अपने पचास से ज्यादा कला सृजन जीवन में चांग ली ने बड़ी संख्या में रचनाएं रचीं , मसलन् उन द्वारा लिखे गए गीत《 बाड़ा दीवार की परछाई 》,《दुखी सुखी जीवन》,《महान एशिया》,《मैं और मेरी मातृभूमि》,《वर्षों की बिदाई के बाद》तथा《पहाड़ खड़ा रहा और पानी बहता रहा》आदि बहुत लोकप्रिय रहे ।
गीत के लेखक के रूप में चांग ली को चीनी संगीत क्षेत्र में काफी टेढ़मेढा रास्ता तय करना पड़ा था । 20वीं शताब्दी के साठ वाले दशक में उन की अधिकतर रचनाएं इसी क्षेत्र के पुराने विशेषज्ञों से दुतकार किए गए थे । लेकिन चांग ली विफलता को दूर कर गीत के बोल लिखने के रास्ते पर डटे रहे और अंत में उन की रचनाओं ने चीनी दर्शकों की वाहवाही लुटी। चांग ली के गीतों के बोल में जीवन की नई सांस से भरपूर अपना विशेष पहचान लिए हुआ हैं , जो बहुत कर्णप्रिय रहा है ।
अब वयोवृद्ध होने पर भी चांग ली लेखन के काम में व्यस्त रहे हैं । हालांकि उन की कमर में दर्द है, फिर भी वे गीत रचने में लगे रहे । इस के साथ ही वे गीत संगीत अध्ययन संगोष्ठी तथा शौकिया गीत संगीत लेखकों के प्रशिक्षण आदि काम भी करते हैं , कलाकार चांग ली चीनी कला कार्य के लिए अपना यागदान करते रहे हैं ।