तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के छांगतु प्रिफेक्चर वासी हर रात को 8 बजे शहर के केंद्र में स्थित मुक्ति मैदान में इकट्ठा होकर ऊंची आवाज़ में तिब्बती गीतों के साथ छांगतु क्वोच्वांग, मांगखांग श्यानची और तिंगछिंग रअबा तीनों पारंपरिक तिब्बती नृत्य नाचते हैं। जिससे चीनी राष्ट्रीय गैर भौतिक सांस्कृतिक विरासत की सूची में शामिल हुए इन तीन नृत्यों को जीवन शक्ति मिली है। मैदान में लोगों के एक साथ नाचने की प्रक्रिया को चीन में"मैदान नृत्य"कहा जाता है, जिसमें हर व्यक्ति की भागीदारी होती है।
बताया जाता है कि पिछले वर्ष अगस्त महीने में छांगतु मुक्ति मैदान का निर्माण पूरा हुआ। हर रात 8 बजे स्थानीय लोग यहां इकट्ठा होकर नाचने लगते हैं। हर रात को यहां पर नाचने वाले सैकड़ों की संख्या में इकट्ठा होते हैं, सप्ताहांत में यही संख्या बढ़कर एक हज़ार के आसपास पहुंच जाती है। इस वर्ष 56 वर्षीय तिब्बती वृद्ध त्वोछी सेवानिवृत्त होकर हर रात परिजनों के साथ मुक्ति मैदान में नाचने के लिये आते हैं। उन्होंने कहा कि मैदान नृत्य नाचने के बाद उनका स्वास्थ्य पहले से अच्छा हो गया है। तिब्बती वृद्ध त्वोछी ने कहा:
"पहले यहां पर मुक्ति मैदान नहीं था। लेकिन इसका निर्माण पूरा होने के बाद यहां पर सभी लोग इकट्ठा हो कर रात में नाचते हैं फिर चाहे वो पुरुष हों स्त्री हों, युवा या फिर वृद्ध सभी लोग यहां पर इकट्ठा होकर नाचते हैं और ये मुझे बहुत अच्छा लगता है। मैं कभी कभार नाचने के लिए यहां आता हूँ। पहले मैं बहुत मोटा था, नाचने के बाद अब मैं पतला हो गया हूँ और स्वास्थ्य भी अच्छा हुआ है। मुझे आशा है कि ज्यादा से ज्यादा लोग स्वास्थ्य के लिए यहां नाचने आएंगे। मुझे आशा है कि बच्चे भी यहां आएंगे, ताकि हमारी तिब्बती जाति के पारंपरिक क्वोच्वांग, श्वानची और रअबा नृत्य को इस तरह सुरक्षित रखकर इसका विकास किया जाए।"
लोगों को लगता है कि मैदान नृत्य सिर्फ वृद्ध व्यक्तियों का नृत्य है। यह विचार बिलकुल गलत है। 23 वर्षीय त्सेरिन च्वोगा शहर में व्हाइट कॉलर नौकरी करती हैं। दिन में व्यस्तता के साथ कार्य करने के बाद शाम को आठ बजे वह जरूर मुक्ति मैदान आती है। त्सेरिन च्वोगा ने कहा कि नृत्य करने से एक दिन की थकान एकदम गायब हो जाती है। उन्होंने कहा:
"मुझे लगता है कि इस प्रकार की गतिविधि अच्छी है। मैं क्वोच्वांग, और श्वानची जैसे नृत्य नाचना पसंद करती हूँ। हर दिन लोग यहां एकत्र होकर सामूहिक तौर पर नाचते हैं। यह उनके स्वास्थ्य के लिए भी अच्छा है। मुझे भी इस तरह का जीवन पसंद है। परिवार में दूसरे सदस्य और मेरी सहलियां भी कभी कभार यहां नाचने आते हैं।"