कुछ समय पहले चीन के युननान प्रांत के तीछिंग तिब्बती स्वायत्त प्रिफेक्चर के पर्यटन-विकास आयोग ने देश की राजधानी पेइचिंग में अल्पसंख्यक जातीय पर्यटन-विकास नामक एक सभा आयोजित की। इसमें युननान के सुंगज्यान फार्मूले के मुद्दे की बहुत चर्चा की गई। सभा में शरीक हुए लोगों ने कहा कि यह फार्मूला काबिले तारीफ है।
तीछिंग तिब्बती स्वायत्त् प्रिफेक्चर के पर्यटन-विकास आयोग के उपप्रधान चांग फेथाओ ने कहा कि तीछिंग तिब्बती स्वायत्त प्रिफेक्चर में पर्यटन-संसाधन की भरमार है। "शंगरिला " यहां पर्यटन का ब्रांड है। इसके बावजूद पर्यटन-उत्पाद किस्म और मात्रा दोनों स्तरों पर अपर्याप्त हैं, जो पूरे प्रिफेक्चर के आदिम अवस्था में सुरक्षित पर्यावरण नहीं दिखा सकते हैं। तो कैसे पर्यटन के संसाधनों का और भी दोहन किया जाए? इसके लिए स्थानीय पर्यटन-संस्था व्यापक सोच-विचार और सलाह-मशविरा करने के बाद इस निष्कर्ष पर पहुंची है कि अल्पसंख्यक जातीय क्षेत्र में पर्यटन के विकास के लिए नया सृजन करना जरूरी है, मतलब जातीय विशिष्टता वाले पर्यटन का रास्ता अपनाए।