तिब्बती चिकित्सा और चीनी चिकित्सा, प्राचीन भारतीय चिकित्सा और अरबी चिकित्सा विश्व की चार पारंपरिक चिकित्सा मानी जाती है। चीन की राष्ट्रीय स्तरीय गैर-भौतिक सांस्कृतिक विरासत होने के नाते तिब्बती चिकित्सा लोगों के लिए बेहद रहस्यमय और अद्धुत है। उसने ना जाने कितने लोगों की बिमारियों को ठीक किया है। चलिए, अब आप मेरे साथ तिब्बती चिकित्सालय चलें और तिब्बती परम्परागत औषधियों व जड़ी-बूटियों की मनोहरता को महसूस करें।
चीन के तिब्बत स्वायत प्रदेश के ल्हासा शहर के पास याओवांग नामक एक पहाड़ है, जिस पर करीब 500 से ज्यादा किस्मों की जड़ी-बूटियों मौजूद हैं। तिब्बती चिकित्सा अकादमी में पढ़ने वाली छात्रा दावा स्वोमो इधर के दिनों में सहपाठियों के साथ पहाड़ पर जड़ी-बूटियों की पहचान करना सीख रही है। हर एक व्यक्ति के पास जड़ी-बूटियों के नमूनों को रखने वाला लकड़ी के फ्रेम जैसा नोटबुक है। जहां वे जड़ी-बूटियों को सूखा कर लकड़ी के फ्रेम में जड़ते हैं और उस पर चिन्हित कर देते हैं। "इस जड़ी-बूटी का नाम टुटेवा है, इसमें थोड़ा बहुत जहर होता है। इस छोटी वाली जड़ी बूटी का नाम क्वोज़ा है। उससे बड़ी वाली का नाम जुगेन है।"
अब यह तिब्बती चिकित्सा अकादमी का प्रायौगिक शिक्षा का केंद्र बन गया है।
हर साल जुलाई के अंत से लेकर अगस्त की शुरुआत में करीब 200 छात्र औषधियों व जड़ी-बूटियों की पहचान सीखने के लिए यहां आते हैं। यह तिब्बती चिकित्सा अकादमी में पढ़ने वाले हरेक छात्र का अनिवार्य पाठ्यक्रम है। दावा स्वोमो ने कहा,"हमने 10 दिनों के अंदर इस पहाड़ पर से इन जड़ी-बूटियों की खोज की है। इन सभी का इस्तेमाल उपचार में किया जाता है। हालांकि जड़ी-बूटियों को ढूंढ़ने का काम बहुत कठिन है, पर जब मैं यह सोचती हूं कि इन जड़ी-बूटियों से रोगियों का इलाज किया जाएगा और वे स्वस्थ हो जाएंगे, तो फिर मुझे बहुत खुशी होती है।"