गुरू चङ थाईच्या, शिष्य वांग हानपिन और दूसरे साथी
वांग हानपिन
हर वर्ष पहली जून को अंतरराष्ट्रीय बाल दिवस मनाया जाता है। इसी दिन समूचे चीन के बाल-बच्चे पूरी खुशी और उत्साह के साथ अपना त्योहार मनाते हैं। सिनेमाघरों में बाल-फ़िल्में प्रदर्शित होते हैं, टेलिवीजन के कार्यक्रमों में बच्चों के लिए भिन्न-भिन्न प्रकार के कार्यक्रम प्रस्तुत किये जाते हैं। त्योहार के दौरान सभी पार्क बच्चों के लिए खुले रहते हैं और रेस्त्रां में बच्चों के लिए विशेष खाना भी तैयार किया जाता है। बच्चों के खुशी के साथ अपने त्योहार मनाने के वक्त हमारा ध्यान विशेष बच्चों पर भी जाता है, वे आत्मविमोही यानी ऑटिज्म से परेशान हैं। इन बच्चों के पालन पोषण में समाज से कैसे ज्यादा सहायता मिल सकेगी ?इसके लिये कुछ दिनों पहले पेईचिंग में परोपकारी संगठन मीरा प्लैनेट की स्थापना हुई। बहुत से परोपकारी संगठनों की तुलना में मीरा प्लैनेट थोड़ा अलग है। उसका लक्ष्य समाज में कमजो़र समुदायों की मौजूदगी और विकास के लिए ज्यादा अवसर मुहैया कराना होता है। इस संगठन का संबंध अत्मविमोही से परेशान हुए बाल बच्चों के साथ बहुत घनिष्ठ है। आज के इस कार्यक्रम में हम आपको इस परोपकारी संगठन का परिचय देंगे।
मीरा प्लैनेट परोपकारी संगठन के संस्थापक चू थङफ़ेई लम्बे समय तक स्वयं सेवक रहे हैं। वे आत्मविमोही बच्चों के प्रारंभिक प्रशिक्षण में लगे हुए हैं। समाज सेवा करने के दौरान उन्हें दूसरों की सहायता करके आनंद मिलता है। लेकिन चीन में आत्मविमोही समुदायों से संबंधित कानूनों, नियमावलियों और व्यवस्थाओं की अपूर्णता को लेकर उन्हें अफ़सोस है। वर्तमान चीन में संबंधित संस्थाएं और संगठन मात्र आत्मविमोही बच्चों के प्रारंभिक कार्रवाई पर ही ध्यान देते हैं। लेकिन इन बच्चों के पालन पोषण के बाद समाज में उनका अस्तित्व कैसा होगा?मात्र बच्चों के परिजनों के प्रति प्रेम और समाज से मिलने वाली सहायता अपर्याप्त है। इस तरह चू थङफ़ेई ने मीरा प्लैनेट की स्थापना पर विचार किया। इनका लक्ष्य आत्मविमोही पीड़ितों को रोज़गार की तकनीक और अवसर प्रदान कराना है। अपने प्रारंभिक विचार की चर्चा करते हुए मीरा प्लैनेट परोपकारी संगठन के संस्थापक चू थङफ़ेई ने कहा:"इस परोपकारी संगठन की स्थापना से पहले हमने कई वर्षों तक इसपर सोचविचार किया था। मुझे लगता है कि वह सच्चे मायने में विदेशी सामाजिक उपक्रम की तरह है। आत्मविमोही की विशेषता के अनुसार हमने पले-बढ़े हुए आत्मविमोही व्यक्तियों के लिए एक कार्य योजना भी बनाई है। उनके द्वारा बनाए गए उत्पादों को बाज़ार में जगह दिलाने में हम उनकी मदद करेंगे। यह काम वर्तमान में मीरा प्लैनेट कर रहा है।"