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    ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में शी चिनफिंग का भाषण
    2016-10-16 23:38:38 cri
    16 अक्तूबर में भारत के गोवा में आयोजित ब्रिक्स देशों के नेताओं की आठवीं भेंटवार्ता व विस्तार दायरे वाले सम्मेलन में चीनी राष्ट्राध्यक्ष शी चिनफिंग ने भाषण दिया।

    भाषण में उन्होंने कहा कि उन्हें खूबसूरत गोवा में आने पर बहुत खुशी हुई है। उन्होंने भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारतीय सरकार द्वारा इस सम्मेलन के लिये की गयी कोशिशों का धन्यवाद दिया।

    वर्ष 2014 में शी चिनफिंग ने भारत की यात्रा की थी और भारत की मेहनती जनता व रंगारंग संस्कृति ने उन पर गहरी छाप छोड़ी। इस वर्ष ब्रिक्स देशों के बीच सहयोग की दसवीं वर्षगांठ है। दस वर्षों की कोशिशों से ब्रिक्स देश एक महत्वपूर्ण व प्रभावित अंतर्राष्ट्रीय संस्था बन गया है और बहुत उपलब्धियां भी प्राप्त हैं।

    उन्होंने कहा कि इन दस वर्षों में ब्रिक्स देश एक साथ विकास की योजना बनाते हैं, और लगातार आगे बढ़ाते हैं। दस वर्षों में पाँच देशों की अर्थव्यवस्था विश्व अर्थव्यवस्था में 12 प्रतिशत से 23 प्रतिशत तक उन्नत हो गयी। व्यापार की कुल रकम 11 प्रतिशत से 16 प्रतिशत तक बढ़ गयी और विदेशी पूंजी 7 प्रतिशत से 12 प्रतिशत तक उन्नत हो गयी। 3 अरब जनता की जीवन गुणवत्ता दिन-ब-दिन सुधर रही है और ब्रिक्स देशों का अंतर्राष्ट्रीय स्थान व भूमिका भी लगातार बढ़ रही है।

    उन्होंने कहा कि दस वर्षों में ब्रिक्स देश विस्तार सहयोग व आपसी लाभ व समान जीत प्राप्त करते रहे हैं। हम खुलेपन, सहन, सहयोग व उभय जीत की ब्रिक्स भावना का पालन करके व्यापक रूप से विभिन्न स्तरीय सहयोग की ढांचे की स्थापना करने की कोशिश करते हैं। सहयोग के क्षेत्र लगातार व्यापक हो रहे हैं और सहयोग की ढांचा भी लगातार सुधर रही है। सहयोग से प्राप्त उपलब्धियां बहुत समृद्ध हैं।

    उन्होंने कहा कि हमने हाथ में हाथ डालकर अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय संकट का मुकाबला किया, और विश्व आर्थिक व वित्तीय स्थिरता के लिये महत्वपूर्ण योगदान दिया। अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष की रिपोर्ट के अनुसार बिते दस वर्षों में ब्रिक्स देशों ने विश्व आर्थिक वृद्धि के लिये 50 प्रतिशत से ज्यादा योगदान दिया है। हम निष्पक्षता व न्याय के आधार पर महत्वपूर्ण अंतर्राष्ट्रीय व क्षेत्रीय मामलों पर एक साथ आवाज़ उठाते हैं। हम सक्रिय रूप से विश्व आर्थिक प्रशासन के सुधार को आगे बढ़ाते हैं, और नवोदित बाजार वाले देशों व विकासशील देशों की आवाज़ को बड़ी हद तक उन्नत करते हैं।

    वर्तमान में विश्व आर्थिक पुनरुत्थान की स्थिति कमजोर है। विश्व व्यापार व पूंजी-निवेश मंदी में हैं। मालों का दाम भी उतार-चढ़ाव की स्थिति में है। और अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय संकट से पैदा हुए गहन अंतरविरोधों का समाधान नहीं किया गया। कुछ देशों में व्यापारिक संरक्षणवाद फिर वापस लौट आया है और भूमंडलीकरण विरोधी विचारधारा भी पैदा हुई है। ब्रिक्स देशों के विकास में जटिल व गंभीर बाहरी वातावरण मौजूद है।

    इस बार के शिखर सम्मेलन का मुद्दा है कारगर, सहनशील व समान प्रस्ताव बनाना। अंतर्राष्ट्रीय चुनौतियों के सामने हमें विश्वास को मजबूत करके एक साथ इसका मुकाबला करना होगा। हमें ब्रिक्स देशों की बुद्धि व शक्ति से लाभ उठाकर विश्व के विकास के लिये योगदान देना चाहिये।

    इस पक्ष में शी चिनफिंग ने पांच सुझाव पेश किये। पहला, एक साथ खुले विश्व का निर्माण करना। दूसरा, एक साथ विकास की परियोजना बनाना। तीसरा, एक साथ विश्व चुनौतियों का सामना करना। चौथा, एक साथ निष्पक्षता व न्याय की रक्षा करना। और पांचवां, एक साथ साझेदार संबंधों को गहन करना।

    अंत में शी चिनफिंग ने कहा कि चीन ब्रिक्स व्यवस्था का दृढ़ समर्थक व भागीदार है। चीन ब्रिक्स देशों के सहयोग को चीनी कूटनीति में एक महत्वपूर्ण दिशा मानता है। चीन को विश्वास है कि ब्रिक्स देशों के सहयोग विश्व शांति, स्थिरता व समृद्धि को अच्छी तरह से मजबूत कर सकेंगे। अगले वर्ष चीन ब्रिक्स देशों का अध्यक्ष देश बनेगा, और ब्रिक्स देशों के नेताओं की नौवीं भेंट का आयोजन करेगा। हम विभिन्न सदस्य देशों के साथ कोशिश करके ब्रिक्स देशों के विकास की नयी योजना बनाने को तैयार हैं।

    चंद्रिमा

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