गालोंगला पहाड़ तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के न्यिंगची(Nyingchi ) शहर के मेतोग काउंटी में है, जिसकी औसत ऊंचाई 4800 मीटर है। हिंद महासागर का गर्म जलवायु के प्रभाव से वहां की जलवायु बदलती रहती है और हिमस्खलन, भूस्खलन आदि होता है। इसलिए चीन के मनबा जाति और ल्होबा (Lhoba) जाति के मुख्य ठिकाने के रूप में मेतोग काउंटी वर्ष 2013 से पहले चीन में एक मात्र प्रशासनिक काउंटी थी, जहां जाने के लिए कोई राजमार्ग नहीं था। गालोंगला पहाड़ ने तेचिन ग्यात्सो और बाहरी दुनिया के बीच बाधा खड़ी कर दी थी, यहां तक कि उन और सुदूर ल्हासा में बीमारी का इलाज करवाने वाली उनकी मां के बीच।
तेचिन ग्यात्सो और उसका छोटा भाई बचपन से ही अपने नाना-नानी के साथ रहते थे। 18 साल की उम्र में वे अपनी बीमार मां को मेतोग वापस लेकर आये। उन्होंने बताया कि उस समय वे एक घोड़ा लेकर अपनी मां को पहाड़ के एक छोर से दूसरे छोर तक वापस लाये। केवल कुछ ही साल पहले वे पहाड़ पार कर विश्वविद्यालय की छुट्टियों में वापस आने वाले अपने बेटों को भी वापस लाए।
12 साल की उम्र से 29 साल की उम्र तक तेचिन ग्यात्सो ने कुली का काम किया। कुलियों के लिए गालोंगला पहाड़ और यारलुंग जांग्बो नदी की तेजी खतरा होती है। उन्होंने बताया
"एक बार हम गालोंगला पहाड़ गये। उस समय चीनी पंचांग के अनुसार मई महीना था। बहुत तेज बारिश हो रही थी और रास्ते में पानी का बहाव भी तेज था। मेरे साथ जाने वाले लोगों के पीठ पर भारी बोझ था और वे सभी थके हुए थे। एक दिन पहले उन कुलियों में से एक नदी में गिर गया। थका हुआ होने की वजह से उसके शरीर में कोई ताकत नहीं थी और वह पानी के बहाव में बह गया। उस समय हम सभी लोग बहुत डर गए थे।"
बाहरी दुनिया से अलग रहने के कारण मेतोग बाहरी लोगों के लिए बहुत रहस्यमय और आकर्षक है। लेकिन तब मेतोग में रहने वाले लोग बड़ी मुश्किल से बाहर जाते थे।
मेतोग काउंटी के परिवहन ब्यूरो के उप प्रधान मिग्मार त्सेरिंग के मुताबिक गत् साठ के दशक में सरकार ने कई बार मेतोग राजमार्ग का निर्माण किया। लेकिन हर बार अंत में धन की कमी और मेतोग काउंटी की जटिल भूगर्भीय स्थिति से सफलता नहीं मिली। ऐसी स्थिति एक लंबे समय तक जारी रही।
वर्ष 2008 से सरकार द्वारा बड़ी मात्रा में पूंजी लगाने और कुछ अहम तकनीकी समस्याओं को सुलझाने के साथ साथ वर्ष 2013 में आखिरकार मेतोग काउंटी का बाहरी दुनिया के लिए एक चैनल खुल गया, जो चामोग से मेतोग राजमार्ग के नाम से जाना जाता है। मिग्मार त्सेरिंग ने बताया
"सुरंग के निर्माण और शक्तिशाली निर्माता की भागीदारी से परियोजना में बड़ी प्रगति हासिल हुई। साथ ही तकनीक पर भी ध्यान दिया गया, जैसे कि तमाम तरह के निर्माण उपकरण और निर्माण के तरीकों में सुधार। तीन किमी. लंबी सुरंग के निर्माण में तकनीकी मुश्किल पेश आती है। मिसाल के लिए पानी टपकने की समस्या। इस तरह की मुश्किलों का समाधान किया गया। "