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    20160627 पिछले 15 वर्षों में शांगहाई सगयोग संगठन द्वारा प्राप्त उपलब्धियां
    2016-06-28 10:55:40 cri

    शांगहाई सहयोग संगठन (एससीओ) का 16वां समिट 23 और 24 जून को उज़्बेकिस्तान की राजधानी ताशकन्द में आयोजित हुआ। इस साल शांगहाई सहयोग संगठन की स्थापना की 15वीं वर्षगांठ है। पिछले 15 वर्षों में शांगहाई सहयोग संगठन के सदस्य देश आपसी विश्वास, आपसी लाभ, समानता, विचार विमर्श, सभ्यताओं के सम्मान और साझा विकास के सिद्धांत पर कायम हैं। एससीओ सदस्य देशों के लिए अच्छे पड़ोसियों जैसे मित्रवत सहयोग और साझेदारी बढ़ाने का महत्वपूर्ण बहुपक्षीय व्यवस्था बन गई है।

    15 जून 2001 को चीन, रूस, कजाकिस्तान, किर्गिज़स्तान, ताजिकिस्तान और उज़्बेकिस्तान के नेताओं ने चीन के शांगहाई में शांगहाई सहयोग संगठन स्थापित करने पर घोषणा-पत्र संपन्न किया। इसका उद्देश्य सदस्य देशों के बीच आपसी विश्वास और मित्रतापूर्ण सहयोग मज़बूत करने के साथ साथ विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ावा देना है। इसके साथ ही क्षेत्रीय शांति, सुरक्षा और स्थिरता सुनिश्चित की जाएगी और लोकतांत्रिक, निष्पक्ष और युक्तियुक्त अन्तरराष्ट्रीय राजनीतिक और आर्थिक व्यवस्था स्थापित की जाएगी।

    रूस के वाल्डे अन्तरराष्ट्रीय बहस क्लब के अध्यक्ष एंड्री बिस्ट्रिस्किटी ने कहा कि 15 वर्षों के विकास के चलते शांगहाई सहयोग संगठन दुनिया में प्रभावशाली राजनीतिक शक्ति बन गया है।

    "शांगहाई सहयोग संगठन, सदस्य देशों के लाभ और उनकी मांगों को जोड़ता है। सदस्य देश इस मंच पर चिंता वाले मुद्दों पर सलाह-मशविरा करते हैं और राजनीतिक, आर्थिक क्षेत्रों में मुख्य सवालों पर विचार-विमर्श करते हैं। शांगहाई सहयोग संगठन की स्थापना के 15 वर्ष बाद इसकी प्रतिष्ठा और आकर्षण धीरे धीरे बढ़ रहा है।"

    बिस्ट्रिस्किटी ने कहा कि शांगहाई सहयोग संगठन का सबसे महत्वपूर्ण योगदान यह है कि उसने सदस्य देशों के बीच सलाह मशविरे की व्यवस्था स्थापित की है। संगठन का लक्ष्य और मिशन सहयोग करने में सदस्य देशों की सहायता करना है। यह सबसे महत्वपूर्ण है।

    "शांगहाई सहयोग संगठन सभी सदस्य देशों को प्रभावी बातचीत बढ़ाने के साथ क्षेत्रीय सुरक्षा बनाए रखते हुए विकास को बढ़ावा देने में जुटा है, ताकि विभिन्न पक्षों के हित संगठन के ढांचे में संतुलित हो सकें।"

    शांगहाई सहयोग संगठन की स्थापना के शुरू में क्षेत्रीय सुरक्षा और स्थिरता बनाए रखना इसके सबसे महत्वपूर्ण मिशन में से एक है। आतंकवाद विरोधी सहयोग हमेशा शांगहाई सहयोग संगठन का मुख्य काम बना रहा है। कई वर्षों में विभिन्न पक्षों ने उग्रवाद, पृथकतावाद और आतंकवाद की रोकथाम करने और सदस्य देशों व क्षेत्र की सुरक्षा और स्थिरता सुनिश्चित करने में उल्लेखनीय प्रगति की है। वाल्डे अन्तरराष्ट्रीय बहस क्लब के विशेषज्ञ वसीली खाशिन ने कहा कि शांगहाई सहयोग संगठन मध्य एशिया की सुरक्षा सुनिश्चित करने में अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता रहा है, सदस्य देशों के बीच उच्च स्तरीय आपसी विश्वास मज़बूत करने और वैश्विक आतंकवाद के खिलाफ हमले में योगदान करता रहता है।

    "शांगहाई सहयोग संगठन में क्षेत्रीय आतंकवाद विरोधी एजेंसी स्थापित हुई है, जिसके तहत रूस, चीन और मध्य एशियाई देशों ने उग्रवाद के खिलाफ़ हमले से संबंधित खुफिया सूचनाओं का आदान-प्रदान किया। यह आतंकवाद का खतरा कम करने, आतंकवादियों के ठिकाने नष्ट करने और विभिन्न पक्षों की कार्रवाई में समन्वय करने में लाभदायक है। रूस हमेशा से आतंकवाद विरोध में चीन समेत शांगहाई सहयोग संगठन के सदस्य देशों के साथ सहयोग करने पर ध्यान देता रहता है।"

    सुरक्षा चुनौतियों का सामना करने और क्षेत्रीय शांति और स्थिरता बनाए रखने के अलावा, शांगहाई सहयोग संगठन व्यापार, संपर्क, कृषि और वित्त के क्षेत्रों में विभिन्न देशों के बीच सहयोग बढ़ाने में जुटा हुआ है। सदस्य देशों ने बहुपक्षीय आर्थिक सहयोग की रूपरेखा बनाई और घनिष्ठ भाग्य समुदाय और हित समुदाय स्थापित किए हैं। शांगहाई सहयोग संगठन की उद्यमी समिति के महासचिव सेर्गेई खानावस्की ने कहा कि विभिन्न सदस्य देश अच्छे पड़ोसियों जैसे मित्रतापूर्ण संबंधों को और कारगर सुरक्षा व्यवस्था में बदलना चाहते हैं और आर्थिक विकास के ज़रिए क्षेत्रीय सुरक्षा और स्थिरता बनाए रखना चाहते हैं।

    "शांगहाई सहयोग संगठन के सदस्य देशों की भूमि का क्षेत्रफल व्यापक है और श्रम संसाधन समृद्ध है। सदस्य देश आर्थिक, व्यापारिक सहयोग के लिए बेहतर वातावरण तैयार करना चाहते हैं और इसमें प्रयास करते हैं। उल्लेखनीय है कि हालांकि विभिन्न सदस्य देशों के आर्थिक स्तर और निहित शक्तियां अलग हैं, लेकिन सभी देश समान साझेदार हैं।"

    वर्ष 2015 में रूस के ऊफ़ा में आयोजित शांगहाई सहयोग संगठन के 15वें शिखर सम्मेलन के दौरान चीन और रूस के नेताओं ने सुझाव पेश किया कि शांगहाई सहयोग संगठन को "रेशम मार्ग आर्थिक गलियारे" और यूरेशियन आर्थिक यूनियन को जोड़ने वाला एक महत्वपूर्ण मंच बनाया जाएगा। खानावस्की ने कहा कि चीनी नेताओं ने "रेशम मार्ग आर्थिक गलियारे" का निर्माण करने का रणनीतिक विचार पेश किया, जिसका शांगहाई सहयोग संगठन के सदस्य देशों और यूरेशियन आर्थिक यूनियन ने बड़ा समर्थन किया। दोनों रणनीतियां प्रतिस्पर्द्धी नहीं हैं, इसके बजाए दोनों में व्यापक समानताएं मौजूद हैं, जो क्षेत्रीय आर्थिक वृद्धि में नया योगदान कर सकती हैं।

    "दो रणनीतियों का बड़ा महत्व है। अनुभव से ज़ाहिर है कि चीन द्वारा प्रस्तुत एक पट्टी एक मार्ग सुझाव की दूरगामी और विशाल संभावना है। इससे न सिर्फ़ सीमा पार परिवहन और व्यापार की निहित शक्ति उन्नत होगी, बल्कि अनाज, पारिस्थितिकी, नई प्रौद्योगिकी, चिकित्सा, संस्कृति और खेल में भी लाभ मिलेगा। एक पट्टी एक मार्ग रणनीति के कार्यांवयन में विभिन्न पक्षों की सहमति की ज़रूरत है और इसमें विभिन्न देशों व संगठनों के हितों को जोड़ा जाना चाहिए। इसलिए एक पट्टी एक मार्ग सुझाव एक आदर्श उदाहरण है।"

    15 वर्षों के विकास के चलते शांगहाई सहयोग संगठन क्षेत्रीय सुरक्षा और स्थिरता बनाए रखने और सदस्य देशों का साझा विकास बढ़ाने की कारगर व्यवस्था बन गया है। रूसी विशेषज्ञों ने कहा कि शांगहाई सहयोग संगठन ने सदस्यों का विस्तार करने की प्रक्रिया शुरू कर दी। और ज्यादातर देश इसे स्वीकार करते हैं। शांगहाई सहयोग संगठन में लगातार ताज़ा तत्व शामिल होंगे और इसकी और विशाल संभावना होगी।

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