नेपाली उप प्रधानमंत्री कृष्ण बहादुर महारा ने कहा कि बेशक, चीन के तिब्बत में आधूनिकीकरण का निर्माण नेपाल के लिए दूर्गामी अर्थ मौजूद है। दोनों देशों के विद्वान यहां इक्ट्ठे होकर समान रुचि वाले मुद्दों पर अकादमिक विचार विमर्श कर रहे हैं। इससे द्विपक्षीय संबंध मज़बूत होगा।
नेपाल स्थित चीनी राजदूत यू होंग ने कहा कि चीनी विद्वान विभिन्न क्षेत्रों से तिब्बत की विस्तृत जानकारी से अवगत कराएंगे। जबकि नेपाली विद्वान विभिन्न दृष्टिकोण से चीन-नेपाल संस्कृति के इतिहास की व्याख्या करेंगे। आशा है कि मंच पर दोनों देशों के विद्वानों के बीच गहरे आदान प्रदान और विचार विमर्श के माध्यम से फलदायी उपलब्धियां हासिल होंगी। इससे नेपाली लोग चीन के तिब्बत की वास्तविक स्थिति जान सकेंगे और चीनी लोग चीन-नेपाल संस्कृति के इतिहास की समझ हासिल कर सकेंगे। साथ ही साथ दोनों देशों की जनता के बीच मित्रवत सहयोग का सामाजिक आधार भी मज़बूत होगा।
गौरतलब है कि 6 और 7 जून को मंच में भाग ले रहे चीनी और नेपाली विद्वान कई भाषण देंगे, जिनके विषयों में तिब्बती चिकित्सा, बौद्ध धर्म की संस्कृति, द्विपक्षीय आर्थिक व्यापारिक आवाजाही, तिब्बती क्षेत्र में गरीबी उन्मूलन, शिक्षा और चित्रकला आदि शामिल हैं।
(श्याओ थांग)