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    आपका पत्र मिला 2016-02-03
    2016-02-05 08:51:37 cri

    अनिल:आपका पत्र मिला कार्यक्रम सुनने वाले सभी श्रोताओं को अनिल पांडे का नमस्कार।

    हैया:सभी श्रोताओं को हैया का भी प्यार भरा नमस्कार।

    अनिलः दोस्तो, पहले की तरह आज के कार्यक्रम में हम श्रोताओं के ई-मेल और पत्र पढ़ेंगे। इसके बाद एक श्रोता के साथ हुई बातचीत के मुख्य अंआश पेश किए जाएंगे।

    चलिए श्रोताओं के पत्र पढ़ने का सिलसिला शुरू करते हैं। पहला पत्र हमें आया है, पश्चिम पंगाल से हमारे मॉनिटर रविशंकर बसु का। उन्होंने लिखा है...... इस वर्ष की 8 फरवरी को चीनी पंचांग के मुताबिक बंदर वर्ष का वसंत त्योहार शुरू होने वाला है। इसलिए इस त्योहार के मौके पर सबसे पहले मैं और हमारे न्यू हराइज़न रेडियो लिस्नर्स क्लब के सभी सदस्यों की ओर से सीआरआई-हिंदी परिवार और साथ ही सभी श्रोता मित्रों को शुभकामनाएं एवं हार्दिक बधाई देता हूं! चीनी बंदर वर्ष का मतलब है "बुद्धि, समृद्धि व शुभ" होता है। उम्मीद है कि चीन और भारत दोनों देशों की जनता का जीवन 2016 साल में खुशहाल होगा, और ज्यादा सफलताएं प्राप्त करेंगी।

    मैं 1985 से सीआरआई हिंदी सेवा से जुड़ा हुआ हूं। एक पुराना श्रोता होने के नाते मैं सभी श्रोता-दोस्तों के साथ वसंत त्योहार के बारे में अपने अनुभव शेयर करना चाहता हूं।

    बसु लिखते हैं कि सदियों से चीन की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत बनाया गया है जो चीनी जीवन, आत्मा और त्योहारों में एक विशाल विविधता प्रदान करता है। दुनिया में चीन एक खूबसूरत देश है जहां कई पारंपरिक त्योहारों मनाया जाता है। समृद्ध सांस्कृतिक परंपरा और एक लंबा इतिहास के साथ पारंपरिक चीनी त्योहार चीनी संस्कृति का एक महत्वपूर्ण और मुख्य अंश बन गये हैं।चीनी वसंत महोत्सव जो चीनी नव वर्ष के रूप में जाना जाता है,चीन में सबसे शानदार और महत्वपूर्ण त्यौहार है। चीन का हर नागरिक इस त्योहार को मनाता है।

    हम भारतीय लोग जहां, दीपावली, होली, नवरात्र व ईद आदि त्योहारों को बड़े उत्साह से मनाते हैं, चीनी लोगों में वसंत त्योहार के लिए इससे भी अधिक जोश दिखता है क्योंकि चीनी लोगों के जीवन और संस्कृति में वसंत त्यौहार का अहम स्थान होता है। इस ख़ुशी के मौके पर पूरे चीन में कम से कम सप्ताह भर का अवकाश रहता है। वसंत त्यौहार पर रंग बिरंगे कार्यक्रम होते हैं। चारों ओर हंसी-खुशी का वातावरण दिखाई देता है। वसंत त्योहार के दौरान हर चीनी व्यक्ति वसंत उत्सव की पूर्व संध्या में अपने परिवार के साथ भोजन करने के लिए हजारों मील की यात्रा कर घर वापस जाना चाहता है। 15 दिनों तक इस त्योहार की खुशियां मनायी जाती हैं और हर एक दिन विशेष रस्म पूरी की जाती है। इस मौके पर चीनी लोग अपने रिश्तेदारों और दोस्तो के घर जाकर उन्हें मुबारकबाद देते हैं। इसके बाद बाय नियन आता है।

    वसंत त्योहार को चीनी भाषा में "न्येन" कहा जाता है। इसका इतिहास लगभग 4 हज़ार साल पुराना है। शङश्याओ यानी वर्ष सूचक पशु को शुश्यांग ("Shuxiang" ) यानी जन्म वर्ष सूचक पशु भी कहा जाता है जो चीन की पारंपरिक रीति रिवाज संस्कृति का एक महत्वपूर्ण भाग है। चीन में 12 पशुओं को साल का प्रतीक माना जाता है।इस तरह 12 वर्षों के चक्र को 12 पशुओं में विभाजित किया गया है। चीन के 12 वर्ष-प्रतीक हैं- चूहा, बैल, बाघ, खरगोश, ड्रैगन, सांप, घोड़ा, बकरा, बंदर, मुर्गा, श्वान और सुअर। वर्ष 2016 चीनी परंपरा के अनुसार बंदर वर्ष है। वसंत उत्सव की शुरुआत चीनी कैलेंडर के मुताबिक पहले माह की पहली तारीख से होती है और अंत इसी माह के 15वें दिन "लालटेन उत्सव" से समाप्त होती है।15वां दिन पूर्णिमा का दिन माना जाता है। यह नए साल की प्रथम पूर्णिमा होती है। इस रात चांदनी बहुत स्वच्छ और चमकीली लगती है। लालटेन चीन की परम्परागत कला है। लालटेनों पर विभिन्न किस्मों के जीव जन्तु, सुहावने दृश्य और वीरों के चित्र आदि बनाये जाते हैं।

    चीन के विभिन्न प्रांतों में, वसंत त्यौहार मनाने के भिन्न भिन्न परम्परागत रीति रिवाज हैं।लेकिन, नये साल की पूर्व संध्या पर, चीनी लोगों के लिए एक साथ मिलकर घर में खाना खाना जरुरी है। दक्षिण चीन में उस रात तो फ्यू और मछली खाना जरुरी है। चूंकि तो फ्यू और मछली के लिए चीनी शब्द फू य्वू उच्चारण में लगभग समान हैं। उत्तरी चीन में उस रात च्याओ ज़ ('Jiaozi') यानी डम्पलिंग खाये जाते हैं। च्याओ ज़ वास्तव में मांस को आटे में भरकर बनाया जाने वाली एक किस्म की परम्परागत डिश है।

    हैया:आगे बसु जी लिखते हैं ......त्यौहार के दिन लोग चावल के मीठे डंपलिंग भी खाते है। चीनी लोग घरों में मेहमानों को मिठाईयां खिलाते हैं। चीन में ऐसी मान्यता है कि मिठाई खाने से नया साल अच्छा होता है। घर में लोग चाय पीते हैं और आराम से गपशप करते हैं। रात को आत्माएं घर का रास्ता न भटक जाएं इस के लिए घर के बाहर मोमबत्तियां जला कर रखी जाती है और रास्तों पर लालटेन भी टांगी जाती हैं। चीनी लोगों में यह परम्परा भी बरकरार है कि वसंत त्यौहार की खुशियों में रिश्तेदार व मित्र एक दूसरे को मुबारकबाद व गिफ्ट देते हैं। परिवार के बड़े सदस्य छोटे सदस्यों को पैसे यानी "hongbao" देते हैं। वसंत त्यौहार के मौके पर लोग एक दूसरे को "नया साल मुबारक" या "वसंत त्यौहार की शुभकामनाएं" यानी guònián hǎo gōng xǐ fā cái कहते हैं। इस तरह चीनी नए साल का सब से बड़ा पारंपरिक त्योहार मनाया जाता है। यहां पर मैं उल्लेख करना चाहता हूं कि गत 2010 साल में हमारा कोलकाता महानगर के पूर्वी हिस्से में बसा चाइना टाउन में चीनी नव वर्ष पर चीनी लोगों द्वारा सड़क पर ड्रैगन डांस किया गया और यह ड्रैगन डान्स मेरे दिल को छू गया।

    मैं बेसब्री से आपकी वेबसाइट पर वसंत महोत्सव का Gala Show देखने के लिए इंतज़ार कर रहा हूं। धन्यवाद।

    अनिल:रविशंकर बसु जी, हमें रोजाना पत्र भेजने के लिए आपका बहुत बहुत शुक्रिया। चलिए, अगला पत्र मेरे हाथ आया है उड़ीसा से हमारे मॉनिटर सुरेश अग्रवाल जी का।

    प्रतिदिन की तरह आज भी सीआरआई हिन्दी के ताज़ा प्रसारण का रसास्वादन हम सभी परिजनों ने एकसाथ मिलकर शाम ठीक साढ़े छह बजे शॉर्टवेव 9450 किलोहर्ट्ज़ की आवृत्ति पर पूरे मनोयोग से किया और अब मैं रोज़ाना की तरह उस पर हम सभी की मिलीजुली राय लेकर आपके सामने हाज़िर हूँ। दिनांक 28-29 जनवरी को किसी अपरिहार्य कार्यवश प्रवास पर होने और रेड़ियो न सुन पाने के कारण मैं अपनी त्वरित टिप्पणी नहीं भेज सका। बहरहाल, ताज़ा अन्तराष्ट्रीय समाचारों में देश-दुनिया के हालात का ज़ायज़ा लेने के बाद आज हमने साप्ताहिक "आपकी फ़रमाइश आपकी पसन्द" के तहत श्रोताओं के छह पसन्दीदा फ़िल्मी नग़मों के साथ आप द्वारा दी गई हैरतअंगेज़ और ज्ञानवर्द्धक जानकारी को पूरे मनोयोग से सुना। दिल्ली स्थित राष्ट्रपति भवन और उसके मशहूर मुग़ल गार्डन के इतिहास पर विस्तृत जानकारी जुटाकर हम तक पहुँचाने के लिए शुक्रिया। आधुनिक विज्ञान के लिये चुनौती बनीं भारत की लाखों साल पुरानी चार गुफ़ाओं पर दी गई जानकारी भी बेशक़ीमती थी। अमेरिका के इलिनॉयस में रहने वाले जैमी किचन नामक शख़्स के शरीर में इतना अधिक तापमान होने सम्बन्धी जानकारी कि उसके सिर पर कोल्ड-ड्रिंक्स की बोतल चिपक जाती है, सुन कर बहुत हैरत हुई। सचमुच, यह तो कुदरत की एक अजीबोग़रीब देन है। श्रोताओं के लिये सुमधुर गीतों के साथ इस तरह के अज़ब-गज़ब किस्से जुटाने हेतु आपका पुनः हार्दिक धन्यवाद।

    इसके साथ ही "सण्डे की मस्ती" में आज अखिल जी के साथ सपनाजी की प्रस्तुति सुनी, काफी अच्छी लगी। कार्यक्रम का आगाज़ मधुर चीनी गाने के साथ करने के बाद पेश सण्डे स्पेशल में "भारतीय मीडियाकर्मी की नज़र में चीन-भारत मीडिया" शीर्षक रिपोर्ट काफी महत्वपूर्ण लगी। यह बात बिलकुल सही जान पड़ी कि भारत में स्वतन्त्र तथा चीन में एक ही नज़रिया रखने वाला मीडिया होने के बावज़ूद चीन-भारत सम्बन्धी ख़बरें संतुलित ढ़ंग से प्रस्तुत करते हैं। रिपोर्ट में जी.रविचन्द्रन तथा एम. गणेशन सहित तमाम विशेषज्ञों के विचार काफी सटीक जान पड़े। कार्यक्रम में आगे चीन के थाइवान में छह लाख अड़सठ हज़ार डॉलर की लागत से निर्मित सैण्डल की आकृतिनुमा वेडिंग चर्च, चीन ही के हनान प्रान्त की राजधानी चन्चो में चाओ नामक बुजुर्ग के लिये तीस लाख रुपये बने सिरदर्द तथा क्वांगतोंग प्रान्त में सिक्के लेकर कार ख़रीदने गये काय महोदय की दास्तान काफी अजीबोग़रीब लगी। हाँ, जापानी वैज्ञानिकों द्वारा कार्टिलेज सेल्स के ज़रिये चूहे की पीठ पर मानव कान उगाने में मिली सफलता चिकित्सा विज्ञान के लिये एक वरदान साबित होगी, इसमें दोराय नहीं। चीन के सोंग पो नामक व्यक्ति द्वारा अपने जीवन की वीरानी समाप्त करने रबड़ की गुड़िया छो तिए को बेटी बनाया जाना, मन को भावविह्वल कर गया। सामान्य-ज्ञान के तहत मूंगफली की पौष्टिकता सम्बन्धी जानकारी काफी उपादेय लगी। प्रेरक कहानी-बाड़े की कील तथा जीवनमंत्र-दूसरों में बुराई न देखें, वास्तव में जीने की सीख प्रदान करते हैं। इस शुक्रवार रिलीज़ होने वाली रामकुमार हिरानी तथा आर.माधवन कृत फ़िल्म "साला खङूस" की चर्चा के साथ उसका ट्रेलर सुनवाया जाना काफी रुचिकर लगा। धन्यवाद फिर एक सम्पूर्ण पत्रिका रूपी प्रस्तुति के लिये।

    हैया:सुरेश अग्रवाल जी, हमें पत्र भेजने के लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद। चलिए, अगला पत्र मेरे हाथ आया है गुजरात से मकवाना विशाल जी का। उन्होंने लिखा है......सीआरआई की पूरी टीम को मेरा प्यार भरा नमस्कार। आपके सभी प्रोग्राम मुझे बहुत पसंद आते हैं। इनमें चीन और पूरे विश्व के साथ नयी-नयी जानकारी भी मिलती है। आपका प्रोग्राम पेश करने का अंदाज़ भी लाजवाब और काबिले तारीफ है।

    25 जनवरी को चीन का भ्रमण कार्यक्रम में माओ नान जाति के बारे में जानकारी अच्छी लगी। मैत्री की आवाज प्रोग्राम भी अच्छा लगा।

    27 तारीख को आपका पत्र मिला प्रोग्राम मे प्रोग्राम में सभी श्रोताओं के पत्र सुने। साथ ही जयपुर राजस्थान के राजीव शर्मा से बातचीत पसंद आयी। उनसे राजस्थान की खासियत के बारे में पूछा। जयपुर को पिंक सिटी के नाम से जाना जाता है। धन्यवाद अनिल सर।

    28 जनवरी को नमस्कार चाइना प्रोग्राम सुना। जिसकी शुरुआत सबसे पहले चीनी लव सांग से की गई। जो कार्यक्रम की रोचकता बढ़ा गया, फिर हरियाणा के मुख्यमंत्री का भाषण सुनवाया गया। मैं कामना करता हूं भारत चीन का रिश्ता कायम रहे। इसके अलावा प्रोग्राम में चीन और खेल की खबरें सुनाई गई। धन्यवाद।

    वहीं 29 जनवरी को चीन का तिब्बत मे वन रक्षक दावा की कहानी बहुत पसंद आई। दक्षिण एशिया फोकस भी जानकारियों से भरपूर था।

    30 जनवरी को आपकी पसंद प्रोग्राम में गीत के साथ नई जानकारी देना अच्छा लगा। धन्यवाद एक अच्छी प्रस्तुति के लिए। आपकी वेबसाइट से मुझे कुछ न कुछ जानने और सीखने का अवसर मिलता है। धन्यवाद।

    31 जनवरी संडे की मस्ती प्रोग्राम खुशनुमा और नए अंदाज़ के साथ सुनवाया गया।

    प्रोग्राम में थाईवान में एक चर्च बनने के बारे में जानकारी दी गयी। फिर 30 लाख रुपये बने, बुज़ुर्ग के लिए सिर दर्द। चीन में एक आदमी ने अकेलापन दूर करने के लिए रबर की गुड़िया को अपनी बेटी बना लिया है। हिन्दी गीत भी अच्छा लगा। सामान्य झान , प्रेरक कहानी और जीवन मंत्र भी पसंद आए।

    मैं आप सभी को चीनी नव वर्ष की बधाई देता हूं। शुक्रिया।

    अनिल:मकवाना विशाल जी, अपनी प्रतिक्रिया हम तक पहुंचाने के लिए आपका बहुत-बहुत शुक्रिया। दोस्तों, मेरे पास जो पत्र है, उसे भेजा है, दिल्ली से अमीर अहमद ने। उन्होंने लिखा है......

    हैया:अमीर अहमद जी, हमें पत्र भेजने के लिए शुक्रिया। आपके सुझावों पर विचार किया जाएगा। धन्यवाद प्रतिक्रिया भेजने के लिए। चलिए, आगे पेश है उत्तर प्रदेश से सादिक आज़मी जी का पत्र। उन्होंने लिखा है ......पिछले दिनों नए वर्ष के आगमन से आपकी हिन्दी वेबसाइट पर नियमित रूप से विज़िट करता आ रहा हूं और फेसबुक पेज पर भी लॉगइन का क्रम जारी है दोनो जगहों पर आपकी ओर से अपडेट मिल रही है। आशा करता हूं यह बदलाव आगे भी जारी रहेगा। cri महाप्रबंधक जी द्वारा श्रोताओं को आश्वस्त करवाया जाना अब सार्थक रूप ले रहा है, हम संतुष्टि का गीत गुनगुना रहे हैं। इसी विश्वास से कि आगामी दिनों में श्रोताओं पर भी विशेष कृपा दृष्टि रहेगी और बड़ी प्रतियोगिता का आयोजन किया जाएगा। पिछले वर्ष गतिविधियों के आधार पर भारत से सुरेश अग्रवाल जी को चीन जाने का निमंत्रण सराहनीय रहा। और आशा करता हूं भविष्य में श्रोताओं की कार्यशैली पर आपकी निष्पक्षता कायम रहेगी। पिछले दिनों कार्यक्रम और आपके पेज से तिब्बती सांस्कृतिक प्रदर्शन सप्ताह जो कि पेरिस में हुआ उस पर जानकारी मिली और हमने जाना कि छिंगहाई कुमबुम मठ के तिब्बती सांस्कृतिक प्रदर्शन सप्ताह 14 जनवरी की रात को पेरिस के उपनगरीय इलाके "यूरोपीय टाइम्स" के सांस्कृतिक केंद्र में शुरू हुआ। और फ्रांस में रहने वाले चीनी प्रवासियों व चीनी संस्कृति पर आकर्षित फ्रांसीसी नागरिकों ने इसका स्वागत किया। रिपोर्ट से यह भी ञात हुआ कि छिंगहाई कुमबुम मठ चीन में तिब्बती बौद्ध धर्म के छह प्रमुख मठों में से एक है। साथ ही यह चीन का प्रमुख सांस्कृतिक अवशेष व प्रसिद्ध सांस्कृतिक विरासत भी है। कुमबुम मठ केवल बौद्ध धर्म का तीर्थ मंदिर ही नहीं,बल्कि संस्कृति का स्वर्ग भी माना जाता है। खासकर मक्खन फूल, कढ़ाई वाला थांगखा व भित्ति "तिब्बती संस्कृति की तीन प्रमुख कलाएं" कहलाती हैं,जिसे चीनी राष्ट्रीय अमूर्त सांस्कृतिक विरासत में भी शामिल किया गया था। हम तिब्बत के विषय में कार्यक्रम चीन का तिब्बत द्वारा जानकारी पाते रहे हैं और विदेश में किसी आयोजन की खबर पर रिपोर्ट की प्राप्ति सुखद अहसास कराती है। धन्यवाद स्वीकार करें इस रिपोर्ट हेतु।

    हैया:अब सुनिए बिहार से हमारे श्रोता दोस्तो अतुल कुमार जी के साथ हुई बातचीत।

    अनिल:दोस्तो, इसी के साथ आपका पत्र मिला प्रोग्राम यही संपन्न होता है। अगर आपके पास कोई सुझाव या टिप्पणी हो तो हमें जरूर भेजें, हमें आपके खतों का इंतजार रहेगा। इसी उम्मीद के साथ कि अगले हफ्ते इसी दिन इसी वक्त आपसे फिर मुलाकात होगी। तब तक के लिए अनिल पांडे और हैया को आज्ञा दीजिए, नमस्कार।

    हैया:गुडबाय।

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