रूढ़िवादी उम्मेदवार रैसी के विचार में ईरानी परमाणु संधि राष्ट्र स्तर द्वारा संपन्न संधि है। भविष्य में ईरान और इस संधि पर हस्ताक्षर करने वाले दूसरे पक्षों को दिए गए वचनों का लगातार पालन करना चाहिए। लेकिन उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार संधि से जुड़े वार्ता में दूसरे पक्ष के सामने कमजोर दिखाई दिये। संधि के कार्यान्वयन के बाद सरकार ने ईरान के आर्थिक विकास में कमज़ोरी को बदलने और जन जीवन को उन्नत करने वाले वचन का पालन नहीं किया।
वहीं राष्ट्रपति हसन रूहानी ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि वर्तमान सरकार ने अथक प्रयास से अंतिम तौर पर परमाणु संधि पर हस्ताक्षर किए। अब पश्चिमी पक्ष ने ईरान पर लगाए गए सभी संबंधित प्रतिबंध हटा लिये हैं। इसी संधि की वजह से अब ईरान में प्रति दिन तेल के निर्यात की मात्रा 20 लाख बैरल तक पहुंच गई। इससे पहले यह संख्या केवल 2 लाख बैरल थी। उन्होंने बल देते हुए कहा कि सभी उम्मीदवारों को स्पष्ट रूप से नागरिकों को बताना चाहिए कि परमाणु संधि के प्रति उनका रुख आखिरकार क्या है।
रैसी और रूहानी के अलावा दूसरे उम्मीदवारों ने ईरानी परमाणु संधि पर अपने-अपने रुख व्यक्त किए। कुछ ठोस मुद्दों पर विचार अलग होने के बावजूद उन्होंने आमतौर पर इस संधि के लगातार पालन करने का समर्थन किया।
(श्याओ थांग)