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    ता येन पगोडा और ह्वेन त्सांग की पश्चिम यात्रा
    2016-06-21 16:12:32 cri

    ता यान पगोडा शीआन शहर के दक्षिणी उपनगर के छिएन मठ में स्थित है, जो प्राचीन शीआन का प्रतीक चिन्ह है। चीन के थांग राजवंश के जडंक्वान राज्यकाल के 19वें वर्ष (ईस्वीं 645) में, महाभिक्षु ह्वेन त्सांग भारत की यात्रा करने के बाद बुद्ध के अनेक अवशेष, धर्मग्रंथ और मूर्तियां चीन लाये थे। थांग राजवंश के सम्राट काओचुंग के योंगह्वेई काल के तीसरे वर्ष (ईस्वी 652) में महाभिक्षु ह्वेनसान द्वारा भारत से लाये गए बौद्ध सूत्रों, बुद्ध की मूर्तियों, बुद्ध के शरीरांग और संस्कृत ग्रंथों को सुरक्षित रखने के लिए निर्मित किया गया था। ता यान पगोडा की कुल ऊंचाई 64.5 मीटर है। पगोडा पिरामिड नुमा वर्गाकार आकार में है, देखने में सरल सादा और भव्य लगता है। वह चीन की बौद्ध वास्तुकला में एक दुर्लभ उत्तम काम है।

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