वांग तंगफंग के विचार में स्कूल फुटबॉल व्यवस्था से बड़ी संख्या वाले बाल और युवा फुटबॉल खिलाड़ी तैयार किये जाएंगे, जो चीनी फुटबॉल संघ की युवा खिलाड़ी प्रशिक्षण व्यवस्था के साथ-साथ चलेगी। ये दोनों व्यवस्थाएं एक दूसरे की पूरक होंगी, विभिन्न आयु वर्गों की राष्ट्रीय टीमों और विभिन्न पेशेवर क्लबों के खिलाडियों के चयन के लिए एक मंच तैयार करेगा और श्रेष्ठ चीनी फुटबॉल खिलाड़ी खोजने का रास्ता ढूंढ निकालेगा। उन्होंने बताया,ये दोनों वय्वस्थाएं फुटबॉल प्रतिभाएं तैयार करेंगी। स्कूल फुटबॉल के दृष्टिकोण से हम अपनी विशेषता वाले उपाय से बाल और युवा खिलाड़ी प्रशिक्षित करेंगे, जबकि पेशेवर फुटबॉल क्लबों का अपना अपना उपाय है। ये दोनों अलग रास्ते हैं। अंत में दो व्यवस्थाओं से चुने जाने वाले खिलाड़ी राष्ट्रीय टीम गठित करेंगे। वर्तमान में जापान की स्कूली फुटबॉल का स्तर ऊंचाई पर पहुंचा है। उनके स्कूलों से चुने गये खिलाडियों की टीमों की शक्ति पेशेवर क्लबों की रिजर्व फोर्स की टीमों से बड़ी है।
वर्तमान में चीनी स्कूल फुटबाल पेशेवर फुटबाल क्लब की प्रशिक्षण व्यवस्था का पीछा करने के लिए कोच ,मैदान, दिक्कतों के नियंत्रण और फुटबाल के ज्ञान जैसे क्षेत्रों में कई समस्याओं का सामना कर रहा है। वांग तंगफंग की नज़र में सबसे बड़ी समस्या यही है कि लोगों के मन में फुटबॉल प्रशिक्षण को लेकर गलतफहमी और दुराग्रह मौजूद है। उन्होंने बताया कि लंबे अरसे से जब खेल की चर्चा की जाती है, तो लगता है कि यह अल्पसंख्यक लोगों या खिलाडियों की बातें हैं। खेलकूद क्लास का लक्ष्य छात्रों को किसी खेल की तकनीक सिखाना नहीं है। आम लोगों के विचार में खेल कूद क्साल सिर्फ व्यायाम है। यह गलतफहमी है। खेल कूद क्लास में सबसे महत्वपूर्ण बात ये है कि छात्रों को खेल की तकनीक सिखाना और उनको खेल प्रतिस्पर्द्धा का अनुभव दिलाना। ये दोनों बात बहुत ही अहम हैं।