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    मंगल ग्रह सर्वेक्षण यंत्र का प्रक्षेपण करेगा चीन
    2016-04-26 15:05:16 cri
    मंगल ग्रह का सर्वेक्षण विश्व विज्ञान जगत में अपेक्षाकृत गर्म विषय है। कई देशों ने मंगल ग्रह सर्वेक्षण यंत्र के प्रक्षेपण से पृथ्वी से मिलने वाले उपग्रह का वैज्ञानिक सर्वेक्षण शुरू किया। अमेरिका, पूर्व सोवियत संघ, यूरोप और भारत आदि देशों व क्षेत्रों ने अपेक्षाकृत सफल मंगल परियोजना लागू की थी। चीनी वैज्ञानिक भी मंगल का सर्वेक्षण करना चाहते हैं, लेकिन विभिन्न कारणों से इसे लागू नहीं किया जा सका था। इधर के सालों में चीन में गहरी अंतरिक्ष सर्वेक्षण तकनीक के निरंतर विकास के साथ साथ तकनीशियनों की संख्या भी बढ़ रही है। कुछ समय पहले चीन ने घोषणा की कि चीन 2020 में प्रथम मंगल सर्वेक्षण यंत्र का प्रक्षेपण करेगा और साथ ही मंगल पर लैंडिंग भी करेगा। चीनी छांग अ नम्बर एक उपग्रह सिस्टम के जनरल कमांडर एवं प्रमुख डिजाइनर येई फेईच्येन ने साक्षात्कार में कहा कि चीन में मंगल सर्वेक्षण यंत्र के प्रक्षेपण कार्य की सक्रिय तैयारी जारी है और संबंधित डिजाइन का कार्य भी चल रहा है।

    येई फेईच्येन के मुताबिक चूंकि मंगल ग्रह हर 28 महीनों में एक बार पृथ्वी के पास पहुंचता है, इसलिए सबसे नजदीक प्रक्षेपण का समय यानी वर्ष 2018 तो बहुत जल्दबाजी की बात होगी। लेकिन वर्ष 2020 प्रक्षेपण के लिए अपेक्षाकृत उचित समय होगा। इसके अलावा हालांकि प्रक्षेपण में चीन अपेक्षाकृत पीछे रहा है, फिर भी छांग अ परियोजना में चीन के पास व्यापक अनुभव हैं। इसलिए मंगल सर्वेक्षण तकनीक के स्तर पर चीन और ऊंचाई पर खड़ा हो सकता है।

    चंद्र सर्वेक्षण परियोजना की तुलना में मंगल सर्वेक्षण और जटिल तकनीक चुनौतियों का सामना करेगा। उदाहरण के लिए, हम कैसे मंगल पर पहुंचेंगे, कैसे मंगल पर उतरेंगे, कैसे दस करोड़ किलोमीटर दूरी की टेलिकॉम निगरानी करेंगे इत्यादि। इसलिए चांद पर उतरने की तुलना में मंगल पर उतरना और मुश्किल भरा हो सकता है।

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