यह चाइना रेडियो इंटरनेशनल है। दोस्तों, आप सुन रहे हैं तिब्बती पुरुष तेचिन ग्यात्सो की कहानी। आइए, सुनते हैं वह कुली से एक ट्रक चालक कैसे बने।
सुबह 4 बजे अंधेरे में 12 वर्षीय तेचिन ग्यात्सो अपना बैग पैक कर सुदूर गालोंगला पहाड़ के लिए रवाना हो चुका है। छोटा तेचिन ग्यात्सो पहली बार मेतोग काउंटी को छोड़कर पुरानी पीढ़ी के बोझा ढोने वाले कुलियों के साथ पहाड़ के दूसरे छोर के लिए जा रहा था। क्योंकि उसे ज़ामोग(zhamog) काउंटी में एक मालिक के नये मकान के निर्माण के लिए सीमेंट ढोना था।
मार्च के माह में गालोंगला पहाड़ सफ़ेद बर्फ़ से ढक जाता था। जब पहाड़ के नीचे पहुंचा तो पौ फट गयी। सूरज की रोशनी बर्फ पर गिरकर चमक रही थी, जिससे तेचिन ग्यात्सो अपनी आंखें नहीं खोल पा रहा था। बूढ़े लोगों ने उससे जल्दी चलने का आग्रह किया, क्योंकि तापमान बढ़ने पर पहाड़ पर बर्फ गिरने लगती है। यह सुनकर उसने तुरंत ही अपने कदम आगे बढ़ा दिए।
मुश्किल वक्त की याद करते हुए 41 वर्षीय मनबा(Menba) जाति के तेचिन ग्यात्सो के मुंह पर मुस्कान आ जाती है। उन्होंने कहा......
"बचपन में मैं पुराने कुलियों के साथ सीखता था और हर दिन उनके साथ बोझा ढोता था। भूस्खलन या मुश्किल रास्तों से गुजरने पर वे मुझे सिखाते थे। लेकिन अब मेरा बच्चा यह नहीं सीखता।"