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    आपका पत्र मिला 2016-04-20
    2016-05-24 15:01:56 cri




    पंकज:आपका पत्र मिला कार्यक्रम सुनने वाले सभी श्रोताओं को पंकज श्रीवास्तव का नमस्कार।

    हैया:सभी श्रोताओं को हैया का भी प्यार भरा नमस्कार।

    पंकज:दोस्तो, पहले की तरह आज के कार्यक्रम में हम श्रोताओं के ई-मेल और पत्र पढ़ेंगे। चलिए श्रोताओं के पत्र पढ़ने का सिलसिला शुरू करते हैं। पहला पत्र हमें आया है, पश्चिम पंगाल से हमारे मॉनिटर रविशंकर बसु का। उन्होंने लिखा है......

    आज रविवार,10 अप्रैल ,2016 को रात साढ़े नौ से साढ़े दस बजे तक शार्ट वेव 7395 किलोहर्ट्ज (kHz) पर आपका रेडियो प्रोग्राम सुना। पंकज श्रीवास्तव जी द्वारा पेश किये गए दुनिया भर के ताज़ा समाचार सुनने के बाद अखिल पाराशर जी और मैडम श्याओ थांग जी द्वारा पेश "संडे की मस्ती" प्रोग्राम पुरे मनोयोग से सुना।

    आज "संडे की मस्ती" कार्यक्रम में मैडम श्याओ थांग जी हाल ही में भारत के गया शहर में चीन का मशहूर प्राचीन उपन्यास "पश्चिम की तीर्थ यात्रा" का ऑडियो पुस्तक का हिंदी संस्करण विमोचन को लेकर एक खास रिपोर्ट पेश की जो बेहद अच्छी लगी। रिपोर्ट से पता चला कि चाइना रेडियो इंटरनेशनल और भारत-चीन आर्थिक और सांस्कृतिक एसोशिएशन ने संयुक्त रूप से "पश्चिम की तीर्थ यात्रा" ऑडियो पुस्तक के हिंदी संस्करण के विमोचन पर एक भव्य समारोह आयोजित किया, जिसमें चाइना रेडियो इंटरनेशनल के प्रतिनिधिमंडल और भारतीय मगध विश्वविद्यालय के विशेषज्ञों, विद्वानों और चाइना रेडियो इंटरनेशनल के स्थानीय श्रोताओं ने भाग लिया।

    यहां पर मैं उल्लेख करना चाहूंगा कि विश्व के चार प्राचीन सभ्य देशों में से चीन और भारत मित्र और पड़ोसी हैं और उनकी संस्कृति विविध है। इन दो प्राचीन देशों के बीच सांस्कृतिक आवाजाही का इतिहास बहुत लंबा है। चीन के थांग राजवंश के समय आचार्य ह्वेन त्सांग (Hsüan-tsang) बौद्ध धर्म के अध्ययन के लिए पैदल भारत आये थे और 657 भारतीय बौद्ध ग्रंथों के साथ चीन वापस लौटे। उन्होंने चीन की चिरप्रतिष्ठित पौराणिक उपन्यास "पश्चिम की तीर्थ यात्रा" लिखी। चीन और भारत के बीच सांस्कृतिक आवाजाही की यह एक आदर्श मिसाल माना जाता है। "पश्चिम की तीर्थ यात्रा" का कथानक जटिल और विविध विषयों से भरा हुआ है और बौद्ध धर्म के संदर्भ में अनेकों कथाएं और प्रथाएं चित्रित की गयी हैं। वह चीन में अब तक बेहद लोकप्रिय है और बच्चों से लेकर वृद्धों तक मनपसंद रहा है। यह पुस्तक भारत के प्राचीन यानी ईसा की सातवीं शताब्दी से पूर्व के इतिहास के संदर्भ में एक सर्वाधिक मूल्यवान कृति है। आज भी प्राचीन भारत का अध्ययन के लिए, इस रचना का सहारा लेना पड़ता है। इस समारोह में सीआरआई के महानिदेशक वांग गंग न्यैन जी (Mr.Wang Gengnian) ने भाषण देते हुए कहा कि "चीन और भारत एक दूसरे के मित्रवत और करीबी पड़ोसी देश है। दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक आदान-प्रदान के लंबे इतिहास में बौद्ध धर्म ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। बौद्ध धर्म भारत में ही पैदा हुआ था और ये धरती बौद्ध संस्कृति जानने की सबसे अच्छी जगह मानी जाती है।" सुना है कि "पश्चिम की तीर्थ यात्रा" ऑडियो पुस्तक के संपादन और प्रकाशन काम में सी आर आई हिन्दी विभाग के कुछ सदस्यों ने मदद दी है। मेरा मानना है कि भारत में "पश्चिम की तीर्थ यात्रा" का ऑडियो सीडी प्रकाशित होना भारत और चीन के बीच सांस्कृतिक आदान प्रदान और साहित्य क्षेत्र में एक महान काम है, जो दोनों देशों के बीच परंपरागत मित्रता बढ़ाने में सहायक होगा।

    जानकारियों की क्रम में सुना है कि चीन के शंधाई में एक कंपनी लोगों को मौत और फिर पुनर्जन्म का अनुभव देने के लिए वर्चुअल दाह संस्कार का 'अहसास'दे रही है। यह खबर सुनकर मेरे मन में एक सवाल आया। ग्रामीण भारत में ग्रामवासियों ने आज भी विश्वास करते है कि पीपल वृक्ष,मौलसिरी वृक्ष, कीकर वृक्ष,श्मशान या कब्रिस्तान पर भूत-प्रेत निवास करते है। भूतों को देखने का दावा भी करते हैं जबकि कुछ इसे कोरी अफवाह मानते हैं। भूत-प्रेत से जुड़ी कई मान्यताएं व अफवाएं भी हमारे समाज में प्रचलित हैं। क्या इस साइंटिफिक युग में चीनी लोगों ने भी भूत-प्रेतों पर विश्वास करते है या नहीं ? जरा बताइए।

    आज आपने चीन में हुबेई प्रॉविन्स के बोडोंग काउंटी में रहने वाले 27 वर्षीय विकलांग युवक छन चीफंग की सफलता के बारे में जो कहानी सुनाई उसके जितना भी तारीफ करे वह कम होगी। हाथ न होने के कारण छन अपनी फैमिली पर बोझ नहीं बना ब्लकि अपनी फैमिली के हर काम में हाथ बंटाता है। हाथ न होने के कारण उसने पैरों की उंगलियों को ताकत बनाया और अपना हर काम अपने पैरों की उंगलियों से करता है। छन आज सक्सेसफुल ई-कॉमर्स वेबसाइट का मालिक है जो सफलता की एक बेहतरीन कहानी है। दृढ मनोवल और पैरों की उंगलियों की जोर से छन चीफंग ने यह प्रमाण किया की कोई भी चीज़ असंभव नहीं है। अगर हम कोशिश करेंगे तो हमारा हर सपना पूरा कर सकता है। मुझे उम्मीद है कि आपका यह रिपोर्ट मेरे जैसा बेरोजगार आदमी साथ ही आम आदमी को प्रेरणा देगी।

    एक अन्य रिपोर्ट में सुना है कि चीन के दक्षिणी इलाके में स्थित गुआंगडोंग प्रांत के ग्रामीण इलाके में आने वाले पर्यटकों को चीन के लोग शुद्ध पहाड़ी हवा को बोतलों में बंद कर बेच रही है। वर्तमान समय में दुनियाभर के कई देश वायु प्रदूषण से त्रस्त हैं। चीन की राजधानी पेइचिंग में तो वायु प्रदूषण को लेकर आपातकाल जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई है। दो बार रेड अलर्ट जारी कर दिया गया है। चीन में लोग एक बोतल शुद्ध हवा को 100 रुपए से 300 रुपए में बेच रही है। रिपोर्ट सुनकर मुझे मालूम है कि शायद वह दिन दूर नहीं जब इंसान को जिंदा रहने के लिए अपनी हर सांस की कीमत चुकानी होगी।

    आज सुना है कि चीन के वैज्ञानिकों ने एक कृत्रिम सूरज बनाने का बड़ा कारनामा कर दिखाया है। यह कृत्रिम सूर्य नियंत्रित थर्मोन्यूक्लियर फ्यूजन के माध्यम से असीमित शुद्ध ऊर्जा उपलब्ध करा सकता है।वाकई यह एक महान वैज्ञानिक उपलब्धि है। आज प्रोग्राम में अखिल जी द्वारा पेश प्रेरक कहानी "स्वर्ग का मार्ग" अच्छा लगा। आज हेल्थ टिप्स में गर्मी में फ्रिज का ठंडा-ठंडा पानी पीने के 4 नुकसानों के बारे में दी गई जानकारी अच्छी लगी। प्रोग्राम के अंत में ''लव गेम्स'' फिल्म का ट्रेलर सुनवाया जाना भी अच्छा लगा। धन्यवाद।

    दिनांक 15 अप्रैल ,2016 शुक्रवार को रात साढ़े नौ से साढ़े दस बजे तक शार्ट वेव 7395 किलोहर्ट्ज (kHz) पर आपका रेडियो प्रोग्राम सुना। पंकज श्रीवास्तव जी द्वारा पेश किये गए दुनिया भर के ताज़ा समाचार सुनने के बाद साप्ताहिक "चीन का तिब्बत" प्रोग्राम एवं "दक्षिण एशिया फोकस" प्रोग्राम सुना।

    हैया:आगे बसु जी लिखते हैं......आज साप्ताहिक "चीन का तिब्बत" प्रोग्राम में 12वें चीनी राष्ट्रीय सलाहकार सम्मेलन के पूर्णांधिवेशन में भाग लेने वाली मेटोक काउटी से आई लोबा जातीय जन प्रतिनिधि सुश्री केल्सांग द्रोकर के बारे में एक महत्वपूर्ण रिपोर्ट सुनने को मिली। रिपोर्ट सुनकर पता चला कि मेटोक काउटी तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के नींगची शहर में स्थित है जहां तिब्बती जाति के अलावा मेंबा, लोबा, मंगोलिया और शेरपा जैसे दसेक अल्पसंख्यक जातियां भी रहती हैं। तिब्बती भाषा में मेटोक का मतलब है फूल। मेटोक का क्षेत्रफल 31 हजार वर्ग किलोमीटर है। लोबा जाति के केवल तीन हजार आबादी है। केल्सांग द्रोकर राष्ट्रीय सलाहकार सम्मेलन में एक मात्र लोबा जातीय प्रतिनिधि है।

    12वें सलाहकार सम्मेलन की समाप्ति पर मीडिया सम्मेलन में केल्सांग ने बताया कि वर्ष 2013 के सलाहकार सम्मेलन के दोरान उन्होंने यातायात मंत्री के सामने तिब्बत में मार्ग निर्माण के सवाल पर अपना विचार व्यक्त किया और तिब्बत में अधिक मार्ग निर्मित करने की बिल भी पेश की। वर्ष 2013 के अक्तूबर में मेटोक से बाहर तक जाने का राज मार्ग प्रशस्त किया गया। मेटोक के कुछ टाउनशिपों की ओर जाने का मार्ग निर्मित हो चुका है , दूसरे टाउनशिप जाने वाले मार्ग भी निर्माणाधीन हो रहा है। वर्ष 2015 के सम्मेलन में उन्होंने फिर भी पाँच प्रस्ताव पेश किये। उन में गरीबी उन्मूलन और वातावरण संरक्षण की बिल सब से महत्वपूर्ण हैं। रिपोर्ट में बताया गया है कि मेटोक काउटी में सभी गरीब परिवारों को पंजीकृत किया गया है और बाद में सभी गरीब परिवारों की मदद करने के लिए ठोस मुद्दा चलाया जाएगा।

    मेटोक काउटी चीन का खजाना है जहां वातावरण का अच्छी तरह संरक्षण किया जा रहा है। मेटोक काउटी का मौसम ऐसा खुशनुमा होता है कि सर्दियों के दिन इतनी सर्दी नहीं है , और गर्मियों के दिन इतनी गर्मी भी नहीं। मेटोक काउटी में कई हजार किस्म वाली वनस्पतियां फैलती हैं और पूरा मेटोक उष्णकटिबंधीय दृश्यों से घिरा हुआ है। मेटोक काउटी में पर्याप्त प्राकृतिक संसाधन मौजूद है। पर्यटक मेटोक की अतुल्य सुंदरता का आनंद लेने के लिये देश के सभी क्षेत्रों से वहां आते रहते हैं।

    आज "दक्षिण एशिया फोकस" प्रोग्राम में पिछले 4 अप्रैल को नई दिल्ली में चाइना रेडियो इन्टरनेशनल द्वारा बनाई गई चीनी भाषा सीखने वाले "नमस्कार चीन" शीर्षक हिन्दी और तमिल भाषी सीडी जारी को लेकर एक श्रोता के साथ हुई बातचीत के मुख्य अंश हमें सुनने को मिली। मुझे उम्मीद है कि "नमस्कार चीन" शीर्षक सीडी से दिल के करीब आएंगे भारत और चीन।

    पंकज:रविशंकर बसु जी, हमें रोजाना पत्र भेजने के लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद। चलिए, अगला पत्र मेरे हाथ आया है उड़ीसा से हमारे मॉनिटर सुरेश अग्रवाल जी का। उन्होंने लिखा है...... केसिंगा दिनांक 17 अप्रैल। दिनचर्या का अटूट हिस्सा बन चुके सीआरआई हिन्दी के ताज़ा प्रसारण को प्रतिदिन की तरह मैंने आज भी अपने तमाम परिजनों के साथ मिलकर अपने निवास पर शाम ठीक साढ़े छह बजे शॉर्टवेव 9450 किलोहर्ट्ज़ की आवृत्ति पर स्पष्ट रिसैप्शन के साथ सुना और अब मैं उस पर अपनी त्वरित प्रतिक्रिया के साथ आपके समक्ष पेश होने कम्प्यूटर की शरण में हूँ। संचार और बिजली ने साथ दिया तो कुछ ही क्षणों में यह रिपोर्ट आपके हाथों में होगी। बहरहाल, ताज़ा समाचारों के बाद साप्ताहिक "सण्डे की मस्ती" का आगाज चीनी गीत" तुम मेरी आँखे हो" के साथ किया जाना काफी अच्छा लगा। अच्छी बात यह भी थी कि आपने गीत का भावार्थ, जो कि -नेत्रहीन लोगों की आँखों में रौशनी की जिज्ञासा लिये था, काफी मर्मस्पर्शी बन पड़ा। सण्डे स्पेशल में सपनाजी की विशेष रिपोर्ट, जो कि गत चार अप्रैल को नई दिल्ली में सीआरआई द्वारा चीनी संस्कृति पर आधारित हिन्दी और तमिल भाषाओँ में ज़ारी डीवीडी के अवसर पर थी, काफी महत्वपूर्ण लगी। सीआरआई के महानिदेशक वांग महोदय, आकाशवाणी के अधिकारी राजीव कुमार शुक्ल सहित समारोह में उपस्थित तमाम लोगों के विचार काफी अहम लगे। मैं इस बात से पूरी तरह सहमत हूँ कि चीन-भारत रिश्तों को पश्चिमी मीडिया के नज़रिये से देखना उचित नहीं, अपितु दोनों देश परस्पर सहयोग से जानकारियों का आदान-प्रदान करें। इस अवसर पर सीआरआई हिन्दी सेवा के प्रसारक अनिल पाण्डे द्वारा लिखित पुस्तक "मेरी नज़र में चीन" का विमोचन होने सम्बन्धी जानकारी भी उत्साहवर्द्धक लगी। पुस्तक पर अपनी प्रतिक्रिया तो पुस्तक हाथों में आने पर व्यक्त की जा सकेगी। बहरहाल, अपने सात साल के चीन प्रवास के अनुभवों को पुस्तक का रूप देने हेतु अनिलजी को हार्दिक बधाई। कार्यक्रम में आगे चीन के एक 29 वर्षीय रईसजादे बॉस द्वारा अपने कर्मचारियों के साथ महंगी कारों के ज़रिये कुल 1294 किलोमीटर लम्बी फ़िज़ूल यात्रा किये जाने का समाचार सुन उसकी सोच पर तरस आया। यह जान कर अच्छा लगा कि अब चीन में माता-पिता की उपेक्षा करने वाले बच्चों का क्रेडिट स्कोर निगेटिव होगा। वहीं चीन की बसों में स्तनपान कराने वाली माताओं के लिये अब विशेष केबिन की व्यवस्था होगी, सम्बन्धी जानकारी भी काफी उम्दा लगी। चीन के च्यांगसी प्रान्त में एक चौदह वर्षीय बालक की आँखों में सूअर का कॉर्निया लगा उसकी रौशनी लौटाने का समाचार चिकित्सा जगत की एक बड़ी उपलब्धि तो कही जायेगी, परन्तु इससे बेचारे सूअरों की शामत आ जायेगी। सामान्य-ज्ञान के तहत बर्फ़ पिघलने से रोकने उसे बोरी अथवा बुरादे हे में क्यों रखा जाता है, जानकारी भी सूचनाप्रद थी। वैसे यह जानकारी कुछ माह पूर्व सीआरआई पर प्रसारित हो चुकी थी। मनोरंजन सेगमेण्ट में इस शुक्रवार रिलीज़ हुई शाहरुख़ खान की डबल रोल वाली फ़िल्म "फ़ैन" की चर्चा के साथ उसका ट्रेलर सुनवाया जाना रुचिकर लगा। जोक्स में मेरे और आरा, बिहार के श्रोता रामकुमार नीरज के जोक को विशेष स्थान देने हेतु भी हार्दिक आभार और धन्यवाद आज की विशिष्ट प्रस्तुति के लिये।

    हैया:आगे सुरेश जी लिखते हैं...... केसिंगा दिनांक 16 अप्रैल । प्रतिदिन की तरह आज भी सीआरआई हिन्दी के ताज़ा प्रसारण का रसास्वादन हम सभी परिजनों ने एकसाथ मिलकर शाम ठीक साढ़े छह बजे शॉर्टवेव 9450 किलोहर्ट्ज़ की आवृत्ति पर पूरे मनोयोग से किया और अब मैं रोज़ाना की तरह उस पर हम सभी की मिली-जुली राय लेकर आपके सामने हाज़िर हूँ। उम्मीद है कि हमारा यह प्रयास आपको पसन्द आता होगा। बहरहाल, ताज़ा अन्तराष्ट्रीय समाचारों में देश-दुनिया के हालात का ज़ायज़ा लेने के बाद हमने आज का साप्ताहिक "आपकी पसन्द" भी पूरी तन्मयता से सुना। पंकज और अंजलि की यह संयुक्त परिस्थिति लाज़वाब लगी। श्रोताओं की पसन्द पर फ़िल्म -शहज़ादा, गूँज उठी शहनाई, हीरो, अकेला, हीरालाल-पन्नालाल तथा मनपसन्द के छह सदाबहार गानों के साथ दी गई तमाम जानकारी काफी महत्वपूर्ण लगी। अब प्रयोगशाला में ही तैयार हो सकेंगे रक्त प्लेटलेट्स और इनकी गुणवत्ता रक्तदान से प्राप्त प्लेटलेट्स के मुक़ाबले बेहतर होगी। प्लेटलेट्स में चिकित्सक आवश्यकतानुसार बदलाव भी कर सकेंगे। सचमुच, वैज्ञानिकों की यह अनमोल खोज़ युगान्तकारी सिध्द होगी, इसमें संशय नहीं। कार्यक्रम में आगे गुड़गांव आईआईएम में पढ़ने वाले साहिल बरुआ की कहानी काफी प्रेरक होने के साथ-साथ यह विश्वास भी पुख्ता कर गई कि कैसे एक छोटा-सा आइडिया ज़िन्दगी बदल कर रख सकता है। हमने ई-कॉमर्स के चीनी दिग्गज जैकमा और उनकी कम्पनी अलीबाबा डॉट कॉम के बारे में सुना तो काफी हैरत हुई थी, परन्तु अब साहिल की उद्यमशीलता से यह सिध्द हो गया है कि सच्ची लगन हो तो राहें सभी के लिये खुली हैं। धन्यवाद फिर एक अच्छी प्रस्तुति के लिये।

    पंकज:सुरेश अग्रवाल जी, हमें पत्र भेजने के लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद। चलिए, अगला पत्र मेरे हाथ आया है नयी दिल्ली से अमीर अहमद जी का। उन्होंने लिखा है...... 

    हैया:अमीर अहमद जी, हमें पत्र भेजने के लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद। चलिए, अगला पत्र मेरे हाथ आया है उत्तर प्रदेश से सादिक आज़मी जी का। उन्होंने लिखा है...... आपकी वेबसाइट पर विजिट से ञात हुआ कि बांग्लादेश की यात्रा पर चाइना रेडियो इन्टरनेशनल यानी सीआरआई के महानिदेशक वांग कंगन्यान जी हैं और 31 मार्च को ढाका में बांग्लादेशी राष्ट्रीय रेडियो के महानिदेशक ए.के.एम. नेसरउद्दिन भुइयान से मुलाकात करेंगे। यह दोनों देशों के संबंधों में सुधार के पक्ष में अत्यन्त महत्वपूर्ण कहा जा सकता है, यह जानना सुखद रहा कि दोनों पक्षों ने "एशियाई मीडिया सहयोग संगठन" के ढांचे में द्विपक्षीय सहयोग पर सहमति बनाई है, जहां एक ओर वांग कंगन्यान ने कहा कि अभी-अभी संपन्न बोआओ एशिया मंच के तले"एशियाई मीडिया नेताओं के गोलमेज़ सम्मेलन"में सीआरआई और बांग्लादेशी राष्ट्रीय रेडियो समेत 13 प्रमुख एशियाई मीडिया संस्थाओं के साथ संयुक्त रूप से"एशियाई मीडिया सहयोग संगठन"स्थापित किया गया है तो वहीं दूसरी ओर नेसर उद्दिन भुइयान ने कहा कि"एशियाई मीडिया सहयोग संगठन"का उद्देश्य एशियाई मीडिया संस्थाओं के बीच सहयोग और आदान-प्रदान को मज़बूत करना, मीडिया सहयोग के माध्यम से मीडिया की गुणवत्ता को उन्नत करना और प्रतिस्पर्द्धा शक्ति बढ़ाना है। हम आशा करते हैं भविष्य में दोनो देशो के आपसी रिश्ते भी और घनिष्ठ होंगे। ताकि एशिया महाद्वीप पर सभी देशों के आपसी मतभेदों का समापन हो सके!  

    पंकज:दोस्तो, इसी के साथ आपका पत्र मिला प्रोग्राम यही संपन्न होता है। अगर आपके पास कोई सुझाव या टिप्पणी हो तो हमें जरूर भेजें, हमें आपके खतों का इंतजार रहेगा। इसी उम्मीद के साथ कि अगले हफ्ते इसी दिन इसी वक्त आपसे फिर मुलाकात होगी। तब तक के लिए पंकज श्रीवास्तव और हैया को आज्ञा दीजिए, नमस्कार।

    हैया:गुडबाय।

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