जी20 सम्मेलन के मेजबान देश चीन ने सृजन, शक्तिशाली, लिंकेज व सहनशील वैश्विक अर्थव्यवस्था की स्थापना का प्रस्ताव पेश किया है। चीनी जन विश्वविद्यालय में छोंगयांग वित्तीय अध्ययन संस्थान के मैक्रो अनुसंधान विभाग के प्रमुख च्या चिनचिंग ने कहा कि चीन की योजना में स्पष्ट तौर पर ढांचागत सुधार का रोड मैप नजर आ रहा है।
उन्होंने कहा कि ढांचागत सुधार का रोड मैप पेश करने से पहले वैश्विक अर्थव्यवस्था वर्ष 2008 से अब तक वित्तीय संकट से बाहर नहीं निकल पायी है। पश्चिमी देशों ने मुद्रा व वित्तीय नीति से जुड़े कदम उठाये, लेकिन कोई असर नहीं हुआ। इसे ढांचागत सुधार की जरूरत है। केवल चीन इसका नेतृत्व कर सकता है।
फ़ूडान विश्वविद्यालय के अर्थशास्त्र कॉलेज के प्रोफ़ेसर तिंग छून ने कहा कि ढांचागत सुधार का मतलब औद्योगिक क्षेत्र में नयी प्रगति लाना है।
हर देश के पास अपना अपना ढांचागत स्तर होता है। लेकिन हर देश का ढांचागत स्तर एक जैसा नहीं होता। इसलिये अंतर्राष्ट्रीय समुदाय अगर इस मामले पर सहमति हासिल करना चाहता है, तो सभी देशों को इस सहमति से कुछ न कुछ लाभ मिलना चाहिये। चीनी आधुनिक अंतर्राष्ट्रीय संबंध अनुसंधान प्रतिष्ठान की अनुसंधानकर्ता छन फ़ंगईंग ने कहा कि जी20 सम्मेलन इस दिशा में कुछ योगदान दे सकेगा।
चंद्रिमा