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    बीमारी नहीं होने की स्थिति में क्यों भुलक्कड़ होता है
    2016-06-13 10:15:28 cri

    महिलाओं की अपेक्षा पुरुषों में भूलने की आदत कुछ ज्यादा होती है. यह तथ्य नॉर्वे यूनिर्वसटिी ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी में हुए रिसर्च में सामने आया है. इसमें यह भी उल्लेखित किया गया है कि क्या वजह है कि उम्र बढ़ने के साथ भूलने की आदत की आशंका बढ़ जाती है. लेकिन रिसर्च में बताया गया कि भूलना कोई बीमारी नहीं है बल्कि एक स्वाभाविक प्रवृत्ति है, जिसे थोड़े प्रयास से कम किया जा सकता है. लेबनानी कवि और लेखक खलील जिब्रान ने भूलने पर एक बहुत अच्छी बात कही है 'भूलना भी एक प्रकार की स्वतंत्रता है.' जब कहीं कुछ असमंजस या असामान्य स्थिति आए तो भूलने की आदत सामने ला देना चाहिए.

    भुलक्कड़पन एक ऐसी समस्या है जिसे लोग छोटी सी बात समझकर टालते रहते हैं, लेकिन जब यह आदत बार-बार या ज्यादा होने लगती है तो थोड़ी परेशानी का भी कारण बन जाती है. जैसे अपनी अलमारी, कार की चाबी, चश्मा, मोबाइल, पर्स या कोई जरूरी कागजात जो इतनी सावधानी से हम कहीं रख देते हैं कि भूल ही जाते हैं कि कहां रखे थे। कभी किसी से मिलते हैं तो उसका नाम ही याद नहीं आता और दिमाग है कि उसी चीज पर लगा रहता है जिसे हम भूल जाते हैं और जब तक वो चीज याद न जाए मन में उथलपुथल चलती रहती है. वैसे माना जाता है कि कमजोर याददाश्त लोगों की जीवनशैली से जुड़ी है. लेकिन इसके अलावा भुलक्कड़पन के और भी कारण हैं. इसलिए भूलने लगते हैं हम...

    नींद की कमी: नींद पूरी न होना वयस्कों में भूलने का सबसे बड़ा कारण है. आठ घंटे की नींद न मिलने से मन अशांत रहता है और हम चीजों को भूल जाते हैं. नींद की कमी पागलपन का भी कारण बन सकती है।

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