कहा जाता है कि इस गांव में क्रमशः पाँच साल में सूखा पड़ा है। उनकी स्थिति भारत में गंभीर सूखे की एक झलक है। इस साल भारत में पिछले 40 सालों में सबसे गंभीर सूखा पड़ा है। देश के करीब 33 करोड़ लोगों को पानी के अभाव का सामना करना पड़ा। भारत में कई क्षेत्रों में कृषि योग्य भूमि में कोई फसल नहीं हुई। इसलिए बारिश की प्रार्थना कई भारतीय लोगों का विकल्प बन गया।
भारत में बारिश की प्रार्थना के लिए भिन्न भिन्न तरीके अपनाए जाते हैं। भारत के असम प्रदेश में मेढक विवाह करने से बारिश की प्रार्थना करने की प्रथा है। किसान विभिन्न गांवों से आए एक पुरुष मेढक और स्त्री मेढक की विवाह रस्म का आयोजन करते हैं। रस्म की समाप्ति के बाद गांव की महिलाएं दोनों मेढकों को नदी के पास लाकर नदी देवता की पूजा करके पानी में डालती हैं। किसान विवाह रस्म में भाग लेते हैं और एक साथ नदी देवता की पूजा करते हैं।
दक्षिण भारत के कर्नाटक के लाइछूर क्षेत्र में स्थानीय लोग भेड़ का शव टांगकर बारिश की प्रार्थना करते हैं। स्थानीय लोगों के अनुसार भेड़ का शव टांगने से लोग बुराई बच सकेंगे, चरवाहे क्षेत्र के अन्य भेड़ों के रोगों से बच सकेंगे और बारिश हो पाएगी। लेकिन विद्वानों ने कहा कि इसी तरह की कहनी बिलकुल निराधार है। ऐसा करने से बारिश नहीं हो सकती, उलटा वायरस के फैलने का खतरा रहता है।