पालू के घार का एक दृश्य
निंगचोंग जिले की जन प्रतिनिधि सभा के अध्यक्ष लांग्गा ने जानकारी देते हुए कहा कि सुरक्षित आवास परियोजना के प्रति स्थानीय चरवाहों के पास सक्रिय प्रतिक्रिया है। वर्तमान में पूरे निंगचोंग जिले में सुरक्षित आवास परियोजना का कार्यान्वयन बुनियादी तौर पर सम्पन्न हुआ है। उन्होंने कहा:
"हमारे निंगचोंग जिले में कुल 1862 परिवारों में 96 से 97 प्रतिशत परिवार सुरक्षित आवास परियोजना में शामिल हुए हैं। जो परिवार इस परियोजना में शामिल नहीं हुए हैं, वह आने वाले नए परिवार हैं। 2013 से 2015 तक हर साल नए परिवार यहां आते हैं। ये नए परिवार इस वर्ष आवासीय परियोजना के सम्पन्न होने के बाद यहां पर आए हैं इसलिये अब वे अगले वर्ष की आवासीय परियोजना में भाग ले सकते हैं।"
चरवाहों के पशुपालन को सुविधा देने के लिए छ्युछाई गांव बस्ती चरागाह से बहुत नज़दीक स्थित है, जहां पर पैदल जाने में मात्र 10 मिनट लगते हैं। घास के मैदान में संतुलित पशुपालन को बखूबी अंजाम देने के लिए चरागाह में पारिस्थितिक संरक्षण कदम उठाया जाता है, जहां सर्दियों में पशुपालन की मनाही है। चरवाहों की बस्ती के निर्माण के दौरान उनकी राय और सुझाव भी सुने जाते हैं। गांव ने बस्तियों में एकीकृत चिकित्सीय केंद्र और स्कूल का निर्माण किया है। यह चरवाहों के बच्चों के स्कूल जाने और रोगियों के इलाज करने के लिए सुविधाजनक है। इसकी चर्चा करते हुए तिब्बती चरवाहे पालू ने कहा:
"चिकित्सा बीमा में भागीदारी के लिए साल में हर चरवाहा 30 युआन देता है, जबकि सरकार हमें 420 युआन का भत्ता देती है।"
वर्ष 2013 के अंत में तिब्बत में किसानों और चरवाहों के लिए लागू की जा रही सुरक्षित आवास परियोजना सफलतापूर्वक पूरी हुई। 23 लाख तिब्बती किसान और चरवाहे नए मकान में प्रवेश कर नया जीवन बिताने लगे। पूरे तिब्बत स्वायत्त प्रेदश में प्रति किसान और चरवाहे औसतन रिहायशी मकान के क्षेत्रफल में 20 से 30 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुई है। अधिकांश लोग पालू की तरह नए सुरक्षित दो मंजिली इमारतों में रहने लगे।
तिब्बत में सुरक्षित आवास परियोजना के कार्यान्वयन के दौरान स्थानीय लोग रेत-पत्थर कारखाना, ईंटों का कारखाना, निर्माण करने वाले दल स्थापित कर रिहायशी मकानों के निर्माण में भाग लेते हैं। इससे उनकी आय में भी भारी वृद्धि हुई।
पालू ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में तिब्बत का आर्थिक विकास बेहतर हुआ है। वह अपने घरों में याकों और भेड़ों को पड़ोसी के पास भेजने और व्यापार करने लगा। हर वर्ष वह 50 से 60 हज़ार युआन की आमदनी प्राप्त करता है। पालू ने कहा कि वर्तमान में घरेलू जीवन हर वर्ष बेहतर होता जा रहा है। उसने कहा:
"अब देश में लोगों के लिए कई उदार नीतियां अपनाई जाती हैं। इसके साथ ही तिब्बत में आर्थिक विकास ने भी गति पकड़ ली है। सिर्फ़ पशुपालन करने से हम खुशहाल जीवन साकार नहीं कर पाते। इस तरह अब मैं व्यापार करने के साथ साथ पशुपालन का काम भी करता हूँ। वर्तमान में मेरे पास ईंट बनाने के दो कारखाने हैं। सर्दियों में मैं शहर जाकर मांस बेचने का सौदा भी करता हूँ।"
सुरक्षित आवास परियोजना के कार्यान्वयन से तिब्बती किसानों और चरवाहों के रहने की स्थिति में भारी सुधार आया है, उनके जीवन में नया परिवर्तन आया है। पालू की तरह अधिक से अधिक तिब्बती किसान और चरवाहे नए सुखमय जीवन का आनंद उठा रहे हैं।