छिंगहाई-तिब्बत मार्ग यानी विश्व के सबसे ऊंचे और सबसे लंबे पठार पर दस साल पहले रेल लाइन शुरू होने के बाद तिब्बती लोगों के जीवन में व्यापक बदलाव आया है।
जैसा कि हम जानते हैं कि 'छिंगहाई-तिब्बत पठार'को 'विश्व की छत'के रूप में जाना जाता है। जहां पहले बाहरी लोगों के लिए पहुंचना बहुत मुश्किल होता था। लेकिन रेल लाइन चालू हो जाने के बाद, बड़ी संख्या में पर्यटक और छुट्टियां मनाने के शौकीन तिब्बत पहुंचते हैं। तिब्बत सरकार के आंकड़ों के मुताबिक, उक्त स्वायत्त क्षेत्र में वर्ष 2015 में 20 मिलयन से अधिक पर्यटक पहुंचे। यह रेल मार्ग शुरू होने से पहले की तुलना में 11 गुना अधिक है।
छन यौवथी, तिब्बत की बांग काउंटी में शिक्षा विभाग में काम करते हैं। वह कहते हैं कि, छिंगहाई-तिब्बत रेलवे ने देश की भीतरी इलाकों से तिब्बत की यात्रा का समय बहुत कम कर दिया है। इसके साथ ही यात्रा खर्च में भी कमी आयी है। छन यौवथी कहते हैं, "आप कल्पना नहीं कर सकते कि उस वक्त तक मेरे लिए तिब्बत आना और यहां से बाहर जाना कितना मुश्किल भरा होता था। मुझे युन्नान प्रांत में अपने घर से यहां आने में चार दिन लगते थे। लेकिन छिंगहाई-तिब्बत रेलवे का संचालन शुरू होने के बाद मुझे सिर्फ छंगदू में ट्रेन बदलनी पड़ती है। इसके चलते यात्रा का समय 90 घंटे से घटकर 60 घंटे हो चुका है। "
रेलमार्ग शुरू होने का सबसे अधिक लाभ स्थानीय तिब्बती लोगों को मिला है। साठ वर्षीय ताशी त्सरिंग को शिकाज़े से ल्हासा अपना वेतन लेने के लिए ट्रेन से जाना होता है, ऐसे में
रेल ने उनके जीवन को बदल दिया है। उन्हों ने कहा,"छिंगहाई-तिब्बत रेलवे ने हमारे लिए बहुत सुविधा कर दी है। तिब्बती लोगों को इससे बहुत फायदा हुआ है, यह मेरी कल्पना से बाहर था। रेल से यात्रा करना न केवल सुरक्षित है, बल्कि तेज़ और सस्ता भी। रेल मार्ग के चालू होने के बाद मैं शिकाज़े से ल्हासा दस बार यात्रा कर चुका हूं। "
इसके चलते तिब्बत में लोगों के रोजमर्रा के खर्च में भी कमी आयी है। नागछ्यू लॉजिस्टिक सेंटर के प्रमुख चिंग चान चिए, सामान सस्ता होने की वजह छिंगहाई-तिब्बत रेल मार्ग को बताते हैं।"छिंगहाई-तिब्बत रेल मार्ग के शुरू होने के बाद वस्तुओं का परिवहन बहुत सुविधाजनक हो गया है। इसकी वजह से लोगों के रोजमर्रा के खर्च में भी कमी आ चुकी है। मसलन, चावल, तेल, आटा और अन्य खाद्य सामग्री के दाम कम हो गए हैं।"
इसके साथ ही चिंग चान चिए कहते हैं कि, सड़क मार्ग की तुलना में रेलवे से बिल्डिंग निर्माण की सामग्री, जिसमें स्टील, सीमेंट और लकड़ी आदि शामिल है, ले जाना सस्ता होता है। ध्यान रहे कि नागछ्यू में रेलवे मार्ग से लगते हुए कई नए कस्बे हैं।
तिब्बत सरकार के आंकड़ों के अनुसार, तिब्बत का जीडीपी, 2015 में 100 अरब युआन पहुंच चुका है। जबकि, 2005 में यह महज 25 अरब युआन था। जिसमें 10 फीसदी की सालाना बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है।
(अनिल आज़ाद पांडेय)