जिन पाओ का दूसरा ताई ओपेरा नाटक"हाई हान"भी ताई जाति में लोकप्रिय है। इसमें दो पड़ोसी देशों के बीच भूमि विवाद के कारण हुए युद्ध की कहानी सुनाई गई है। प्रमुख पात्र हाई हान की आवाज़ बहुत ऊंची और स्पष्ट थी। लोग उसके गाने की आवाज़ सुनने के दौरान खेती में कर रहे काम को रोक देते थे और उसके आह्वान का पालन करते थे। युद्ध के मैदान में जब कभी हाई हान गीत गाता था, तो शत्रुओं के हथियार बहुत भारी हो जाते थे, और कमान से तीर बाहर नहीं निकल पाते थे। अंत में हाई हान को शत्रु देश के राजा ने पकड़ लिया और उसकी हत्या करवा दी। लेकिन मौत के बाद हाई हान सिर और शरीर अलग होने के वक्त भी गाता रहा, उसने जनता से फूल इक्ट्ठे करने और शत्रुओं को दूर करने का आह्वान किया। हाई हान की आवाज़ से ताई जाति के लोगों के दुष्ट शक्ति के साथ संघर्ष करने की हिम्मत जाहिर होती थी।
इतने लम्बे सालों में ताई ओपेरा के प्रति क्यों लगातार योगदान किया?इसका जवाब देते हुए जिन पाओ ने कहा:"ताई ओपेरा हमारी ताई जाति का महत्वपूर्ण सांस्कृतिक ब्रैंड है। ताई जाति के लोग, चाहे बूढ़े हो, या बच्चे, सब लोगों को यह देखना पसंद है। इस तरह मैं ताई ओपेरा का एक अभिनेता बनना चाहता हूँ। ताई ओपेरा दूसरे ओपेराओं से अलग इसलिए है क्योंकि यह ताई जाति की भाषा, गायन शैली, नृत्य और वस्त्र के माध्यम से ताई जाति की ही कहानी सुनाता है, जिसकी जातीय विशेषता मेरे ताई ओपेरा पसंद करने का मुख्य कारण है।"
ताई जाति के लोक संस्कृति में जन्मे ताई ओपेरा को ताई लोग पसंद करते हैं। ताई जाति के लोग पीढ़ी दर पीढ़ी इसका संरक्षण, विस्तार और विकास करने में संलग्न हैं। पहले ताई ओपेरा सीखने के खास स्थान न होने की वजह से आम तौर पर पुराने अभिनेता नये अभिनेता को सीधे तौर पर सीखाते थे। लेकिन आज, युन्नान प्रांत के दअहोंग ताई जाति और चिंगपो जाति स्वायत्त प्रिफेक्चर के कुछ प्राइमरी स्कूलों में ताई ओपेरा कक्षा खोली जाती हैं। कक्षा में छात्र ताओ ओपेरा की संबंधित जानकारी लेते हैं। विश्वास है कि छोटे बच्चे से सीखाने के चलते ताई ओपेरा का जरूर और विकास होगा।