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    आपका पत्र मिला 2016-03-30
    2016-05-24 14:50:47 cri


    अनिल:आपका पत्र मिला कार्यक्रम सुनने वाले सभी श्रोताओं को अनिल पांडे का नमस्कार।

    हैया:सभी श्रोताओं को हैया का भी प्यार भरा नमस्कार।

    अनिलः दोस्तो, पहले की तरह आज के कार्यक्रम में हम श्रोताओं के ई-मेल और पत्र पढ़ेंगे। इसके बाद एक श्रोता के साथ हुई बातचीत के मुख्य अंआश पेश किए जाएंगे।

    चलिए श्रोताओं के पत्र पढ़ने का सिलसिला शुरू करते हैं। पहला पत्र हमें आया है, पश्चिम पंगाल से हमारे मॉनिटर रविशंकर बसु का। उन्होंने लिखा है......

    इस हफ्ते "चीन का भ्रमण" कार्यक्रम में मैडम श्याओ थांग जी ने हमें एक नया तिब्बती गांव का दौरा करने ले गई है और वहां स्थानांतरण के बाद गर्म मकानों में सुखमय जीवन पर अहम जानकारी हासिल हुई।वर्ष 2004 के नवम्बर से पहले 60 वर्षीय तिब्बती बंधु कङका नानच्ये और दूसरे गांव वासी छिंगहाई तिब्बती पठार के थांगकुलाशान कस्बे में रहते थे, जहां चीन की माता नदी यांत्सी नदी का उद्गम स्थल है। यह छिंगहाई तिब्बत पठार में सबसे ऊंचे स्थल पर स्थित कस्बे भी हैं, जो समुद्र तल से 4700 मीटर पर बसा हुआ है। इस क्षेत्र का औसत तापमान शून्य से 4 डिग्री कम रहता है, वर्ष भर के एक तिहाई समय यहां पर तेज़ हवा का प्रकोप रहता है। पहले वह लोग पशुपालन क्षेत्रों में बनाए गए शीविरों में रहते थे। चरवाहों के पास कोई स्थाई मकान नहीं होते थे। जीवन स्थिति थोड़ी कठिन और दुष्कर थी। उस समय चरवाहों की आय पशुपालन से ही होती थी, जीवन स्थिति गंभीर थी और यातायात की स्थिति भी सुविधापूर्ण नहीं थी।

    वर्ष 2005 में चीन सरकार ने औपचारिक तौर पर सानच्यांगयुआन पारिस्थितिकी संरक्षण और निर्माण परियोजना शुरु की। इसके आधार पर सानच्यांगयुआन क्षेत्र में पशुपालन को फिर से घास-मैदान के रूप में लौटाया गया, वहां रहने वाले तिब्बतवासी दूसरे स्थलों की ओर स्थानांतरण करने लगे।रिपोर्ट सुनकर पता चला कि ह्वांग हो यानी पीली नदी, छांगच्यांग नदी यानी यांत्सी नदी और छह एशियाई देशों से गुज़रने वाली लान छांगच्यांग नदी का उद्गम स्थल छिंगहाई तिब्बत पठार पर ही स्थित है।ये तीन नदियां के उद्गम स्थल को चीनी लोग सानच्यांगयुआन कहते हैं।

    इसके बाद "आर्थिक जगत " कार्यक्रम के तहत मैडम रूपा जी ने पेइचिंग आर्थिक व तकनीकी विकास क्षेत्र के बारे में हमें महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान की। पेइचिंग शहर के दक्षिण क्षेत्र में स्थित पेइचिंग आर्थिक व तकनीकी विकास क्षेत्र पेइचिंग में एकमात्र राष्ट्र स्तरीय आर्थिक व तकनीकी विकास क्षेत्र है, जिस में 30 से अधिक देशों व क्षेत्रों से आये 2600 उद्यम स्थित हैं, जिन में दुनिया के 500 शक्तिशाली कारोबारों में से 66 शामिल हैं। रिपोर्ट में बताया गया है कि 2013 से पैदा हुए अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय संकट से अर्थतंत्र पर बहुत गंभीर प्रभाव पड़ा है। अंतर्राष्ट्रीय बाजार के साथ घनिष्ठ संपर्क बनाए रखने वाले पेइचिंग आर्थिक व तकनीकी विकास क्षेत्र पर भी कुप्रभाव डाला गया है। 2013 से अभी तक पेइचिंग आर्थिक व तकनीकी विकास क्षेत्र के 36 उद्यमों को अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय संकट से पैदा कुप्रभाव का सामना करना पड़ा हैं, जिन में गंभीर रूप से प्रभावित हुए उद्यमों की संख्या 100 से 200 तक पहुंची। ऐसा होने पर भी पेइचिंग आर्थिक व तकनीकी विकास क्षेत्र में उद्यमों के बड़ा पैमाने वाला दिवालियापन नहीं पैदा हुआ और मजदूरों व कर्मचारियों की संख्या में कटौती नहीं हुई है। पेइचिंग आर्थिक व तकनीकी विकास क्षेत्र द्वारा जारी नवीनतम आंकड़ों के अनुसार इस साल की दूसरी तिमाही में विकास क्षेत्र की औद्योगिक उत्पादन रकम गत साल की इसी अवधि से 12.6 प्रतिशत अधिक है और विकास क्षेत्र के सभी उद्यमों का संचालन कार्य बेहतर चल रहा है।शांगहाई में स्थित चीनी जोंग शिन इंटरनेशनल कारपोरेशन पेइचिंग आर्थिक व तकनीकी विकास क्षेत्र में स्थित बड़े पैमाने वाला उद्यमों में से एक है। मौजूदा वित्तीय संकट में अंतर्राष्ट्रीय बाजार पर निर्भर रहने वाले जोंग शिन इंटरनेशनल कारपोरेशन पर बहुत गंभीर प्रभाव पड़ा है।पेइचिंग आर्थिक तकनीकी विकास क्षेत्र ने उस कंपनी को रोजगारी की स्थिरता बनाए रखने के इनाम पर सहायता भत्ता प्रदान की, जिस की कुल रकम 86 लाख य्वान है।

    हैया:आगे बसु जी लिखते हैं......इस हफ्ते जीवन के रंग प्रोग्राम की शुरुआत में जीका वायरस को लेकर अफ्रीका से शुरू होकर दक्षिण अमरीका तक जो नई मुसीबत सामने आ रही है,उसको लेकर वनिता जी द्वारा पेश रिपोर्ट बहुत ही सूचनाप्रद और सामयिक लगी। विशेष रिपोर्ट में सुना है कि एडीज मच्छरों के माध्यम से फैलने वाले जीका वायरस का पहला मामला युगांडा में 1947 में दर्ज हुआ था। अब तक 26 देशों में कहर बरपाने वाला जीका वायरस चीन में भी कदम रखा है।15 फरवरी को चीनी राष्ट्रीय स्वास्थ्य और परिवार नियोजन कमेटी से मिली खबर के अनुसार दक्षिणी चीन के क्वांग तुंग प्रांत में इनपुट के जीका विषाणु से रोगों का दूसरा मामला दर्ज हुआ। जीका वायरस ने ब्राज़ील ओलंपिक पर भी खतरा पैदा कर दिया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने मच्छर जनित वायरस 'जीका' के प्रसार को लेकर अंतरराष्ट्रीय आपात स्थिति घोषित कर दी। विशेषज्ञों का कहना है कि जीका वायरस के कारण बच्चों में जन्मजात माइक्रोसिफेली दोष आ सकता है। इससे प्रभावित बच्चों का सिर छोटा रह जाने से उनके मस्तिष्क में स्थाई दोष आ जाता है। जीका वायरस का खतरे के प्रति आगाह करने के लिए वनिता जी को धन्यवादI दूसरी जानकारी के रूप में सुना है कि चीन में महाकाव्य "राजा गेसार" का पहला बॉयज़ क्वायर यानी बच्चों की गायन मंडली हाल में स्थापित हुई। इस बॉयज़ क्वायर में तिब्बत के 36 प्राइमरी स्कूली बच्चे शामिल हैं। उनमें से सबसे छोटे बच्चे की उम्र सिर्फ़ 7 साल है। वे सामूहिक गायन के रूप में महाकाव्य राजा गेसार की कहानी सुनाते हैं। धन्यवाद।

    अनिल:रविशंकर बसु जी, हमें रोजाना पत्र भेजने के लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद। चलिए, अगला पत्र मेरे हाथ आया है उड़ीसा से हमारे मॉनिटर सुरेश अग्रवाल जी का। उन्होंने लिखा है...... केसिंगा दिनांक 17 मार्च। प्रतिदिन की तरह आज भी सीआरआई हिन्दी के ताज़ा प्रसारण का रसास्वादन हम सभी परिजनों ने एकसाथ मिलकर शाम ठीक साढ़े छह बजे शॉर्टवेव 7265 किलोहर्ट्ज़ की आवृत्ति पर पूरे मनोयोग से किया और अब मैं रोज़ाना की तरह उस पर हम सभी की मिलीजुली राय लेकर आपके सामने हाज़िर हूँ। उम्मीद है कि हमारा यह प्रयास आपको पसन्द आता होगा। बहरहाल, ताज़ा अन्तराष्ट्रीय समाचारों में देश-दुनिया के हालात का ज़ायज़ा लेने के बाद हमने साप्ताहिक "बाल-महिला स्पेशल" तथा "टी टाइम" को भी गौर से सुना। सुप्रसिध्द थायवानी गायिका छैए छिन की ज़िन्दगी पर जानकारी को आगे बढ़ाते हुये आज चन्द्रिमाजी ने उनके जीवन में आये तमाम उतार-चढ़ावों का ज़िक्र किया।उनकी शादी दस वर्ष रही और यह था उन का एकमात्र प्रेम, लेकिन उनका प्रेम तो प्लेटो की शैली में था। हालांकि वे एक इमारत में रहते थे, लेकिन दो कमरों में। अंत में उनके पति ने अन्य एक लड़की से प्यार करना शुरू किया, और छैए छिन से तलाक ले लिया। इससे छैए छिन के मन को भारी चोट पहुंची। बहुत समय बीतने के बाद वे इस दुःख से बाहर निकल सकीं, लेकिन उनकी स्वास्थ्य जांच से पता चला कि उन्हें ट्यूमर हो गया है। तभी उन्होंने निराशा के साथ आत्महत्या पत्र भी लिखा डाला। हालांकि बाद में इस ट्यूमर का छैए छिन पर कोई बुरा प्रभाव नहीं पड़ा, पर इससे उन्हें गंभीर मानसिक धक्का अवश्य पहुंचा। वर्ष 2007 में उनके पूर्व पति की मृत्यु हुई। छैए छिन अपने घर में खूब रोयी। इतना उतार-चढ़ाव देखने के बाद छैए छिन ने कहा कि अब वे《आप की कोमलता》गीत को अच्छी तरह से समझ सकती हैं। शायद छैए छिन अपने इस अकेले द्वीप से मुक्त होना चाहती थीं, इसलिये वह लगातार अपनी कला में उपलब्धियां प्राप्त करती रही। गायिका बनने के बाद के 20 वर्षों में उन्होंने 40 से ज्यादा सीडी तैयार किए और बहुत से ईनाम भी प्राप्त किये। साथ ही उन्होंने लेख, फ़िल्म, टीवी होस्ट व पोशाक डिजाइन आदि क्षेत्रों में भी उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल कीं। वर्ष 2008 में छैए छिन का व्यक्तिगत गायनोत्सव《नयी भावना हमेशा रहेगी》क्रमशः शांघाई, नानचिन व शेनचेन आदि शहरों में प्रस्तुत किया गया। गायनोत्सव में छैए छिन ने अपने पहले मशहूर गीत से लेकर एक-एक पुराने गीतों से अपनी बीस वर्षीय कलात्मक ज़िन्दगी की प्रस्तुति की। उक्त गायनोत्सव को चीन के गीत प्रस्तुति इतिहास में सब से लंबे समय के गायनोत्सव का रिकार्ड तोड़ने की संभावना है। मुझे उनकी सब से बड़ी विशेषता यह लगी कि स्वयं नई पीढ़ी की होने के बावज़ूद उनकी रुचि पुराने गानों में थी। धन्यवाद छैए छिन के जीवन पर पेश इस ख़ास रिपोर्ट के लिये।

    साप्ताहिक "टी टाइम" के तहत अनिलजी आपके साथ रमेशजी की प्रस्तुति अच्छी है, पर उच्चारण सम्बन्धी कुछ कठिनाई अवश्य महसूस की जा सकती है, फिर भी रमेशजी का हिन्दी-प्रेम प्रशंसनीय है और मैं उनकी कद्र करता हूँ। कार्यक्रम में ऑस्ट्रेलिया की जस्टिस सेन्टर लियोबेन नामक जेल के बारे में दी गई जानकारी काफी रोचक लगी। "काश" दुनिया की तमाम जेल इसी तर्ज़ पर बनतीं ! भारत में मोबाइल कॉल-ड्रॉप की समस्या और ट्राई के फैसले सम्बन्धी जानकारी भी महत्वपूर्ण लगी। सबसे रोचक जानकारी ब्राज़ील में एक डॉल्फ़िन का आभार जताने पांच हज़ार किलोमीटर की दूरी तय कर जाओ नामक सज्जन से मिलने आना लगी। इससे यह प्रेरणा मिलती है कि हमें कभी भी अहसान फ़रामोश नहीं होना चाहिये। वियतनाम में एक महिला द्वारा जन्में जुड़वाँ बच्चों के पिता अलग-अलग होने का किस्सा तो और भी गज़ब लगा। अलग-अलग मौसम में पैदा होने वाले बच्चों का स्वास्थ्य और स्वाभाव भी अलग हो सकता है, यह भी आज पहली बार जाना। ब्रिटेन में गोमूत्र की बिक्री सम्बन्धी समाचार एकाएक रिसैप्शन में आयी गड़बड़ी के कारण ठीक से नहीं समझा जा सका। जंक फ़ूड की शिकार 317 किलो वज़नी अमेरिकी महिला मिला क्लार्क की हालत पर तरस आया। और हाँ, आज के हंसगुल्लों में एक स्पेलिंग मिस्टेक वाला जोक अव्वल रहा। धन्यवाद फिर एक अच्छी प्रस्तुति के लिये।

    हैया:आगे सुरेश जी लिखते हैं...... केसिंगा दिनांक 19 मार्च। दिनचर्या का अटूट हिस्सा बन चुके सीआरआई हिन्दी के ताज़ा प्रसारण को प्रतिदिन की तरह मैंने आज भी अपने तमाम परिजनों के साथ मिलकर अपने निवास पर शाम ठीक साढ़े छह बजे शॉर्टवेव 7265 किलोहर्ट्ज़ की आवृत्ति पर स्पष्ट रिसैप्शन के साथ सुना और अब मैं उस पर अपनी त्वरित प्रतिक्रिया के साथ आपके समक्ष पेश होने कम्प्यूटर की शरण में हूँ। संचार और बिजली ने साथ दिया तो कुछ ही क्षणों में यह रिपोर्ट आपके हाथों में होगी। बहरहाल, ताज़ा समाचारों के बाद पेश साप्ताहिक "आपकी पसन्द" के तहत हर बार की तरह आज भी श्रोताओं के पसन्दीदा छह फ़िल्मी नग़मों के साथ दी गई रोचक और ज्ञानवर्द्धक जानकारी के लिये हृदय से आपका आभार। फ़िल्म -नवरंग, मनोरंजन, ओपेरा हाउस, अमर प्रेम, वारदात तथा सच्चा-झूठा के फड़कते हुये गानों से जहाँ तबीयत खुश हो गई, वहीं रक्त-समूह के आधार पर आहार लेने लेने सम्बन्धी जानकारी बहुत ही उपादेय लगी, यह बात अलग है कि भोजन पर इतना ध्यान कितने लोग दे पाते हैं। इसके अलावा हैप्पी हार्मोन्स के महत्व तथा किन-किन फलों और खाद्य-वस्तुओं में इनकी भरपूर मात्रा उपलब्ध है, पर भी अच्छी जानकारी प्रदान की गई। यह जान कर हैरत हुई कि हार्मोन्स के मामले में संतरा, अंगूर, केला, स्ट्रॉबेरी, पास्ता, तिल तथा आइस्क्रीम से भी अधिक हैप्पी हार्मोन चॉकलेट में पाये जाते हैं। चीन दुनिया में फलों का सब से बड़ा उत्पादक है और भारत दूसरे स्थान पर। यह जान कर दुःख हुआ कि भारत में फलों के कुल उत्पादन का चालीस प्रतिशत समुचित रखरखाव के अभाव में नष्ट हो जाता है। धन्यवाद एक नये विषय के साथ इतनी बेहतरीन प्रस्तुति हेतु।

    अनिल:सुरेश अग्रवाल जी, हमें पत्र भेजने के लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद। चलिए, अगला पत्र मेरे हाथ आया है छत्तीसगढ़ से चुन्नीलाल कैवर्त जी का। उन्होंने लिखा है......

    चाइना रेडियो इंटरनेशनल के सभी मित्रों को मेरा सस्नेह नमस्कार। आशा है,आप सब स्वस्थ एवं मंगलमय होंगे।

    एनपीसी (चीनी जन प्रतिनिधि सभा ) और चीनी जन राजनीतिक सलाहकार सम्मेलन (सीपीपीसीसी) की 12वीं राष्ट्रीय समिति का चौथा सम्मेलन ,पेइचिंग स्थित जन बृहद भवन में सफलतापूर्वक संपन्न हो गया। चीन की दिशा और दशा निर्धारित करने वाले ये दोनों वार्षिक सम्मेलन बेहद महत्वपूर्ण थे। पिछले 10 दिनों तक दुनिया भर के नेताओं और पत्रकारों का ध्यान पेइचिंग की ओर लगा रहा। इस दौरान सीआरआई ने रेडियो, प्रवासी सहयोगी स्टेशन, वेबसाइट आदि प्लेटफार्म पर इन दोनों सम्मेलनों के बारे में विस्तृत और सचित्र रिपोर्ट प्रस्तुत की ,इसके लिए सीआरआई को कोटिशः धन्यवाद। इन सम्मेलनों में चीन के समग्र विकास और चीनी जनता की खुशियाली के लिए कई प्रकार के प्रस्ताव प्रस्तुत करके अनेकानेक निर्णय लिये। इन सबके लिए चीनी जनता और नेताओं को बहुत-बहुत बधाई एवं शुभकामनाये!

    चीनी राष्ट्राध्यक्ष श्री शी चिनफिंग जी के उस वक्तव्य की प्रशंसा करना चाहूँगा ,जिसमें उन्होने गरीबी उन्मूलन की बात को ज़ोर देकर कहा। चीन की 13वीं पंचवर्षीय योजना के मसौदे में भी यह निर्धारित है कि वर्ष 2020 तक चीन में खुशहाल समाज का पूर्ण रूप से निर्माण किया जाएगा, सात करोड़ चीनी गरीब आबादी को गरीबी से मुक्त कराया जाएगा और सभी गरीब काउंटियों को खुशहाल क्षेत्र बनाया जाएगा। कुछ प्रतिनिधियों ने कहा है कि गरीब क्षेत्रों में पर्यटन जैसे उद्योगों का विकास करवाने से गरीबी से छुटकारा पाया जाएगा। दूरस्थ एवं पर्यटन क्षेत्रों में रहने वाले गरीबों के लिए बहुत अच्छा सुझाव है।

    आतंकवाद की तरह भ्रष्टाचार भी एक गंभीर समस्या है। मेरे खयाल से भारत की तरह चीन भी भ्रष्टाचार से पीड़ित है। कुछ समय पूर्व चीन के कई भ्रष्टाचारी अफसर चोरी के पैसों को लेकर विदेशों में भाग गये। चीनी राष्ट्रीय जन प्रतिनिधि सभा के पूर्णांधिवेशन में चीनी सर्वोच्च प्रोक्यूरेट और चीनी सर्वोच्च जन न्यायालय ने अपनी अपनी कार्य रिपोर्टों में विदेशों में भाग चुके चीनी भ्रष्टाचार अफसरों की खोज में गति देने की घोषणा की। रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2014 के अक्तूबर से अभी तक कुल 124 भ्रष्टाचारियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। चीन ने दूसरे देशों के साथ प्रत्यर्पण संधि और वैधानिक सहायता समझौता संपन्न करने का अथक प्रयास भी किया। अब चीन और विश्व के 66 देशों के बीच वैधानिक सहयोग समझौते संपन्न किये गये हैं। चीन के इस कदम की जितनी भी तारीफ की जाये,कम है। विदेशों में भ्रष्टाचार संबंधी भगोड़ों और काला धन वापस लाने की कार्यवाईयां भी चलती रहीं, जिनमें सक्रिय उपलब्धियां मिली हैं। चीन के इस प्रयास से भारत को सीख लेनी चाहिये।

    दोनों सम्मेलनों के जन प्रतिनिधियों ने तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के किसान व चरवाहों की सुख-सुविधाओं की योजनाओं की भी चर्चा की और बड़ा ध्यान दिया। इधर के पांच सालों में केंद्र सरकार ने तिब्बत में कुल 22.3 अरब युवान की पूंजी लगायी जिससे 18 लाख तिब्बती किसानों व चरवाहों को लाभ मिला। परियोजनाओं से अनाज उत्पादन, ग्रामीण व चरवाहे क्षेत्रों में पेयजल आपूर्ति और सुनसान क्षेत्रों में बिजली आपूर्ति की गारंटी की गयी है। 12वीं पंचवर्षीय योजना लागू करने से अब तक तिब्बत में जल आपूर्ति में 70 करोड़ टन की वृद्धि हुई है, देहातों में 15 लाख मू सिंचित क्षेत्रों का निर्माण या पुनर्निर्माण किया गया। इससे अंदाजा लगता है कि चीन की केंद्रीय और स्थानीय सरकारें ,चीन की 55 अल्पसंख्यक जातियों के विकास और खुशियाली के लिए बहुत काम कर रही हैं।

    त्वरित और सटीक जानकारी पहुंचाने के लिए एक बार फिर सीआरआई परिवार का बहुत-बहुत धन्यवाद।

    हैया:चुन्नीलाल कैवर्त जी, पत्र भेजने के लिये धन्यवाद। चलिए, अगला पत्र मेरे हाथ आया है उत्तर प्रदेश से सादिक आज़मी जी का। उन्होंने लिखा है......

    कहते हैं समय के साथ परिवर्तन होता रहता है और बदलाव ही नये युग की स्पष्ट तस्वीर होती है, समय के साथ मामव का आकार भी बदला, उसके जीने का अंदाज़ भी बदला, खानपान वेशभूषा और सोच सब में बदलाव आया और सबसे महत्वपूर्ण बात है कि इस बदलते समीकरण में खुदको परिवर्तित कर अनुकूल परिस्थिति को जन्म इसी मानव ने दिये, पुरानी परम्परा और रीति रिवाज को भी कुछ हदतक त्यागा नई सोच और नयेपन की बुनियाद भी डाली दैनिक जीवन के कार्यो में सरलता लाने हेतु अनगिनत आविष्कार भी किये आंकलन करें या तुलनात्मक दृष्टि से देखें तो ज़्यादातर पिरवर्तन सफल ही रहे हॉ कुछ विभाग इसके विघटन का रूप भी धारण किये लेकिन अनुमान के अनुकूल परिस्थितियॉ रहीं।

    cri Hindi विभाग की कई तबदीली 2014 के बाद सफल रही आशा करता हूँ वर्तमान समय में आप द्वारा किये बदलाव सफल होंगे।

    विगत दिनों की भॉति कार्यक्रम सण्डे की मस्ती का एक बार फिर आनंद लिया, और इसमें शामिल सभी रिपोर्ट से अपने ञान में बढ़ोत्री की, वर्तमान समय मे चीनी भाषा को सीखने और उसमें अपना कैरियर बनाने की सशक्त मिसाल मिली।

    अंकित जी से बात चीत में वह टेलीकॉम कंपनी में कार्य करते हुए क्या अनुभव और चीनी भाषा के क्या फाएदे, रखते हैं इसका खुले मन से उल्लेख कर हमारा मार्गदर्शन किया, ह्वाई कम्पनी और उसमें कार्यरत अपनी सेवाओं के विषय मे तथा चीन के भ्रमण से प्रेरित होकर मन में नई सोच को जगह देकर अपने कैरियर का आरम्भ करने के तमाम पहलुओं को साझा करना भी प्रेरणादायी लगा,धन्यवाद स्वीकार करें इस साक्षात्कार को सुनवाने हेतु।

    अजीब व गरीब और चटपटी बातों के सेगमेंट में ऊंची इमारतों पर चढ़ाई करने वाले रूस के दो मित्रो की कहानी एक तरह हैरान करने योग्य रही तो दूसरी जानिब लिफ्ट पर पैर मारने की धटना हमें फिर एहसास करागई कि गुस्सा करना क्यों घातक होता है!

    अमरीका से चीन की यात्रा साइकिल द्वारा करने के जॉबाज़ के लिये हमारी शुभकामनाएं।

    चीन में दम्पति वर्ग को दो बच्चे से अधिक न पैदा करने की हिदायत पर सहज अनुभव होता था कि वहां दम्पति किस प्रकार अपने लम्बे परिवार को आगे न बढ़ा पाने में खुद को सरकारी नियम की चक्की मे पिसता पा रहे होंगे पर यह घटना असमंजस में डालगई कि एक पुलिसकर्मी ने 29 उन बच्चों के पालन पोषण का बीड़ा उठाया है जिनके माता पिता उनको छोड़ गये हैं मन मे प्रश्न उठ रहा है कि क्या विश्व अर्थ व्यवस्था में खुद को आला साबित करने वाले चीन में आज भी गरीबी का यह आलम है कि बच्चों की स्कूल की फीस तक के पैसे माता पिता के पास नहीं है। खैर हकीकत जो भी हो सलाम उस पुलिस वाले को जिसने इंसानियत की इतनी बड़ी मिसाल पेश की, संभवत: डायबिटीज के मरीज़ों के लिये वर्दान साबित होने वाली नई गोली के ईजाद पर भारती csir के शोधकर्ता वाकई बधाई के पात्र हैं भाई सुरेश अग्रवाल जी का आभार व्यक्त करता हूँ जिन्होंने यह रिपोर्ट हमसे साझा की!

    इस शुक्रवार रिलीज़ हुई हिंदी फिल्म कपूर एण्ड संस का प्रोमो अच्छा लगा तो दूसरी ओर अखिल जी के जोक्स के तड़के ने महफिल का शमॉ ही रौशन कर दिया धन्यवाद स्वीकार करें एक उम्दा प्रस्तुति हेतु!

    हैया:अब सुनिए हमारे श्रोता दोस्त अमीर अहमद जी के साथ हुई बातचीत।

    अनिल:दोस्तो, इसी के साथ आपका पत्र मिला प्रोग्राम यही संपन्न होता है। अगर आपके पास कोई सुझाव या टिप्पणी हो तो हमें जरूर भेजें, हमें आपके खतों का इंतजार रहेगा। इसी उम्मीद के साथ कि अगले हफ्ते इसी दिन इसी वक्त आपसे फिर मुलाकात होगी। तब तक के लिए अनिल पांडे और हैया को आज्ञा दीजिए, नमस्कार।

    हैया:गुडबाय।

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