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    आपका पत्र मिला 2016-05-11
    2016-05-24 15:21:52 cri

    अनिल:आपका पत्र मिला कार्यक्रम सुनने वाले सभी श्रोताओं को अनिल का नमस्कार।

    हैया:सभी श्रोताओं को हैया का भी प्यार भरा नमस्कार।

    अनिल:दोस्तो, पहले की तरह आज के कार्यक्रम में हम श्रोताओं के ई-मेल और पत्र पढ़ेंगे। इसके बाद एक श्रोता के साथ हुई बातचीत के मुख्य अंश पेश किए जाएंगे।

    चलिए श्रोताओं के पत्र पढ़ने का सिलसिला शुरू करते हैं। पहला पत्र हमें आया है, पश्चिम बंगाल से हमारे मॉनिटर रविशंकर बसु का। उन्होंने लिखा है......सोमवार,2 मई ,2016 को रात साढ़े नौ से साढ़े दस बजे तक शार्ट वेव 7395 किलोहर्ट्ज (kHz) पर आपका रेडियो प्रोग्राम सुना। अनिल आज़ाद पाण्डेय जी द्वारा पेश किये गए दुनिया भर के ताज़ा समाचार सुनने के बाद मैडम श्याओ थांग जी द्वारा पेश साप्ताहिक "आर्थिक जगत" प्रोग्राम पूरे मनोयोग से सुना।

    आज "आर्थिक जगत" कार्यक्रम में पेइचिंग के युवा उद्यमी चांग छाओ की कहानी हमें सुनाई, जो सूचनाप्रद व महत्वपूर्ण लगी।

    रिपोर्ट सुनकर पता चला कि चांग छाओ का जन्म 1985 में पेइचिंग में हुआ। वह अचल-संपत्ति लेनदेन O2O मंच यानी खानच्या नेटवर्क के संस्थापकों में से एक है। विश्वविद्यालय से स्नातक होने के बाद उसने प्रोग्रामर का काम किया। वर्ष 2011 में उन्होंने इस व्यवसाय में प्रवेश किया। वर्ष 2014 में चांग छाओ ने अपने मित्रों के साथ उक्त कंपनी शुरू की। आशा जताई कि उनकी कोशिशों से भविष्य में इस व्यवसाय का मानकीकरण होगा। और ग्राहकों को अधिक मूल्य मिलेगा। वर्ष 2014 में चीन के प्रॉपर्टी मार्केंट में गिरावट आनी शुरू हुई। विक्रेता बाज़ार धीरे-धीरे खरीदार बाज़ार में परिवर्तित होने लगा। इसी तरह बाज़ार में अचल-संपत्ति से संबंधित सूचनाएं और अच्छी गुणवत्ता वाली सेवा की मांग अधिक से अधिक बढ़ने लगी। ऐसे माहौल में चांग छाओ और मित्रों ने खानच्या वेबसाइट यानी comjia.com शुरू की। चीनी भाषा में "खानच्या" का मतलब होता है घर के बारे में बातचीत। कोमच्या डॉट कोम की चर्चा करते हुए चांग छाओ ने कहा कि वे उपभोक्ताओं को अधिक विकल्प देना चाहते हैं। इस वेबसाइट के माध्यम से वह उपभोक्ताओं को असली और पारदर्शी सूचना देने के साथ-साथ ज्यादा अच्छी गुणवत्ता वाली सेवा भी प्रदान करते हैं। चांग छाओ की खानच्या वेबसाइट यानी कोमच्या डॉट कॉम के लिए वर्ष 2014 असाधारण साल था। शुरू में यह पारंपरिक एजेंसी थी। बाद में चांग छाओ ने इसके ढांचे में परिवर्तन किया। इस दौरान दसेक कर्मचारियों की कंपनी में सैकड़ों लोग काम करने लगे। वर्ष 2014 में कंपनी में कंपनी को बहुत लाभ मिला और कमाई भी अच्छी हुई। कंपनी शुरू होने से लेकर अब तक के कुछ सालों में चांग छाओ के बिजनेस कते बारे में विचार बदल गए हैं। चांग छाओ ने कहा कि उन्हें लगता है कि उद्यमिता सृजन ही है। किसी वस्तु की रचना भी। यह विचार दूसरी पारंपरिक कंपनी की स्थापना से कहीं अलग है।

    दूसरी और एक रिपोर्ट में सुना है कि रूस के क्रास्नायार्स्क शहर में देशभक्ति थीम वाला रेस्तरां खोला गया है। जिसके डिज़ाइन में मुख्य तौर पर सफ़ेद, नीले और लाल तीनों रंगों का प्रयोग किया गया है, जो रूस के राष्ट्रीय ध्वज का रंग है। रेस्त्रां की दीवारों पर वर्तमान राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के फोटो लगाए गए हैं।"राष्ट्रपति" नाम के इस रेस्त्रां की बाहरी दीवारों पर रूस के राष्ट्रीय ध्वज का चित्र बनाया गया है। इसके भीतर बार सहित प्रमुख कक्ष और बच्चों के लिये दो कमरे हैं। प्रमुख कमरे की दीवार पर एक बहुत बड़ा चित्र लगाया गया है, जिसके बैकग्राउंड में रूसी राष्ट्रीय ध्वज और मुख्य विषय एक बलवान भालू। अन्य दीवारों पर राष्ट्रपति पुतिन के अलग समय के फोटो लगाए गए हैं। उनमें एक दीवार पर लगाए गए फोटो को दिल का आकार दिया गया है। रेस्त्रां में एक छोटे से मंच की पृष्ठभूमि लाल चौक और क्रेमलिन भवन के रात का दृश्य है। मज़ेदार बात यह है कि रेस्तरां के शौचालय के द्वार के फ़्लोर मैट पर अमेरिकी राष्ट्रीय ध्वज चित्रित है। शौचालय के भीतर दीवारों पर ब्रिटेन, अमेरिका और जर्मनी के राष्ट्रीय नेताओं के फोटो लगाए गए हैं। टॉयलेट पेपर पर अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा का चित्र बनाया गया है।

    आज साप्ताहिक "जीवन के रंग" कार्यक्रम में वनिता जी ने भोजन के बाद पेट में गैस से छुटकारा कैसे मिलेगा इस बारे में जो सरल घरेलु तरीके बताई वह सभी के लिए काफी उपयोगी होगा।

    हैया:रविशंकर बसु जी, हमें पत्र भेजने के लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद। चलिए, अगला पत्र मेरे हाथ आया है उड़ीसा से मॉनिटर सुरेश अग्रवाल जी का। उन्होंने लिखा है...... केसिंगा दिनांक 6 मई। सीआरआई हिन्दी का ताज़ा प्रसारण रोज़ाना की तरह आज भी शाम ठीक साढ़े छह बजे मैंने अपने तमाम परिजनों के साथ मिलकर शॉर्टवेव 9450 किलोहर्ट्ज़ की आवृत्ति पर पूरे मनोयोग से सुना और अब मैं उस पर अपनी त्वरित टिप्पणी आप तक पहुँचाने कंप्यूटर के सामने बैठा हूँ। बिजली और संचार ने साथ दिया तो कुछ ही क्षणों में हमारी बात आप तक पहुँच जायेगी। बहरहाल, ताज़ा अन्तर्राष्ट्रीय समाचारों के बाद पेश साप्ताहिक "चीन का तिब्बत" के तहत आज चीन के तिब्बत स्वायत्त प्रदेश में स्वास्थ्य और चिकित्सा सेवाओं की स्थिति पर महती जानकारी हासिल हुई। यह जानकारी काफी उत्साहवर्द्धक लगी कि चीनी वसन्तोत्सव के अवसर पर तिब्बत स्वायत्त प्रदेश की कूगा काउण्टी, जिसकी आबादी 12 हज़ार है और जो समुद्रतल से बारह हज़ार फुट से भी अधिक की ऊँचाई पर स्थित है, विशेष चिकित्सा दल द्वारा वहां पहुँच कर लीवर सम्बन्धी बीमारी से ग्रस्त लोगों का ईलाज़ किया गया। इसके अलावा ऊँचाई बीमारी, हृदयरोग, फ़ेफ़डे, त्वचा तथा मोतियाबिंद आदि बीमारियों का भी ईलाज़ यहाँ सामान्य तौर पर किया जा रहा है। यह जान कर अच्छा लगा कि बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं की बदौलत तिब्बत में लोगों की औसत आयु 68 वर्ष हो गई है। निश्चित तौर पर पठार की दुरूह परिस्थितियों में लोगों को समुचित स्वास्थ्य सुविधाएँ मुहैया करा पाना कोई आसान काम नहीं है और इस काम के लिये सरकार धन्यवाद की पात्र है।

    कार्यक्रम "दक्षिण एशिया फ़ोकस" के अन्तर्गत भारत में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की पहल पर 28 अप्रैल से ग़रीबी रेखा से नीचे जीवन बसर करने वाली ग्रामीण महिलाओं के लिये शुरू की गई "उज्ज्वला" योजना पर वरिष्ठ पत्रकार उमेश चतुर्वेदी के विचार सुनवाया जाना काफी महत्वपूर्ण लगा। यह जान कर अच्छा लगा कि गत एक वर्ष की अवधि में स्वेच्छा से कोई एक करोड़ नागरिकों द्वारा अपनी गैस सब्सिडी लौटा दी गई है, जिससे सरकार को जो दो हज़ार करोड़ का लाभ होगा, उसे ही उज्ज्वला योजना पर ख़र्च किया जायेगा। धन्यवाद एक सार्थक परिचर्चा के लिये।

    अनिल:सुरेश अग्रवाल जी, हमें पत्र भेजने के लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद। चलिए, अगला पत्र मेरे हाथ आया है छत्तीसगढ़ से चुन्नीलाल कैवर्त जी का। उन्होंने लिखा है...... चाइना रेडियो इंटरनेशनल के सभी भाई बहनों को मेरा प्यार भरा नमस्कार।आशा है,आप सब सकुशल होंगे।

    'चीन भारत आवाज़'कार्यक्रम में भारत स्थित अस्थाई चीनी कार्यवाहक श्री ल्यू चिनसोंग द्वारा 'चीन-भारत संबंधों की वर्तमान स्थिति और भविष्य' के विषय पर भाषण सुनने को मिला। श्री चिनसोंग ने चीन और भारत के बीच के घनिष्ठ सम्बन्धों को प्रमाणित करने वाले जो 10 उदाहरण दिये,वे मील के पत्थर हैं। उनके द्वारा सुनायी गई सभी 10 कहानियों ने मेरे दिल को छू लिया। ये सभी कहानियाँ सूचनाप्रद एवं ज्ञानवर्धक लगी। 'सीमा पार नदी चीन-भारत मित्रता' की बात हो या चीन के वांदा समूह ने भारत में नए औद्योगिक शहर स्थापित करने के लिए 10 अरब अमेरिकी डॉलर की पूंजी लगाने की योजना , भारत के ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म फ्लिपकार्ट अलीबाबा और मी फोन जैसी चीन की मशहूर आईटी कंपनियों के साथ गहन रूप से सहयोग की बात हो या भारतीय तीर्थ यात्रियों के लिए नाथुला दर्रे से कैलाश जाने वाला नये मार्ग की बात – इन सभी कहानियों से पता चलता है कि 2000 साल पुराना चीन भारत संबंध ,आज भी बदस्तूर जारी है। साथ ही 21 वीं सदी में भी चीन-भारत संबंधों की विशाल संभावना है।

    इस कार्यक्रम के पहले प्रसारित अंक में भारत में चीनी स्मार्ट फोन की बढ़ती लोकप्रियता के बारे में चर्चा भी उत्साहजनक और सूचनाप्रद लगी। वैसे तो भारतीय बाज़ारों में चीनी उत्पादों की धूम है। मेरे अनुमान से 90 प्रतिशत भारतीय युवाओं के हाथों में मेड इन चाइना स्मार्ट फोन रहते हैं। भारत के अधिकांश मोबाइल दूकानों में मेड इन चाइना फोन मिल जायेंगे। इसमें श्याओमी स्मार्ट फोन के नेटवर्क की गति बहुत तेज़ है। मेड इन चाइना स्मार्ट फोन सस्ते होते हैं और नेटवर्क की गति भी तेज़ है। इसके साथ ही इसका इस्तेमाल आसान भी है।

    इतनी अच्छी और रोचक जानकारी देने के लिए सी आर आई का हार्दिक धन्यवाद। 'पश्चिम की तीर्थ यात्रा'कथासागर क्यों बंद कर दिया गया है ? कृपया इसे पुनः आरंभ करने का कष्ट करें।

    हैया:चुन्नीलाल कैवर्त जी, हमें पत्र भेजने के लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद। चलिये, आगे पेश है पश्चिम बंगाल से देवशंकर चक्रवर्ती जी का पत्र। उन्होंने लिखा है...... आपकी वेबसाइट पर वनिता जी द्वारा पेश साप्ताहिक "जीवन के रंग " प्रोग्राम सुना। इस प्रोग्राम में दिवंगत परिजनों के प्रति सम्मान प्रदर्शित करने का मौक़ा प्रदान करने वाले चीन का परंपरागत त्यौहार छिंग मिंग त्यौहार के मनाने की परम्परा से लेकर इसके इतिहास पर बड़ी बारीकी से प्रकाश डाला, धन्यवाद।

    छिंग मिंग त्योहार पू्र्वजों की याद से जुड़ा हुआ एक त्यौहार है। छिंग मींग चीनी पंचांग के अनुसार, 24 प्रमुख दिनों में से एक है, जो आम तौर पर अप्रैल के उत्तरार्द्ध में पड़ता है। छिंग मींग त्योहार पर, लोग अकसर उपनगर जाते हैं और पूर्वजों की पूजा करते हैं, या बाहर घुमते हैं। चीन के कुछ स्थलों में छिंग मींग त्योहार को भूतों का त्योहार भी माना जाता है। छिंग मींग त्योहार को मनाने के लिए लोग पूर्वजों के मकबरों पर जाते हैं और उनकी कब्रों को साफ़ करते हैं और उन पर फूल-मालाएं चढाते हैं और खाना, चाय, वाइन, चापॅस्टीक, अगरबत्तियां चढ़ाते है। इसे ठंडा भोजन का दिन भी कहा जाता हैं। यह चिऐ ज थोए की याद में मनाया जाता हैं। छींग मिंग पर लोग अपने परिवार के साथ बाहर घूमने के लिए जाते है, वसंत जुताई शुरू करते है, और नाच-गान भी करते है। छींग मिंग ही एक ऐसा समय होता है जब युवा जोड़े प्रणय निवेदन करना शुरू करते है। एक अन्य लोकप्रिय बात है कि चीनी लोग इस दिन चीनी ओपेरा से बने चरित्र या जानवरों के आकार के बनी पतंग उड़ाते है। यह रीति-रिवाज़ चीन के हान राज्यवंश से शुरु हुआ, और आज भी यह प्रचलित है। छींग मिंग त्यौहार का पालन करते हुए वर्ष 2008 में मुख्य-भूमि चीन में एक राष्ट्रव्यापी सार्वजनिक अवकाश के रूप में बहाल किया गया। इस अवसर पर सभी चीनियों को तीन दिन की छुट्ठी मिलती है।छिंग मींग त्योहार पर चीन में बहुत स्कूल ऐसी गतिविधियों का आयोजन भी करते हैं कि अध्यापक विद्यार्थियों को लेकर वीरों के मकबरों के सामने जाकर वीरों के सम्मान में फूल चढ़ाते हैं। चीन में छिंग मिंग त्योहार के अवसर पर पतंग उड़ाने और झूला झूलने का रीति रिवाज़ भी है।

    कार्यक्रम में वनिता जी ने हाल ही में रिलीज हुई हॉलीवुड फिल्म निर्देशक जोन फेवरियू की 'द जंगलबुक'को लेकर एक समीक्षा पेश की जो सुनकर बचपन एक बार फिर लौट आया है। सुना है कि इस फिल्म में नवोदित बाल कलाकार नील सेठी ने मोगली का किरदार निभाया है और फिल्म में वह अकेले मानवीय कलाकार हैं, जबकि अन्य सभी कलाकार कम्प्यूटर ग्राफिक्स से बनाए गए हैं।

    अनिल:देवशंकर चक्रवर्ती जी, हमें पत्र भेजने के लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद। चलिये, आगे पेश है जमशेदपुर से एस बी शर्मा जी का पत्र। उन्होंने लिखा है...... सी आर आई के सभी साथियों को नमस्कार। उम्मीद है आप सब स्वस्थ और सुखी होंगे, कल मैंने दक्षिण एशिया फोकस कार्यक्रम सुना पंकज श्रीवास्तव जी ने श्री उमेश चतुर्वेदी जी से भारत सरकार की क्रान्तिकारी योजना और अर्थपूर्ण प्रयास पर चर्चा की। इस बातचीत में भारत सरकार के गिव ईट उप योजना और हल ही में लांच की गई प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना की विस्तृत चर्चा कीI इससे पता चला कि केंद्र सरकार की गिव ईट उप योजना पूर्ण रूप से सफल रही है और अबतक स्वेक्षा से एक करोड़ लोगो ने गैस की सब्सिडी लेना छोड़ दी है और भारत सरकार को विकास कार्यक्रमों को आगे बढ़ने में मदद कीI उन समस्त नागरिक को बहुत बहुत शुक्रिया। इस पैसे से भारत सरकार ने बीपीएल यानि गरीबी रेखा से रहने वाली महिलाओं के लिए गैस देने की नई योजना उज्ज्वला चालू की है। सचमुच यह सराहनीय कदम है इससे महिलाओं को राहत मिलेगी उनको खाना बनाने में सहूलियत होगी, धुएं से होने वाले रोग नहीं होंगे, घर काळा नहीं होंगे आदि आदि इसके अनेक फायदे मिलने जा रहे हैं। इसके अलावा भी इसके बहुत फायदे होंगे। पर मेरे मन में एक सवाल है जिसका जबाब मैं ढूढ़ना चाहता हूँ और दूर दूर तक नहीं दिखाई देता है मैं १९८६ बिहार के आदिवासी बहुत इलाके में रहना चालू किया हूँ अभी जारी है। वर्तमान में इसे झारखण्ड कहते है इस इलाके की अधिकांश आदिवासी गरीब परिवार जंगल से लकड़ी काट कर और चुन कर नजदीकी बाजार में बेचते हैं और इससे मिले पैसे से वे अपना पेट भरते हैं अब जबकि भारत सरकार ने उज्ज्वला योजना चालू की है इन गरीबो का लकड़ी खरीदने वाला कोई नहीं बचेगा क्योंकि सबके पास गैस कनेक्श्न हो जायेगा तो इन गरीबों की लकड़ी कौन खरीदेगा ये अपनी लकड़ी किसको बेचेंगे। क्योंकि असली खरीददार को अब इन लकड़ियों की जरुरत ही नहीं रहेगी। तब क्या होगा इस गरीब आदिवासियों का पेट कैसे भरेगा इनके घरों में तो चूल्हा ही नहीं जलेगा बेचारे गरीब उज्जला के कारण मर जायेंगे। भारत सरकार को इन गरीब आदिवासियों के विषय में भी सोचना चाहिए ताकि उज्ज्वला से हर घर में खाना पके कोई बिना खाये न सोये। धन्यवाद।

    हैया:अब सुनिए हमारे श्रोता दोस्त श्याम मेहर जी के साथ हुई बातचीत।

    अनिल:दोस्तो, इसी के साथ आपका पत्र मिला प्रोग्राम यही संपन्न होता है। अगर आपके पास कोई सुझाव या टिप्पणी हो तो हमें जरूर भेजें, हमें आपके खतों का इंतजार रहेगा। इसी उम्मीद के साथ कि अगले हफ्ते इसी दिन इसी वक्त आपसे फिर मुलाकात होगी। तब तक के लिए अनिल और हैया को आज्ञा दीजिए, नमस्कार।

    हैया:गुडबाय।

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