग और चीन की नेशनल पीपुल्स कांग्रेस की स्थायी समिति (एनपीसी) के अध्यक्ष चांग दच्यांग ( Mr. Zhang Dejiang) शामिल हैं। इधर के सालों में भारत और चीन के बीच उच्च स्तरीय आदान प्रदान के अलावा आर्थिक सहयोग और सांस्कृतिक आदान-प्रदान दिन-व -दिन प्रगाढ़ हो रही है। वर्ष 2014 में चीनी राष्ट्राध्यक्ष शी चिनफिंग ने भारत की यात्रा की थी। उसी साल भारतीय उप राष्ट्रपति हामिद अंसारी ने चीन की यात्रा की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले वर्ष चीन की महत्वपूर्ण यात्रा की थी। 2015 में चीन के उप राष्ट्राध्याक्ष ली युआनछाओ (H.E. Mr. Li Yuanchao) ने भारत की यात्रा की। शी चिनफिंग और नरेंद्र मोदी के एक-दूसरे देशों की सफल यात्रा से दोनों देशों के बीच घनिष्ठ भागीदारी स्थापना पर आम सहमति प्राप्त की गयी। राष्ट्रपति मुखर्जी की यात्रा के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस वर्ष चार और पांच सितंबर को जी 20 देशों के नेताओं के शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए चीनी शहर हांगचो (Hangzhou) जाएंगे। शी चिनफिंग के इस वर्ष 15-16 अक्तूबर को गोवा में आयोजित होने वाले ब्राजील, रूस, भारत, चीन, दक्षिण अफ्रीका 8वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए भारत आने की उम्मीद है। इन बैठकों में दोनों देशों को द्विपक्षीय संवाद जारी रखने का मौका मिलेगा और लोगों के बीच आदान प्रदान बढाने में मदद करेंगे।

    राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने चीन की यात्रा पर जाने से पहले चीनी संवाददाताओं के साथ एक साक्षात्कार में कहा कि भारत और चीन दोनों देश एशिया के बड़े देश हैं। इतिहास में दोनों देशों के बीच दोस्ती बहुत पुरानी है। दोनों देश मानव सभ्यता के उद्गम स्थल हैं। लम्बे समय से दोनों देशों की जनता के बीच मित्रवत संबंध मौजूद हैं। यह द्विपक्षीय संबंधों के विकास का महत्वपूर्ण आधार है। भारत विनिर्माण क्षेत्र में चीन के साथ सहयोग बढ़ाना चाहता है, साथ ही व्यापार और निवेश बढ़ाएगा। भारत और चीन के बीच सहयोग को आगे बढ़ाने से 21वीं शताब्दी सही मायने में एशिया की सदी बनेगी। दक्षिणी चीन के औद्योगिक शहर क्वांगचो (Guangzhou) से अपने चार दिवसीय चीन दौरे की शुरुआत करते हुए राष्ट्रपति मुखर्जी ने कहा कि हम कभी भी मतभेदों को बढ़ाने में शामिल नहीं हैं। हमने मतभेदों को कम किया है और समझौते वाले क्षेत्रों का विस्तार किया है। उन्होंने कहा कि यह भारतीय कूटनीति का मुख्य सिद्धांत है।

    विश्वास है कि इस यात्रा का भारत-चीन के बीच पुराने संपर्क को मजबूत करने एवं विकास के नए संबंध को कायम करने में दूरगामी महत्व होगा। भारत चीनी निवेशकों व उद्यमियों के भारत के औद्योगिक गलियारे, औद्योगिक पार्क, बुनियादी ढांचे के निर्माण और अन्य प्रमुख परियोजनाओं में शामिल होने का स्वागत करता है। राष्ट्रपति मुखर्जी 25 मई को क्वांगचोउ शहर में भारत-चीन व्यापार मंच (India-China Business Forum ) को संबोधित करने के बाद पेइचिंग पहुंचे जहां उनके सम्मान में विदेशों के मैत्री करने वाले चीनी संघ यानि Chinese People's Association for Friendship with Foreign Country और चीन स्थित भारतीय राजदूत विजय गोखले की ओर से आयोजित स्वागत समारोह का आयोजन किया।

    हैयाः 27 मई को राष्ट्रपति मुखर्जी की चीन की चार दिवसीय यात्रा चीनी स्टेट काउंसर यांग चिएची (State Councillor Mr. Yang Jiechi) के साथ बैठक के बाद समाप्त हो गई जो बेहद सफल और फलदायी है। कुल मिलाकर चीनी नेतृत्व ने राष्ट्रपति मुखर्जी की चीन यात्रा की सराहना की और द्विपक्षीय संबंध मजबूत होने की उम्मीद जताई। राष्ट्रपति मुखर्जी ने कहा, 'हमने यह माना कि हमारे संबंध द्विपक्षीय आयामों को बढ़ाते हैं और इनकी क्षेत्रीय और वैश्विक खासियत है। भारत और चीन को न केवल हमारे देशों की जनता के हित में बल्कि पूरी दुनिया की भलाई के लिए भी साथ आना चाहिए'। चीनी नेताओं के साथ राष्ट्रपति की विचार विमर्श भारत और चीन -दोनों देशों के मित्रवत संबंधों में काफी अहम योगदान रहा है। मुझे दृढ़ विश्वास है कि भारत और चीन संयुक्त रूप से चौतरफा एक्सचेंजों के माध्यम से 21 वीं सदी की इस परिभाषित करने वाली साझेदारी को आगे ले जायेंगे जिससे भारत और चीन - दोनों देशों की 2 अरब 60 करोड़ जनता मिलजुलकर बेहतर जीवन बीता सकें जैसा शी चिनफिंग ने कहा कि "दोनों देशों के बीच ज्यादा क्षेत्रों में सहयोग का विस्तार करना चाहिए, ताकि चीन-भारत संबंधों का अधिक तेज़, बेहतर विकास हो सके और दोनों देशों की जनता को लाभ मिल सकें "। यह सच है कि हम साधारण भारतवासी भी भारत-चीन रिश्ते को शहद से मीठी देखना चाहते है ताकि दोनों देश की जनता हाथों में हाथ डालकर, कन्धे से कन्धा मिलाकर, सारी शिकवे को भुलाकर अपने पड़ोसी को गले लगा सकें। निश्चित रूप से राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की चीन यात्रा से भारत और चीन के नागरिकों के बीच आपसी सहयोग और संपर्क को और बढ़ावा मिलेगा और हमारी दोस्ती पहले से कहीं अधिक मजबूत होगी।

    अनिल:बसु जी, पत्र भेजने के लिये आपका बहुत बहुत धन्यवाद। चलिए, अगला पत्र मेरे हाथ आया है छत्तीसगढ़ से चुन्नीलाल कैवर्त जी का। चाइना रेडियो इंटरनेशनल के सभी दोस्तों को सप्रेम नमस्ते। आशा है, आप सब स्वस्थ एवं प्रसन्न होंगे।

    'सेतु संबंध'त्रैमासिक पत्रिका का मई-जुलाई, 2016 अंक प्राप्त हुआ। जिसके लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद। पत्रिका बहुत सुंदर और आकर्षक है।

    आतंकवाद पूरी दुनिया के लिए एक गंभीर और ज्वलंत समस्या है। लेख 'दुनिया आतंक के साये में' पढ़ने को मिला। जिसमें आतंकवाद के स्वरूप और परिभाषा को उदाहरणों के साथ विश्लेषण किया गया है। आतंकवाद का सबसे ज्यादा शिकार औरत और बच्चे होते हैं। 'आतंकवाद और औरत'आलेख में आतंकवाद की शिकार औरतों की पीड़ा और दर्द को मार्मिक ढंग से प्रस्तुत किया है। ऋषि सिन्हा जी के लेख 'मानवाधिकार –रास्ते का रोड़ा'में मानवता क्या है ?मानव किसे समझा जाना चाहिये ? तथा मानव के अधिकार किसे मिलना चाहिये ? इन प्रश्नों का सटीक विश्लेषण किया गया है। ये तीनों आलेखों से आतंकवाद और मानवाधिकार की दशा और दिशा के बारे में सार्थक और सामयिक जानकारी मिली।

    पत्रिका के इस अंक में मुझे हाईनान का उभरता हुआ पर्यटक शहर 'वाननींग' के दर्शनीय स्थलों की जानकारी मुझे सर्वाधिक रुचिकर और सूचनापरद लगी। वाननींग शहर वॉटर स्पोर्ट्स के अलावा ग्रामीण अवकाश यात्रा के लिए काफी मशहूर है। इस शहर की सीमाओं के अंदर शानदार प्राकृतिक दृश्यों और अच्छी तरह रख रखाव वाले नये-पुराने सांस्कृतिक विरासत स्थल देखने को मिलते हैं। इस आलेख में श्री अखिल पाराशर जी ने यहाँ के अलग-अलग स्तर के गाँवों और जीवन शैली से रूबरू करवाया। वनथोंग गाँव की ली और म्याओ जाति की बोलियाँ ,वस्त्र और रीति रिवाज की जानकारी अनोखी लगी। यह जानकर बहुत अच्छा लगा कि पूरा गाँव वाई-फ़ाई से जुड़ा है और यहाँ ताजे फल और सब्जियाँ खा सकते हैं। साथ ही उष्णकटिबंधीय पौधों का मजा ले सकते हैं। अखिल जी के एक अन्य लेख,जो कि चीन की राष्ट्रीय शराब 'माओथाई'के बारे था,रोचक और सूचनाप्रद लगा। अभी तक मैं चीन की राष्ट्रीय शराब 'ग्रेट वाल'को ही मानता रहा था। पीयूष शर्मा जी के लेख 'दिल चीनी ,धड़कन अमेरिकी ....!!!' से जाना कि किस तरह चीनी और अमेरिकी समुदाय आपस में किस तरह अमेरिका में सह-अस्तित्व और भाईचारे के साथ कदम से कदम मिलाकर चल रहे हैं। लेख में अमेरिकी संस्कृति के बारे में प्रेरक जानकारी मिली।

    'कन्फ़्यूथियस और कन्फ़्यूथियस विचार पद्धति' लेख में लेखिका ने कन्फ़्यूथियस का परिचय देते हुए उनके विचारों को स्पर्श तो किया ,लेकिन उनके विचारों एवं दर्शन की गहराई तक नहीं पहुँच पायी। भारतीय राजनीति से संबन्धित कुछ और लेख खास नहीं लगे। फिर भी पत्रिका का यह अंक भी उपयुक्त एवं शानदार है। सफल प्रकाशन के लिए संपादक मण्डल को बधाई एवं शुभकामनायें।

    हैया:अब सुनिए हमारे श्रोता दोस्त बलवंत कुमार वर्मा जी के साथ हुई बातचीत।

    ---- INTERVIEW-----

    अनिल:दोस्तो, इसी के साथ आपका पत्र मिला प्रोग्राम यही संपन्न होता है। अगर आपके पास कोई सुझाव या टिप्पणी हो तो हमें जरूर भेजें, हमें आपके खतों का इंतजार रहेगा। इसी उम्मीद के साथ कि अगले हफ्ते इसी दिन इसी वक्त आपसे फिर मुलाकात होगी। तब तक के लिए अनिल और हैया को आज्ञा दीजिए, नमस्कार।

    हैया:गुडबाय।

    © China Radio International.CRI. All Rights Reserved.
    16A Shijingshan Road, Beijing, China. 100040