संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद की 33वीं बैठक के दौरान चीन और अफ्रीकी देशों ने "वर्ष 2030 में अनवरत विकास एजेंडे के कार्यान्वयन एवं सामाजिक और सांस्कृतिक अधिकारों की प्राप्ति" अधिवेशन बुलाया ।
जेनेवा संयुक्त राष्ट्र संस्थाओं स्थित चीनी प्रतिनिधि मा चाओ शू ने अधिवेशन को संबोद्धित करते समय कहा कि चीन ने वर्ष 2030 तक अनवरत विकास एजेंडे का कार्य शुरू किया है और मार्गदर्शन के विचार, शीर्ष स्तर के डिजाइन, रणनीतिक योजना, सुरक्षा तंत्र और जल्दी फसल जैसे क्षेत्रों में सकारात्मक प्रगतियां हासिल की हैं ।
मा ने अपने भाषण में विकास सवाल पर चार सूत्रीय रुख प्रस्तुत किया यानी संयुक्त रूप से स्थिर और शांतिपूर्ण अंतरराष्ट्रीय वातावरण तैयार करना, आर्थिक, सामाजिक और पर्यावरणीय के विकास में तालमेल बिठाना, विकास की वैश्विक भागीदारी को मजबूत बनाना और जन उन्मुख विकास करने वाले सिद्धांतों पर डटा रहना ।
मा ने कहा कि चीन हमेशा से विकास को प्राथमिकता देता रहता है । चीन ने सबसे पहले संयुक्त राष्ट्र सहस्राब्दि विकास लक्ष्य साकार किया है । चीन वास्तविकता, स्नेहपूर्ण और ईमानदारी के सिद्धांत पर अफ्रीकी देशों के साथ सभी क्षेत्रों में सहयोग करेगा, अफ्रीका के विकास में मदद देगा और दोनों की उभय जीत पूरा कर चीनी व अफ्रीकी जनता को लाभ पहुंचाएगा ।
अफ्रीका संघ, दक्षिणी अफ्रीका, संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त कार्यालय, संयुक्त राष्ट्र आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक समिति के तहत अधिकार आयोग, दक्षिण सेंटर और आईएलओ आदि देशों व संगठनों के प्रतिनिधियों ने अधिवेशन में भाग लिया और बयान दिया । अधिवेशन में उपस्थितों का विचार है कि वर्ष 2030 में अनवरत विकास एजेंडे के कार्यान्वयन में तालमेल बिठाना चाहिये और गरीबी, भूखमरी, खाद्य सुरक्षा, स्वास्थ्य, शिक्षा, पानी व स्वच्छता और विकास अधिकार आदि विषयों पर ज्यादा ध्यान देना चाहिये ।
( हूमिन )