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    तिब्बत में जिगर की बीमारी के विरूद्ध विशेष अभियान
    2016-05-03 08:58:17 cri

    वर्ष 2016 के फरवरी माह यानी चीन के परंपरागत वसंत त्योहार के दौरान चीनी जनरल पुलिस अस्पताल और चीनी अखिल परोपकार संघ ने तिब्बत स्वायत्त प्रदेश की गूं-गा काउटी में लिवर हाइडेटिड रोग (Hydatid disease) से ग्रस्त लोगों के इलाज के लिए एक विशेष अभियान चलाया । दोनों के डाक्टरों और कार्यक्रताओं से गठित चिकित्सक दल ने मूल्यवान दवाइयों, चिकित्सा उपकरणों और लिवर रोग की जानकारी देने वाली 5000 पुस्तकों के साथ गूं-गा काउटी में तिब्बती रोगियों का निःशुल्क उपचार किया । उन्हों ने लिवर हाइडेटिड रोग से ग्रस्त तिब्बती रोगियों का इलाज किया और ऐसे रोग की रोकथाम के लिए जानकारियों का प्रसार भी किया ।

    लिवर हाइडेटिड रोग (Hydatid disease) तिब्बत के देहाती क्षेत्रों में सामान्य रोग माना जा रहा है । तिब्बत के सिवा वह चीन के सिंच्यांग, छींगहाई और नींगश्या आदि प्रदेशों के घास मैदानों भी प्रचलित है । आदमी को कभी कभी कुत्ता और भेड़ आदि पशुओं के माध्यम से ऐसे रोग से संक्रमित लगता है । पर रोग के इलाज दर कम है, बहुत से रोगियों की इसी बीमारी से मौत हुई है ।

    चीनी जनरल पुलिस अस्पताल के निदेशक जंग चींग-छेन ने संवाददाता के साथ बातचीत के दौरान कहा कि राष्ट्राध्यक्ष शी चिनफींग ने हाल ही में यह पेश किया है कि गरीबउन्मूलन के अभियान में सटीक कार्य किया जाना चाहिये । उन का यह विचार निभाने के लिए हम ने ऐसा विशेष अभियान चलाया ताकि तिब्बत में लिवर हाइडेटिड रोग से ग्रस्त किसानों व चरवाहों की मदद कर सकें ।

    उन्हों ने कहा, राष्ट्राध्यक्ष शी चिनफींग ने सटीक तौर पर गरीबउन्मूलन करने का विचार पेश किया है, हमें अपने कार्यों में यह विचार निभाना और अधिक काम करना ही चाहिये । सरकार लिवर हाइडेटिड रोग की रोकथाम को बहुत महत्व देती है , हमारे ख्याल में इस रोग का समय पर इलाज करना महत्वपूर्ण है । इसी उद्देश्य में हम ने इस रोग की जांच व अनुसंधान कर दिया । हमें पता है कि तिब्बत के चरवाहों में बहुत से लोग रोग से ग्रस्त होते रहे हैं । उन की मदद करने के लिए हम ने एक ऐसा चिकित्सद दल गठित किया और चीनी अखिल परोपकार संघ तथा तिब्बत स्वायत्त प्रदेश की सरकार की मदद से तिब्बत जाकर रोगियों का इलाज किया । तिब्बत स्वायत्त प्रदेश में गूं-गा काउटी में लिवर हाइडेटिड रोग होने की स्थिति दूसरे क्षेत्रों से और अधिक गंभीर है, इसलिए हम ने अपनी मुख्य शक्ति इस काउटी में डाली ।

    पता चला है कि गूं-गा काउटी में कुल 12 हजार लोग रहते हैं , यहां की ऊँचाई समुद्र सतह से 4600 मीटर तक पहुंचती है , इस क्षेत्र का मौसम भी अत्यंत ठंडा है । चिकित्सक दल में हिस्सा लेने के बहुत से डाक्टर पहले तिब्बत में कभी नहीं गये , उन्हें ऊंचाई बीमारी का सामना भी करना है ।

    चीनी जनरल पुलिस अस्पताल के निदेशक जंग चींग-छेन ने कहा, चिकित्सक दल के डाक्टरों ने तिब्बत में पहुंचते ही अपना काम शुरू किया । बहुत से डाक्टर ऊंचाई बीमारी से ग्रस्त रहे , पर वे सब शरीरिक समस्या को भूल कर जल्द ही काम करने में लगे हुए । वे अपनी ज्ञान व कौशल के माध्यम से जनता और मातृभूमि की सेवा करनी चाहते हैं । चिकित्सक दल ने तिब्बत में रोगियों का इलाज करने के साथ साथ बड़ी मात्रा की दवाइयां भी लिया और उन का स्थानीय लोगों को वितरण किया ।

    जंग चींग-छेन ने चिकित्सक दल के कार्यों का परिचय देते हुए कहा, लिवर हाइडेटिड रोग की रोकथाम का काम महत्वपूर्ण है । इसलिए हम ने इस रोग को रोकने के बारे में पर्याप्त सामग्रियां तैयार कर इन्हें तिब्बती भाषा में प्रकाशित की । स्थानीय लोग हमारी पुस्तकें पढ़कर लिवर हाइडेटिड रोग की रोकथाम करने की जानकारियां हासिल हो सकते हैं । चिकित्सक दल के विशेषज्ञों ने स्थानीय लोगों को रोग-रोधक उपायों का परामर्श भी दिया । डाक्टरों ने स्थानीय तिब्बती लोगों में अल्ट्रासाउंड (Ultrasound) और रक्त परीक्षण के माध्याम से लिवर हाइडेटिड रोग की जाँच की । तिब्बती लोगों में जो लिवर हाइडेटिड रोग से ग्रस्त हैं , उन का इलाज किया गया । लिवर रोग के सिवा स्थानीय लोगों में हृदय रोग और फेफड़ों के रोग जैसे गंभीर रोगों का भी प्रचार होता है । उन्हें दर्द से छुटकारा देने के लिए डाक्टरों ने रोगियों के आघात, त्वचा रोग आदि का इलाज भी कर दिया । गूं-गा काउटी सुनसान पहाड़ी क्षेत्र में स्थित है जहां दवाइयों का अभाव पड़ता है । चिकित्सक दल ने स्थानीय लोगों को निशुल्क तौर पर दवाइयों का वितरण किया । उन में हृदय रोग, त्वचा रोग के उपयोगी दवाएं और एंटीबायोटिक दवाएं आदि भी शामिल थीं । लेकिन उन तिब्बती लोगों में कुछ की स्थिति अत्यंत गंभीर थी , तब चिकित्सक दल ने उन्हें पेइचिंग में वापस लेकर ऑपरेशन करवाया । अंत में चिकित्सक दल ने स्थानीय डाक्टरों को प्रशिक्षित भी किया । पेइचिंग से गये विशेषज्ञों ने अल्प समय में स्थानीय अस्पताल के डाक्टरों को शिक्षण दिया और उन्हें इलाज की स्कील में कुशल बनाने का भरपूर प्रयास किया ।

    चीनी जनरल पुलिस अस्पताल और चीनी अखिल परोपकार संघ के द्वारा गूं-गा काउटी में लिवर हाइडेटिड रोग के खिलाफ विशेष अभियान एक हफते के लिए चलाया गया । अभियान में कुल एक हजार तिब्बती लोगों की शरीरिक जांच की गयी और उन में एक सौ आठ लोगों को लिवर हाइडेटिड रोग लगने का पता हुआ । इस के बाद 13 तिब्बती रोगियों को पेइचिंग के अस्पताल में ऑपरेशन करवाने का कार्यक्रम भी शुरू होने लगा है ।

    चिकित्सक दल के विशेषज्ञों ने कहा कि पठार में रहने वाले तिब्बती रोगियों की स्थितियां जटिल हैं , उन का ऑपरेशन करना भी आम रोगियों से अधिक मुश्किल है । इसलिए हम ने इन 13 रोगियों के लिए व्यक्तिगत उपचार कार्यक्रम तैयार किया और इन के इलाज के लिए विशेषज्ञों की सभा भी बुलायी गयी । हम इन सभी रोगियों के इलाज में यथा संभव कोशिश करेंगे ।

    तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के चिकित्सा आयोग के आंकड़े बताते हैं कि अब तक तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के नागरिकों में 98 प्रतिशत लोगों के लिए स्वास्थ्य रिकॉर्ड व्यवस्था लागू की गयी है । प्रदेश के शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों की तीस लाख आबादी की सेवा में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवा प्रणाली स्थापित हो चुकी है ।

    तिब्बत स्वायत्त प्रदेश की चिकित्सा कमेटी के एक उच्च पदाधिकारी के अनुसार तिब्बती पठार का प्राकृतिक वातावरण इतना अच्छा नहीं है और यहां स्वास्थ्य की स्थिति भी अपेक्षाकृत गरीब है । चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवा प्रणाली की स्थापना से नागरिकों के स्वास्थ्य को सुनिश्चित करने के लिए शर्तें तैयार की गयी हैं ।

    तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग नियमित रूप से तिब्बती नागरिकों की नि:शुल्क शरीरिक जांच करते हैं । अब तिब्बत के शहरों और देहातों में रहने वालों के 98 प्रतिशत लोगों के लिए स्वास्थ्य रिकॉर्ड व्यवस्था लागू हो चुकी है । देश के भीतरी इलाकों के अस्पताल भी तिब्बत के चिकित्सा विभागों का जोरदार समर्थन करते रहे हैं । विभिन्न पक्षों के सहयोग में हृदय रोग से ग्रस्त तीन हजार बालकों और 19 हजार मोतियाबिंद रोगियों का इलाज सफलतापूर्वक समाप्त हो गया है ।

    वर्तमान में तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के शहरी और ग्रामीण निवासियों की स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता भी बढ़ी है और उन के स्वास्थ्य स्तर को पहले से उन्नत किया गया है । वर्ष 2015 के आंकड़ों के अनुसार प्रसूता महिला और शिशु की मृत्यु दर एक प्रति हजार के नीचे तक गिराया गया है जो इतिहास में सबसे कम है , जबकि तिब्बती लोगों की औसत जीवन प्रत्याशा 68 साल तक हो चुकी है जो इतिहास का नया रिकॉर्ड है ।

    तिब्बती नागरिकों की सेवा में आपातकाल मेडिकल सहायता और बुनियादी चिकित्सा बीमा की व्यवस्थाएं भी स्थापित की गयी हैं । सभी शहरों और देहातों में चिकित्सा सेवा जाल भी स्थापित हैं जो मेडिकल वाहन, एंबुलेंस और मोबाइल अस्पताल वाहन आदि से लैस होते हैं । तिब्बती स्वास्थ्य नेटवर्क का आगे सुधार करने के लिए चार हजार से अधिक नये स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं की भर्ती की गयी है और 70 हजार स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं का प्रशिक्षण भी किया गया है ।

    तिब्बत स्वायत्त प्रदेश की सरकार द्वारा जारी किये गये चिकित्सा प्रबंधन नियम के अनुसार तिब्बती नागरिकों को प्रति व्यक्ति के लिए 420 युवान मेडिकल सब्सिडी मिल पाएगी और चिकित्सा बीमा की अधिकतम राशि भी पहले की ढ़ाई लाख युवान से छह लाख तक बढ़ाया गया है ।

    अब तक तिब्बत स्वायत्त प्रदेश में कुल 41 बड़े अस्पताल निर्मित किये गये हैं , जिनमें कुल 2600 चिकित्सक कार्यरत हैं और 1500 बिस्तर रखे हुए हैं । इन के अलावा तिब्बत की काउटियों , टाउनशिपों और एक तिहाई भाग गांवों में भी क्लीनिक और डाक्टर की सेवा मिल पाती है । सरकार की योजना के अनुसार भावी पाँच सालों के भीतर पूरे प्रदेश में चिकित्सा सेवा फैलेगी जिससे सार्वजनिक चिकित्सा सेवा की व्यवस्था को और मजबूत किया जाएगा ।

    ( हूमिन )

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