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    आपका पत्र मिला 2016-01-13
    2016-01-19 15:30:51 cri


    अनिल:आपका पत्र मिला कार्यक्रम सुनने वाले सभी श्रोताओं को अनिल पांडे का नमस्कार।

    हैया:सभी श्रोताओं को हैया का भी प्यार भरा नमस्कार।

    अनिलः दोस्तो, पहले की तरह आज के कार्यक्रम में हम श्रोताओं के ई-मेल और पत्र पढ़ेंगे। इसके बाद एक श्रोता के साथ हुई बातचीत के मुख्य अंश पेश किए जाएंगे।

    अनिल:चलिए श्रोताओं के पत्र पढ़ने का सिलसिला शुरू करते हैं। पहला पत्र हमें आया है, ओड़िशा से मॉनिटर सुरेश अग्रवाल जी का। उन्होंने लिखा है...... प्रतिदिन की तरह सीआरआई हिन्दी के ताज़ा प्रसारण ने शाम ठीक साढ़े छह बजे हम सभी के लिये ज्ञान का झरोखा खोला और अपनी सूक्ष्म तरंगों के ज़रिये 9450 और 7265 किलोहर्ट्ज़ की आवृत्ति पर देश-दुनिया का ताज़ा हाल हमारे सामने रखा। पूरे कार्यक्रम का लुत्फ़ उठाने के बाद अब मैं उस पर अपनी त्वरित प्रतिक्रिया के साथ आपके समक्ष उपस्थित हूँ। बहरहाल, ताज़ा अन्तर्राष्ट्रीय समाचारों के बाद पेश साप्ताहिक "आपकी फ़रमाइश आपकी पसन्द" के तहत प्रसारित फ़िल्मी गानों और महत्वपूर्ण जानकारी पर अपनी प्रतिक्रिया देने से पूर्व आज मैं चन्द्रिमा जी द्वारा कार्यक्रम की बेहतरी के लिये श्रोताओं से मांगे गये सुझावों पर कहना चाहूँगा कि कार्यक्रम में श्रोताओं की उपस्थिति बढ़ाने हेतु एक ऐसी एसएमएस सेवा शुरू की जाये, जिससे श्रोता अपनी राय और फ़रमाइश फ़ौरी तौर पर आपको भेज सकें। क्योंकि ग्रामीण क्षेत्र के श्रोताओं के पास आज भी कम्प्यूटर और इण्टरनेट जैसी सुविधायें उपलब्ध नहीं हैं, पर मोबाइल हर जगह इस्तेमाल किया जा सकता है। फिर जिस प्रकार श्रोताओं के पत्र पढ़ते समय आपको यह महसूस होता है कि जैसे उनसे आमने-सामने बात हो रही हो, ठीक उसी प्रकार आपको पत्र अथवा मेल लिखते समय हमारी भी अनुभूति यही होती है, मानो आपसे प्रत्यक्ष संवाद चल रहा हो ! बहरहाल, आज के अंक में फ़िल्म -दोस्ती, कटी पतंग, राम बलराम, परिन्दा, शोर तथा शहंशाह के छह गानों के साथ दी गई रोचक ज्ञानवर्द्धक और आश्चर्यजनक जानकारी वास्तव में क़ाबिल-ए-तारीफ़ लगी। श्रीलंका के रतनपुरा क्षेत्र से निकाला गया विश्व का सबसे बड़ा ब्लूस्टार नामक नीलम, जिसका आकार 1404.4 कैरेट तथा क़ीमत छह अरब रुपये से अधिक है, पर दी गई जानकारी वास्तव में चौंकाने वाली लगी, क्यों द्वीप-देश श्रीलंका का रत्न-उद्योग इतना बड़ा होने की जानकारी हमें बिलकुल नहीं थी। आश्चर्य इस बात पर भी होता है कि लोग हीरे-मोती, माणिक, नीलम आदि रत्नों को इतनी मोटी रक़में देकर ख़रीदते हैं। आज की दूसरी झांसी के समीप कालिंजर क़िले पर दी गई जानकारी भी कम विस्मयकारी नहीं। पौराणिक-ऐतिहासिक महत्व के उक्त क़िले का अपने देश भारत में होना हमारे लिये गर्व की बात है। कालिंजर क़िले के प्रांगण में स्थित नीलकण्ठ मन्दिर का रहस्यमय ख़ज़ाना, स्वर्गारोहण जलाशय, माता सीता की शैया और तकिया के अलावा सीताकुण्ड आदि तमाम चीज़ों की जानकारी इतनी महत्वपूर्ण लगी कि तुरन्त वहां का रुख करने की इच्छा हुई। फिर इस क़िले का राज़ा दुष्यन्त और शकुन्तला के पुत्र भरत, जिसके नाम पर भारत का नाम भारत पड़ा, द्वारा बनवाये जाने सम्बन्धी जानकारी तो इसे और भी विशिष्ट बना देती है। मैं तो चाहूँगा कि कालिंजर क़िले से सम्बध्द तमाम जानकारी उसकी तस्वीरों सहित सीआरआई की वेबसाइट पर पोस्ट करें, ताकि मानवता की इस अमूल्य धरोहर को पूरा विश्व देख सके।

    वहीं "सण्डे की मस्ती" का ताज़ा अंक हर बार की तरह आज भी रुचिकर लगा। चीनी गीत "खुशियों से भरे रेस्तरां" से कार्यक्रम की शुरुआत के बाद जीवन में खुश रहना चाहते हैं, तो अपने फ़ोन का ई-मेल बन्द रखें, जानकारी कुछ जमी नहीं। शोध भले जो कहता हो, ई-मेल से अधिक तनाव और अवसाद उत्पन्न करने वाले और बहुत से गैजेट्स हैं। हाँ, किसी भी चीज़ का अत्यधिक इस्तेमाल परेशानी का सबब बन सकता है, इसमें दोराय नहीं। श्रीलंका में दुनिया का सब से बड़ा नीलम रत्न मिलने का समाचार अभी कल 9 जनवरी को ही साप्ताहिक "आपकी फ़रमाइश आपकी पसन्द" में भी दिया जा चुका था। बेहतर हो कि इस तरह की अनावश्यक पुनरावृत्ति से बचें। वैसे अजीबोग़रीब किस्सों में सबसे ज़्यादा क्रेडिट कार्ड जमा करने वाले शख़्स तथा राजस्थान के जोधपुर में कपिल गहलोत नामक रोलर स्केटर द्वारा अपने बालों से पांच हज़ार किलोग्राम वज़नी बस को खींच गिनीज़ बुक में नाम दर्ज़ कराने का किस्सा काफी रोमांचक लगा। चीन में एक 95 वर्षीय पिता द्वारा विगत 46 वर्षों से बिस्तर पर पड़े अपने बेटे को जीवित रखने की क़वायद प्यार की सब से बड़ी मिसाल कही जा सकती है। चीन ही में दो साल की उम्र में खोयी बच्ची का सत्रह साल बाद उसके माँ-बाप को मिलना भी एक सुखद समाचार है। इन्सानों के बारे में बतलायी गई दस बातें भी दंग करने वाली हैं। प्रेरक कहानी "सब के बारे में अच्छे विचार" और "जीवन-मंत्र" भी काफी सन्देशपूर्ण लगे।

    रोज़मर्रा की चीनी भाषा सम्बन्धी पाठ्यक्रम भी श्याओ थांगजी एवं राकेश वत्सजी द्वारा सरल एवं सुरुचिपूर्ण ढ़ंग से पेश किया जा रहा है। उन्हें भी हार्दिक धन्यवाद।

    हैया:सुरेश अग्रवाल जी, हमें रोजाना पत्र भेजने के लिए आपका धन्यवाद। चलिए, अगला पत्र मेरे हाथ आया है छत्तीसगढ़ से चुन्नीलाल कैवर्त जी का। उन्होंने लिखा है.... सीआरआई के सभी कर्मचारी भाई बहनों को सादर नमस्कार तथा नव वर्ष-2016 की हार्दिक शुभकामनायें! आशा है, आप सब सकुशल एवं स्वस्थ होंगे।

    मुझे हर साल नव वर्ष की पूर्व संध्या में चीन के राष्ट्रपति और नव वर्ष के शुभ आगमन पर सीआरआई के महानिदेशक के बधाई संदेशों की बेसब्री के साथ प्रतीक्षा रहती है।

    31 दिसंबर यानि नव वर्ष की पूर्व बेला में शी चिनफिंग का बधाई संदेश सुना, जो पूरे विश्व समुदाय के लिए शांतिदायक और उत्साहवर्धक लगा ।निश्चित रूप से वर्ष 2015 में चीन लोकगणराज्य ने महान उपलब्धियां हासिल की हैं। चीनी राष्ट्रीय आर्थिक वृद्धि लगातार विश्व के अग्रिम पंक्ति में बनी रही है। समूचे देश की विभिन्न जातियों की जनता के समान प्रयासों से "12वीं पंचवर्षीय" योजना की सफलतापूर्ण समाप्ति हुई, देश में व्यापाक नागरिकों को अधिक लाभ मिला है। इस वर्ष पेइचिंग ने 24वें शीतकालीन ओलंपिक के आयोजन का अधिकार प्राप्त किया है। चीनी वैज्ञानिकों द्वारा अनुसंधान किए गए डार्क मैटर (dark matter) सर्वेक्षण उपग्रह का प्रक्षेपण किया गया। वैज्ञानिक थू योयो देश की नोबेल पुरस्कार पाने वाली पहली चीनी वैज्ञानिक बन गई हैं। चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की 18वीं केंद्रीय समिति के पांचवें पूर्णाधिवेश ने स्पष्ट रूप से भावी 5 वर्षों में चीन की विकसित दिशा निश्चित की। चीन का भविष्य प्रेरणादायक और उत्सुकता भरा है।

    हमारे पास केवल एक ही पृथ्वी है। यह विभिन्न देशों की जनता का समान घर है। अधिक शांति और अधिक सहयोग की प्राप्ति के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय समान कोशिश करेगा। ताकि विभिन्न देशों की जनता के समान उपभोग वाले मानव जाति की समान भाग्य वाले समुदाय का निर्माण किया जा सके। सचमुच राष्ट्रपति श्री शी चिनफिंग का यह संदेश सार्थक, शांतिपूर्ण, उत्साहवर्धक और स्वागत योग्य लगा। राष्ट्रपति श्री शी चिनफिंग और समस्त चीनी जनता को भी हमारी ओर से सुख,समृद्धि और स्वस्थ जीवन की हार्दिक सुभकामनाएं !

    इसके अगले दिन नव वर्ष के शुभ अवसर पर चाइना रेडियो इंटरनेशनल के महानिदेशक श्री वांग गंग न्यैन का बधाई संदेश सुना,जो हम श्रोताओं एवं नेटीजनों के लिए खास मायने रखता है । विगत वर्ष 2015 संपूर्ण विश्व और चीन के लिए महत्वपूर्ण रहा। इसी वर्ष में विभिन्न देशों ने भिन्न भिन्न तरीकों से विश्व के फासिस्ट विरोधी युद्ध की विजय की 70वीं जयंती मनायी। इसी वर्ष में विश्व के सभी देशों ने हाथ मिलाकर जलवायु परिवर्तन को रोकने का नया ढांचा स्थापित किया। यह जानकर अच्छा लगा कि नव वर्ष में चाइना रेडियो इंटरनेशनल अपने श्रोताओं को बेहतरीन और समकालीन सूचनाएं प्रदान करेगा और श्रोताओं के साथ अधिक सुचारू और सुविधाजनक तौर पर आदान प्रदान करेगा। वर्ष 2015 में हम ने कुल 161 देशों और क्षेत्रों की तरफ से 1 करोड़ 45 लाख 4 हजार पत्र या वेब संदेश प्राप्त किये हैं। सीआरआई के प्रशंसकों की संख्या 5 करोड़, 63 लाख 63 हजार तक जा पहुंची है। इससे स्पष्ट हो जाता है कि सी॰आर॰आई॰ ,विश्व का नंबर वन रेडियो स्टेशन है ।अंत में चाइना रेडियो इंटरनेशनल के महानिदेशक श्री वांग गंग न्यैन जी और समस्त श्रोता मित्रों को नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनायें!

    अनिल:चुन्नीलाल कैवर्त जी अपनी प्रतिक्रिया हम तक पहुंचाने के लिए आपका शुक्रिया। दोस्तों, मेरे हाथ में अगला पत्र है बिहार से राम कुमार नीरज जी का। उन्होंने लिखा है......रिपोर्टों की ताजा कड़ी में "दिल्ली में 24वां विश्व पुस्तक मेला जल्द ही शुरू होगा, चीन प्रमुख अतिथि देश" पर विस्तृत रिपोर्ट पढ़कर अपने ख़त लिखने से अपने आप को नहीं रोक पाया। प्रगति मैदान में नौ जनवरी से शुरू होने वाला 24वां विश्व पुस्तक मेला इस वर्ष 'भारत की सांस्कृतिक धरोहरों' पर समर्पित होगा। वहीं इस साल विशिष्ट अतिथि का सम्मान चीन को दिया गया है - जानना बेहद अच्छा लगा। मुझे लगता है कि 24वें विश्व पुस्तक मेला दोनों देशों के परस्पर सांस्कृतिक संबंधों को मजबूत करने में सहायक सिद्ध होगा।

    नौ दिवसीय इस मेले को एशिया का सबसे बड़ा ऐसा मेला बताया जा रहा है। इस मेले में करीब 30 देश हिस्सा ले रहे हैं। रिपोर्टों के अनुसार मेले में श्रृंखलाबद्ध कार्यक्रम आयोजित होंगे जिसमें पैनल चर्चा, नाटक, शास्त्रीय एवं लोक नृत्य, कार्यशालाएं, चर्चाएं, लेखकों की बैठकें, सम्मेलन, सेमिनार और सांस्कृतिक कार्यक्रम शामिल होंगे।

    मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने चीन की हिस्सेदारी के बारे में कहा, 'मेरा मानना है कि 50 प्रकाशन घरानों और नौ जानेमाने लेखक अपने साथ इस विश्व पुस्तक मेले में करीब पांच हजार पुस्तकें लेकर आये हैं ताकि इस आदान प्रदान से दोनों देशों के लोग समृद्ध हो सकें।' चीन को विशिष्ट अतिथि देश के तौर पर आमंत्रित किया गया है। क्योंकि पिछले वर्ष चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग जब भारत की यात्रा पर आये थे तब उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ एक सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किया था।

    मंत्री ने कहा, 'राष्ट्रपति शी चिनफिंग की यात्रा के दौरान विश्व पुस्तक मेले में चीन की भूमिका को लेकर एक सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किया गया था और मुझे यह उल्लेख करते हुए प्रसन्नता हो रही है कि हमने जो कागज के जरिये किया था वह वास्तविकता बन गया है।' उन्होंने दोनों देशों में प्रकाशन व्यापार की वृद्धि का उल्लेख करते हुए कहा, 'आज हम दोनों देश भारत और चीन में प्रकाशन व्यापार की तेज वृद्धि की खुशी मना रहे हैं।'

    भारत चीन सम्बन्धों को समर्पित इस इस पुस्तक मेले के बारे में यह भी जानना बेहद दिलचस्प है कि उद्घाटन समारोह को भारत में चीन के राजदूत ली यूशेंग तथा चीन के प्रमुख लेखक लिऊ झेनयून भी संबोधित करेंगे। मेले में पाकिस्तान, जर्मनी, नेपाल, पोलैंड, स्पेन, मिस्र समेत करीब 30 देश और एक हजार से अधिक प्रकाशक भाग लेंगे। शर्मा ने बताया कि स्कूली पोशाक में आने वाले बच्चों के लिए नि:शुल्क प्रवेश होगा। उन्होंने यह भी बताया कि हर साल फरवरी में इस मेले का आयोजन होता था लेकिन स्कूलों में परीक्षा के कारण इस बार जनवरी में ही मेला आयोजित किया जा रहा है। मेले में चीनी लेखकों, अधिकारियों तथा प्रकाशकों का एक प्रतिनिधिमंडल भी भाग ले रहा है जिसमें 255 लोग शामिल हैं।

    मेले में चीन के 81 प्रकाशक भाग ले रहे हैं और चीन से जुड़ी पांच हजार पुस्तकें भी प्रदर्शित की जा रही हैं। चीनी भाषा के अलावा हिन्दी तथा अंग्रेजी में अनूदित होंगी। पुस्तक मेले में एक 'सेल्फी कार्नर' भी बनाया गया है जहां पुस्तक प्रेमी अपनी सेल्फी ले सकेंगे। इसके अलावा पुस्तक मेले के बारे में जानकारी देने के लिए एक मोबाइल एप भी बनाया गया है। राष्ट्रीय पुस्तक न्यास के अध्यक्ष बलदेव भाई शर्मा ने आज यहां पत्रकारों को बताया कि अब सूचना प्रौद्योगिकी का जमाना है। इसलिए इस बार मेले में एक 'सेल्फी कार्नर' भी बनाया गया है जहां लोग अपनी सेल्फी खींच कर उसे फेसबुक तथा ट्विटर पर पोस्ट कर सकते है।

    उन्होंने यह भी बताया कि राष्ट्रीय पुस्तक न्यास फेसबुक तथा ट्विटर के जरिए सोशल मीडिया पर भी सक्रिय होगा। उन्होंने यह भी बताया कि मेले की जानकारी देने के लिए एनडीडब्ल्यू एफ-2016 नाम से एक विशेष मोबाइल एप भी बनाया गया है जो एंड्रॉयड तथा आईफोन के लिए उपलब्ध होगा। इस एप के जरिए पुस्तक प्रेमियों को मेले के प्रकाशकों, मंडपों आदि की जानकारी मिल सकेगी। नए लेखकों के लिए 'नवलेखन पुस्तक माला' की भी शुरुआत की गई है जिनके तहत 40 वर्ष से कम आयु के लेखकों की पुस्तकें छपेंगी।

    हैया:राम कुमार नीरज जी, पुस्तक मेले के बारे में विस्तार से लिखने के लिए आपका शुक्रिया। दोस्तों, मेरे हाथ आया है पश्चिम बंगाल से विधान चन्द्र सान्याल जी का पत्र । उन्होंने लिखा है...... सी आर आई हिन्दी सेवा के माध्यम से दैनिक भास्कर की बेडरूम व पलंग से जुड़ी 6 खास वास्तु टिप्स जानने का मौका मिला। इस रिपोर्ट से मुझे पता चला कि बेडरूम निर्माण करवाते समय तथा पलंग किस दिशा में रखे आदि बातों का हमें विशेष ध्यान रखना चाहिए। मैने इस रिपोर्ट से जाना कि बेडरूम हमारी लव लाइफ को सफल बनाने में अहम होता है। मेरे विचार में रिपोर्ट में बतायी गयी बातें श्रोताओं के काम आएंगी।

    वहीं चीनी ट्रैवेल कंपनी सी ट्रिप डॉट कॉम भारतीय ट्रैवेल कंपनी मेक माई ट्रिप डॉट कॉम में 18 करोड़ डॉलर का निवेश कर रही है। भारत में बढ़ते हुए ऑनलाइन ट्रैवल में अभी और विस्तार होगा , जिससे दोनों ही कंपनियों को फायदा होगा क्योकि दोनों ही कंपनियां ऑनलाइन हैं और दोनों में बहुत समानता भी है। साथ ही साथ चीनी यात्रियों को भारत की यात्रा करने में बहुत सुविधा होगी।

    पिछले 8 जनवरी को पेइचिंग में 2015 चीनी राष्ट्रीय विज्ञान और तकनीक पुरस्कारों की घोषणा की गयी। इसमें कुल 295 परियोजनों और स्वीडन, जापान, रूस, अमेरिका, इटली और नीदरलैंड के 7 वैज्ञानिकॉ को भी पुरस्कार दिया गया था। उल्लेखनीय है कि चीनी राष्ट्रीय विज्ञान और तकनीकी पुरस्कार चीन में सर्वश्रेष्ठ सरकारी विज्ञान और तकनीकी पुरस्कार है।

    वहीं दिनांक 10 जनवरी को सण्डे की मस्ती कार्यक्रम सुना। इसकी शुरुआत चीनी गाने से हुई। साथ ही अन्य जानकारियां भई दी गयी। शुक्रिया।

    अनिल:सान्याल जी, हमें पत्र भेजने के लिए धन्यवाद। चलिए, आगे पेश है पश्चिम बंगाल से रविशंकर बसु जी का पत्र। उन्होंने लिखा है सभी को नव वर्ष-2016 की हार्दिक शुभकामनायें!

    नववर्ष पर अपने बधाई-संदेश के अलावा सीआरआई महानिदेशक वांग गंग न्यैन ने नये साल में सीआरआई के विकास लक्ष्य पर भी महत्वपूर्ण जानकारी दी। अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि बीते वर्ष में आयोजित चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की 18वीं राष्ट्रीय सभा के पांचवें पूर्णांधिवेशन में चीन के भावी पांच वर्षों में आर्थिक और सामाजिक विकास की नयी रूपरेखा तैयार की है और विश्व को चीन की कल्पना दिखाई है। निश्चित रूप से चीन ने वर्ष 2015 में आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक आदि क्षेत्रों में उल्लेखनीय उपलब्धियां प्राप्त की है।13वीं पंचवर्षीय योजना का काल चीन में खुशहाल समाज के निर्माण करने के लिए महत्वपूर्ण है। 13वीं पंचवर्षीय योजना में चीन की कम्युनिस्ट पार्टी अगले पांच साल के लिए चीन की नवीनतम आर्थिक नीति पर प्रकाश डाला है, जिसमे चीन में सुधार, सृजन, खुलेपन, नवीनीकरण, जलवायु संरक्षण, हरित विकास, समन्वय साथ ही सरकार और बाज़ार की अच्छी व्यवस्था और दशकों के लंबे एक बच्चे की नीति को छोड़ने का फैसला किया है। बीते वर्ष में चीन और दुनिया के बीच घटी सभी महत्वपूर्ण घटनाओं को सीआरआई ने बहुत ही शानदार और सटीक ढंग से कवर किया,इसके लिए आप सभी को धन्यवाद।

    यह सच है कि वर्ष 2015 में सी आर आई ने "चीन का रुख़, विश्व की नज़र और मानव का मनन" के सिद्धांत से अपने श्रोता मित्रों के साथ विश्व की सूचनाओं और कथाओं का साझा किया है। चीनी जनता और वैश्विक जनता के बीच समझ और मित्रता बढ़ाने के लिए सी आर आई ने 2015 साल में "हेलो, चाइना", "चीन-आसियान मित्रवत गीत समारोह","एशिया की सुन्दरता—रेशम मार्ग का सपना", "मैं चीन की चर्चा करता हूं" और "मेरे पास मेड इन चाइना" आदि गतिविधियों का आयोजन किया है। जिसमें हम श्रोताओं ने बढ़चढ़ कर भी भाग लिया। मुझे आशा है कि 2016 साल में भी सीआरआई चीन को पहले से बेहतर समझने के लिए हम श्रोताओं के लिए प्रश्नोत्तरी या लेखन प्रतियोगिता या ज्यादातर इंटरैक्टिव गतिविधियों का आयोजन करेंगे साथ ही सी आर आई के कार्यक्रम को और अच्छा बनाएंगे। वांग गंग न्यैन जी को भी हम श्रोताओं की ओर से नये साल की बधाई एवं शुभकामनायें !

    हैया:आगे बसु जी लिखते हैं...... आज मैडम श्याओ थांग जी द्वारा पेश किये गए साप्ताहिक "चीन का तिब्बत" प्रोग्राम में तिब्बत के न्यिंग्छी प्रिफैक्चर ( Nyingchi) के फाईचङ कस्बे में सोसांग गांव में रहने वाले किसानों और चरवाहों की जीवन और पारिवारिक होटल के बारे में रिपोर्ट सुनने को मिली। कार्यक्रम सुनकर पता चला कि फाईचङ कस्बा पवित्र पर्वत नमजाग्बर्वा (Namjagbarwa) की तलहटी में स्थित है, जो यालुचांगबू नदी के मध्य भाग और निचले भाग को विभाजित करता है। यहां सिर्फ़ 38 परिवारों के 180 लोग रहते हैं। हर परिवार के सदस्य पर्यटन उद्योग से जुड़े हैं। हर साल पर्यटन मौसम में खासकर अप्रैल के महीने में न्यिग्छी प्रिफेक्चर में आड़ू उत्सव मनाया जाता है। उस समय हर पारिवारिक होटल में बिस्तरों की कमी हो जाती है। पारिवारक होटल खोलने के बाद सोसांग गांव में गांववासियों के जीवन में सुधार आया है।वहां के लोगों की आय में बढ़ोत्तरी हुई है।

    सोसोंग गांव में तिब्बती शैली के पारिवारिक होटलों में गांव के मुखिया तेन्ज़िन त्सेवांग के घर का हॉटल सबसे मशहूर है। वर्तमान में तेन्ज़िन त्सेवांग के पारिवारिक हॉटल में पर्यटकों की सेवा में 24 बिस्तर मुहैया करवाए जाते हैं। पारिवारिक हॉटल में संपूर्ण संस्थापन और बढ़िया सेवा मुहैया करवाने के कारण स्थानीय पर्यटन ब्यूरो ने तेन्ज़िन त्सेवांग के पारिवारिक होटल को " सिल्वर स्टार स्तर दिया गया है। सोसोंग गांव में 43 वर्षीय डोडो के पारिवारिक होटल में यात्रियों को परोसी जानी वाली सभी सब्ज़ियां वे लोग खुद ही उगाते हैं। इसके साथ ही वे पर्यटकों की सेवा में कई तिब्बती शैली के पकवान भी परोसते हैं। सोसोंग गांव में तिब्बती पुरुष त्सेरिंग डोन्ड्रुप के होटल में तमाम पर्यटक आते हैं। वह सोशल मीडिया के माध्यम से अपने होटल का प्रचार-प्रसार कर सकते हैं।

    न्यिग्छी प्रिफेक्चर की मिलिन कांउटी के फाईचङ कस्बे के उप प्रमुख पात्से ने कहा कि मिलिन कांउटी ने स्थानीय पर्यटन उद्योग के विकास को आगे बढ़ाने के लिए कई उदार नीतियां अपनाईं। जैसा मसलन् तिब्बती पारिवारिक दावत और विशेष तिब्बती खानपान मुहैया करवाना, तिब्बती पारिवारिक होटल का विकास करना, पर्यटकों की सेवा में कुली संघ की स्थापना। साथ ही पर्यटकों को गाइड सेवा देना, पर्यटन स्थलों में बुनियादी संस्थापनों के निर्माण में स्थानीय नागरिकों की भागीदारी को प्रोत्साहन देना इत्यादि। पर्यटन उद्योग के विकास से वहां के लोगों की पर्यटन आय में बढ़ोत्तरी हुई है। मिलिन कांउटी की सरकार ने प्राप्त पर्यटन आय के आंशिक भाग को स्थानीय नागरिकों के कल्याण में लगाया है। अब वहां की स्थानीय सरकार यालुचांगबू नदी के बड़ी घाटी क्षेत्र को राष्ट्र के 5 ए स्तरीय पर्यटन स्थलों में शामिल करने में प्रयासरत हैं। पर्यटन उद्योग के विकास से सोसांग गांव में किसानों और चरवाहों की जीवन में भारी परिवर्तन आया है और ग्रामीणों का जीवन बेहतर हो गया है।

    हैया:अब सुनिए हमारे श्रोता दोस्तो के साथ हुई बातचीत।

    अनिल:दोस्तो, इसी के साथ आपका पत्र मिला प्रोग्राम यही संपन्न होता है। अगर आपके पास कोई सुझाव या टिप्पणी हो तो हमें जरूर भेजें, हमें आपके खतों का इंतजार रहेगा। इसी उम्मीद के साथ कि अगले हफ्ते इसी दिन इसी वक्त आपसे फिर मुलाकात होगी। तब तक के लिए अनिल पांडे और हैया को आज्ञा दीजिए, नमस्कार।

    हैया:गुडबाय।

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