अमेरिका के संसद के निचले सदन यानी कांग्रेस ने 25 जुलाई को रूस, ईरान और उत्तरी कोरिया के खिलाफ प्रतिबंध लगाने का प्रस्ताव पारित किया जिससे रूस में असंतोष की लहर पैदा होने लगी है ।
रूसी संसद के अंतर्राष्ट्रीय मामलात आयोग के प्रधान कॉन्स्टेंटिन कोसाचेव ने 26 जुलाई को कहा कि रूस को अमेरिका के खिलाफ सख्त प्रतिक्रिया देनी चाहिये। अमेरिका ने रूसी राजनयिकों की संपत्ति को जब्त किया था और रूसी राजनयिकों को निष्कासित किया था । रूस को इन सबका कड़ा जवाब देना चाहिये ।
रूसी राष्ट्रीय डूमा की अंतर्राष्ट्रीय मामलात कमेटी के अध्यक्ष लियोनिद स्लटस्की ने भी कहा कि अगर अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प इस प्रतिबंध प्रस्ताव पर हस्ताक्षर करते हैं तो वह वर्ष 2014 के बाद सबसे गंभीर प्रतिबंध बिल होगा । इससे रूस और रूस के साथ ऊर्जा देने वाले यूरोपीय कारोबारों पर भी बुरा प्रभाव पड़ेगा । और इससे रूस और अमेरिका दोनों देशों के बीच संबंधों की बहाली को भी रोका जाएगा ।
अमेरिकी संसद के निचले सदन यानी कांग्रेस में 25 जुलाई को रूस, ईरान और उत्तरी कोरिया के खिलाफ प्रतिबंध लगाने का प्रस्ताव पारित हुआ । जिसके मुताबिक अमेरिका अपने आम चुनाव में हस्तक्षेप करने तथा यूक्रेन संकट पैदा करने के आरोप में रूस में कुछ व्यक्तियों तथा कुछ संस्थाओं के खिलाफ अतिरिक्त प्रतिबंध लगाएगा ।
( हूमिन )