तोंग मंगहाओ पेइचिंग में रहने वाले थाईवान के निवासी हैं। उनके पास कई ख़िताब हैं, जैसे कि कैफ़े मालिक, भोजन स्वादक और लेखक इत्यादि। उन्होंने इंटरनेट पर "तानतान इन पेइचिंग" के नाम से खाना पदार्थों का स्वाद चखने के बारे में लाखों शब्दों के लेख लिखे, जिसकी बहुत से नेटिजनों ने प्रशंसा की है। तोंग मंगहाओ ने "थाईवान की मुक्त यात्रा" नाम की एक पुस्तक भी प्रकाशित की है, जिसमें थाईवान में उपलब्ध स्वादिष्ट व्यंजनों का विस्तार से परिचय दिया गया है। इसके चलते वे पाठकों में भी प्रसिद्ध हुए हैं। इन सब के अलावा, जो तोंग मंगहाओ का सबसे ज़्यादा ध्यान खींचता है और उनके सपने को अमल में लाता है, वो है वर्ष 2009 में पेइचिंग के होहाई में खुला गया कैफ़े, जिसका नाम है कैफ़े डे सोफ़ा।
काम की वजह से तोंग मंगहाओ वर्ष 2000 से चीन की मुख्य भूमि में काम करने लगे। थाईवान वालों को अच्छे रेस्टोरेंट ढूंढ़ने में मदद करने के लिए उन्होंने वर्ष 2003 से ब्लॉग लिखना शुरू किया। जिन भी रेस्टोरेंट्स में वे गए, तोंग मंगहाओ इसका परिचय अपने पाठकों को देते हैं। तोंग मंगहाओ के दादा पहले पेइचिंग के होहाई में रहते थे, इसलिए वर्ष 2008 के अंत तक छंगतू और शांगहाई में रहने के बाद वे पेइचिंग में आ बसे और व्यापार करने लगे। तोंग मंगहाओ की माता और बड़े भाई दोनों थाईवान में प्रसिद्ध स्वादक हैं। उनके प्रभाव में और पेइचिंग के प्रति गहरी भावना की वजह से तोंग मंगहाओ ने होहाई के आसपास थाईवान की विशेषता वाला एक कैफ़े खोला।
"पेइचिंग में कैफ़े खोलने के मेरे कुछ कारण हैं। पहला, पेइचिंग में बहुत से स्वादिष्ट व्यंजन उपलब्ध हैं और दूसरा, बचपन में मैं दादा-दादी के साथ यहां रहा करता था। दादा जी पेइचिंग से थाईवान में जा बसे थे, इसलिए पेइचिंग मेरा स्रोत है। मुझे पेइचिंग आना पड़ता है, क्योंकि यहां पर मुझे दादा-दादी की याद आती है। क्यों कैफ़े का व्यापार करता हूं, क्योंकि मैं और मेरी पत्नी दोनों कॉफ़ी पीना पसंद करते हैं और इससे पहले मेरा सारा काम का अनुभव कैफ़े में प्राप्त हुआ था। एक और महत्वपूर्ण कारण यह है कि मेरी माता और भाई दोनों थाईवान में प्रसिद्ध स्वादक हैं।"