31 मई की सुबह काबुल में हुए विस्फोट में मृतकों की संख्या 80 तक पहुंच गई है, वहीं इस हादसे में 350 लोग घायल हुए हैं। अब तक किसी भी संगठन ने इस हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है।
अफ़गान गृह मंत्रालय ने अपने बयान में इस हिंसक कार्रवाई की कड़ी निंदा की और मृतकों के परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त की। पूर्व अफ़गान राष्ट्रपति हामिद करज़ई ने इस हमले की कड़े शब्दों में निंदा भी की।
गौरतलब है कि विस्फोट वज़ीर अकबर ख़ान क्षेत्र में हुआ था, जहां पर कई अंतरराष्ट्रीय संस्थाएं, विदेशी दूतावास और देश के सरकारी विभाग स्थित हैं। 31 मई को रमज़ान का पांचवां दिन था। यह रमज़ान के दौरान काबुल में हुआ पहला विस्फोट है।
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने 31 मई को बयान जारी कर आतंकी हमले की कड़ी निंदा की और आतंकवाद और हिंसक उग्रवाद को खत्म करने के लिये ज़बरदस्त हमले करने पर बल दिया।
बयान में कहा गया कि आम नागरिकों पर हमला करना मानवाधिकार और अंतरराष्ट्रीय मानवता के कानून का गंभीर रूप से उल्लंघन है। किसी भी कारण से इस हरकत को अपराध से अलग नहीं किया जा सकता। हमलावरों को अवश्य ही कानून के मुताबिक सज़ा दी जाएगी।
गुटेरेस ने बयान में मृतकों के परिजनों के प्रति गहरी सहानुभूति और संवेदना व्यक्त की और कामना की कि घायल शीघ्र ही स्वस्थ होंगे। उन्होंने दोहराया कि संयुक्त राष्ट्र अफ़गान जनता और सरकार का समर्थन करता रहेगा।
सुरक्षा परिषद ने भी 31 मई को वक्तव्य जारी कर इस आतंकी हमले की निंदा की और आतंकवादियों पर प्रहार करने पर जोर दिया। साथ ही सुरक्षा परिषद ने सभी देशों से अंतर्राष्ट्रीय कानून और सुरक्षा परिषद के संबंधित प्रस्तावों में निर्धारित कर्त्तव्य के मुताबिक इस क्षेत्र में अफगानिस्तान आदि देशों से सक्रिय सहयोग करने का आह्वान भी किया।
उधर रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने भी यह चेतावनी दी कि हमें आतंकवाद विरोधी समस्या पर दोहरे मापदंड को छोड़ने चाहिए। विभिन्न पक्षों को समनव्य करके अफगान सरकार के आतंकवाद पर प्रहार करने का समर्थन करना चाहिए।
(श्याओयांग)