चीन दुनिया में पर्यटन की दृष्टि से सब से बड़ा घरेलू बाजार बन गया है। इस समय चीन में विभिन्न बड़े शहर रुपांतर के नए दौर से गुजर रहे हैं। इस सिलसिले में पर्यटन-उद्योग का विकास करना एक मुख्य कार्य भी है। गैर प्रमुख दर्जे के शहरों के लिए यह कार्य चुनौतिपूर्ण है। हाल ही में हमारे संवाददाता ने पूर्वोत्तर चीन के फूशुन शहर का दौरा किया और चौथे दर्जे के इस शहर के पर्यटन-उद्योग तथा इस के विकास में मौजूद चुनौतियों का ज्ञान लिया।
पहले आप को बता दें, चीन में किसी शहर का दर्जा उस के क्षेत्रफल नहीं, बल्कि उसके सकल घरेलू उत्पाद मूल्य या जीडीपी के अनुसार तय किया जाता है। चीन में फूशुन शहर क्षेत्रफल के लिहाज से छोटा नहीं, लेकिन उसके जीडीपी को देखे, तो उसकी अन्य मशहूर शहर जैसे पेइचिंग, शांगहाई, क्वांगचो, शनचन की तुलना नहीं की जा सकती। फूशुन शहर के पर्यटन-उद्योग के विकास-आयोग के अध्यक्ष ल्यू ची छुन ने हमारे संवाददाता से कहा कि उन के शहर में पर्यटन से जुड़े उत्पाद चाहे ऐतिहासिक तौर पर हो या पारिस्थितिक तौर पर दोनों स्तर पर ऐसा कोई विख्यात ब्रांड नहीं बने हैं, जिसकी प्रभावशाली स्थानीय विशेषताएं होती है। संक्षेप में फूशुन शहर में पर्यटन-उत्पाद समृद्ध हैं, तो भी बाजार में उनका हिस्सा बहुत कम है। ऐसा इसलिए क्योंकि उनमें प्रभावशाली स्थानीय विशेषताओं का अभाव है। श्री ल्यू ची छुन ने कहा कि फूशुन कोयला-उत्पादक शहर के नाम से मशूहर है। ऐसे में जब लोग उसका नाम सुनते हैं, तो दिमाग में कोयला ही कोयला और कोयले की धूल भरी शहर की छवि आती है। पर्यटन तो दूर की बात है। इससे इस शहर में पर्यटक कम आते हैं और उसका पर्यटन-उद्योग निम्म स्तर पर चलता रहा।
असल में फूशुन एक ऐतिहासिक शहर है। वह ल्याओनिंग प्रांत के पूर्वी भाग में अवस्थित है और पूर्व में चिलिंग प्रांत एवं पश्चिम में शनयांग शहर से सटा है। इसमें जो पर्यटन-संसाधान पाए जाते हैं, वे प्रथम दर्जें के कुछ शहरों की बराबरी पर माने जा सकते हैं। कोयला-नगर के रूप में उसका चीन में बुनियादी उद्योग के इतिहास में अहम स्थान रहा है। इसके अलावा फूशुन चीन में मंचूरी संस्कृति का उत्पत्ति-स्थान भी है, जो मंचूरी जाति का पैतृक घर कहलाया जाता है। चीन के इतिहास में छिन राजवंश मंचूरी जाति ने स्थापित किया था। Early Qing City और छिन युंग समाधि आदि मंचूरी संस्कृति पर आधारित नामी स्थल सबके सब फूशुन शहर में हैं। आज ये इस शहर का सिटी कार्ड हो गए हैं। इस शहर में बड़े क्षेत्रफल में जंगल भी पाए जाते हैं, जो राष्ट्रीय उद्यान बनाने के लिए जरूरी हैं। इस सब से जाहिर है कि इस शहर में पर्यटन-संसाधन कितने समृद्ध हैं। तिस पर भी उनका दोहन करना खुद इस शहर के लिए मुश्किल है। इस का मुख्य कारण है कि उसका ढांचा वैसा नहीं है, जैसा प्रथम दर्जे के शहरों का। जैसा कि आप जानते हैं कि ढांचा विकास के स्तर को निश्चित करता है।
चीन के भविष्य संबंधी अनुसंधान-प्रतिष्ठान के पर्यटन-मामलों के उपप्रभारी ल्यू सी मिन ने जानकारी दी कि चीन में गैर प्रथम दर्जे के शहर बहुत ज्यादा हैं जो हरेक प्रांत में मौजूद हैं। उन शहरों में ब्रांडों के प्रति जागरूकता कम है, बल्कि आर्थिक एवं सामाजिक विकास का स्तर भी उंचा नहीं है। इससे उन शहरों में पर्यटन का विकास सीमित हुआ है। ल्यू सी मिन के अनुसार पर्यटन व्यक्तित्व का ख्याल रखने वाला उद्योग है। गैर प्रथम दर्जे के शहर के तौर पर फूशुन में पर्यटन के विकास के लिए स्थानीय विशेषता वाला फार्मूला आगे भी अपनाया जाएगा। रूपांतर के नए दौर में फूशुन उत्पादन आधारित शहर से उपभोग आधारित शहर में बदल रहा है और नाव उधार लेकर समुद्र में जाने के तरीके से अपनी विशेषता आधारित विकास की राह पर चल रहा है।