चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लू खांग ने 24 जुलाई को पेइचिंग में आयोजित नियमित न्यूज़ ब्रिफिंग में कहा कि चीन और भारत के बीच तूंगलांग क्षेत्र में जो प्रतिद्वंद्विता है, इसकी वजह भारतीय सेना के सीमा पार कर चीन के प्रभुसत्ता प्राप्त क्षेत्र में प्रवेश करना है । चीन एक बार फिर भारत से स्थितियों की स्पष्ट जानकारी कर शीघ्रता से कदम उठाने की मांग करता है ताकि घटना के विस्तार को रोका जाए।
भारत में मीडिया की रिपोर्ट है कि ऑस्ट्रेलिया के विदेश मंत्री ने भारत की यात्रा करते समय तूंगलांग घटना पर भारतीय पक्ष के साथ विचार विमर्श किया और दोनों देशों के बीच समस्या का शांतिपूर्ण समाधान करने की आशा जतायी । लू खांग ने कहा कि प्रादेशिक भूमि से संबंधित विवाद का शांतिपूर्ण समाधान करना सही है, लेकिन तूंगलांग में जो हुआ है वह ऐसा नहीं है, क्योंकि इस क्षेत्र में प्रादेशिक भूमि का विवाद नहीं है। चीन-भारत सीमा का सिक्किम भाग दोनों देशों के बीच 127 सालों के लिए माने गये निश्चित सीमा ही है । दोनों के बीच इस क्षेत्र पर विवाद कभी नहीं हुआ। वर्तमान घटना की सच्चाई यही है कि भारतीय सेना ने निश्चित सीमा को पार कर चीन की प्रादेशिक भूमि में प्रवेश किया है जो अनिश्चित सीमांत क्षेत्रों के विवाद से बिल्कुल अलग है। चीन भारत के साथ जुड़ने वाले सीमांत क्षेत्रों में शांति बनाये रखना चाहता है, लेकिन चीन अपनी प्रभुसत्ता के सवाल पर सुलह कतई नहीं करेगा ।
( हूमिन )