भारतीय मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, 10 जून को दक्षिण भारत की एक छोटे गांव में अद्धुत परेड हुई । परेड में एक निर्वस्त्र लड़के ने सामने नेतृत्व किया। किसानों को आशा है कि इस तरह परेड के आयोजन से स्थानीय सूखे की स्थिति सुधर सकेगी।
परेड अति जटिल है, जो चार हिस्सों में बांटी गयी। सबसे पहले किसानों ने लड़के के कपड़े उतारे और उस के शरीर पर ताजा फूल सजाये। फिर लड़के ने गणेश की मूर्ति को लाकर गांव में परेड की। गांव के पास की नदी पहुंचकर लड़के को मूर्ति की पाँव को मिट्टी में रखकर वापस लौटना था। वापस लौटते समय लड़के को ऊंची आवाज में बारिश की प्रार्थना करने का गीत गाना था और रस्म के बाद नये कपड़े पहनने थे। स्थानीय किसानों का मानना है कि सूखा बारिश देवता द्वारा उन्हें दी गयी सज़ा है। उन्हें उम्मीद है कि वे इसी तरह खास परेड से देवता से क्षमा मांग पाएंगे। स्थानीय किसानों ने कहा कि इस तरह की परेड पहले से होती रही है।