कैफ़े डे सोफ़ा की डिज़ाइन से सजावट तक सब तोंग मंगहाओ ने खुद किया है। इसमें हरेक जगह पर उन्होंने जान डाली है। दीवार पर कुछ पुराने फ़ोटो लगे हुए हैं, जिनमें पिछले 7 वर्षों में कैफ़े में हुई कहानियां दिखाई गई हैं। तोंग मंगहाओ ने कहा कि हालांकि मकान का किराया तेज़ी से बढ़ रहा है, लेकिन उन्होंने स्थानांतरण करने के बारे में कभी नहीं सोचा। वे ग्राहकों को हर समय इस कैफ़े में आराम देने की भावना रखते हैं और कैफ़े को सौ वर्ष पुरानी दुकान बनाने का निर्णय लेते हैं। कैफ़े डे सोफ़ा में हर जगह पर कुत्तों की छवि देखने में मिलती है। यह विचार कैफ़े के "वरिष्ठ कर्मचारी" तानचू नाम के एक कुत्ते से आता है, जो कैफ़े के खुलने से अब तक तोंग मंगहोओ के साथ है। तोंग मंगहाओ ने इस कुत्ते की छवि को कैफ़े का लोगो बनाया है।
"तानचू मुझ से और भी अधिक लोकप्रिय है। अतिथि हमारे यहां आते हैं, सबसे पहले उसे बुलाते हैं। मैंने तानचू को कैफ़े का लोगो बनाया है। इससे पहले हमारा लोगो सिर्फ़ कैफ़े डे सोफ़ा के अग्रेज़ी अक्षरों से गठित हुआ करता था, अब इसमें चित्र भी शामिल है। तानचू के हमारे साथ घनिष्ठ संबंध हैं। वर्ष 2009 में जब यह दुकान खुली थी, तब मैं उसे यहां लाया था। शायद 10 वर्ष बाद तानचू हमारे साथ नहीं होगा, पर मुझे आशा है कि कैफ़े डे सोफ़ा और तानचू की छवि का लोगो हमेशा रहेगा। मैं कैफ़े को सौ वर्ष पुरानी दुकान बनाना चाहता हूं और भविष्य में इसे अपने बेटे को दूंगा। शायद लोग उससे पूछेंगे कि दुकान का लोगो सोफ़ा के बजाय कुत्ता क्यों बनाया है ? वो आपको एक कहानी सुनाएगा।"
हालांकि कैफ़े का नाम कैफ़े डे सोफ़ा है, लेकिन इसमें ज़्यादा सोफ़े नहीं मिलते। तोंग मंगहाओ इस शब्द के प्रयोग से लोगों को आराम रहने का विचार देना चाहते हैं।
"मुझे लगता है कैफ़े में लोग जीवन शक्ति का संचार चाहते हैं, इसलिए इसमें तीन रंगों की ज़रूरत होती है, यानी सफ़ेद, हरा और लकड़ी का रंग। मेरी दुकान छोटी है, इसलिए मैं आईना, सफ़ेद और लकड़ी के रंगों से अतिथियों को आरामदेह बनाने की कोशिश करता हूं और हरे रंग से लोगों को जीवन शक्ति की भावना देता हूं। इसी कारण से कैफ़े का नाम कैफ़े डे सोफ़ा रखने के बावजूद इसमें हर जगह सोफ़े नहीं मिलते। मैं चाहता हूं अतिथि सोफ़ा का यह शब्द सुनने पर आराम की भावना महसूस कर सकते हैं।"