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    आलू के उत्पादन से गरीबी उन्मूलन---किसान छ्यांग छाईश्या की कहानी
    2016-03-31 11:32:01 cri

    पैसे कमाकर छ्यांग छाईश्या धनी होने लगी। वह अपने गांववासियों का नेतृत्व कर अमीरी के रास्ते पर ले जाना चाहती थी। उसके प्रोत्साहन पर ल्यूफिंग गांव में गांव वासियों ने आलू को बड़ी मात्रा में उगाना शुरु किया। बिक्री का रास्ता और माल-स्रोत का रास्ता प्राप्त करके छ्यांग छाईश्या के आलू का व्यापार लगातार विस्तार हो रहा है। वर्ष 2010 में उसने ल्यूफिंग गांववासियों के साथ मिलकर एक किसान सहयोगी कारोबार की स्थापना की। इसकी चर्चा करते हुए छ्यांग छाईश्या ने कहा:"गांव में छोटी सी दुकान खोलते वक्त मैंने टीवी कार्यक्रम में देखा कि दक्षिणी चीन में लोग सहयोगी कारोबार स्थापित कर किसानों के लिए वास्तविक सहायता देते थे। तो मैंने सोचा कि क्या हम पहाड़ी क्षेत्र में भी इस प्रकार के सहयोगी कारोबार स्थापित कर किसानों की मदद भी कर सकेंगे?अब मेरा जीवन धनी हो गया, मैं स्थानीय किसानों को लेकर अमीरी रास्ते पर आगे बढ़ाना चाहती हूँ।"

    स्थानीय सरकार और महिला संघ जैसे संगठनों के समर्थन में छ्यांग छाईश्या के आलू के उद्योग का लगातार विकास हो रहा है। उसने 133 हेक्टेयर खेती योग्य भूमि में आलू आगाना शुरु किया। वर्ष 2014 में उसने किसानों के लिए मशीनरी सेवा दल की स्थापना की। स्थानीय सरकार की सहायता से छ्यांग छाईश्या ने कृषि फ़सल काटने वाली मशीन यानी हार्वेस्टर खरीदा। तिंगशी शहर की सरकार ने भत्ते के रूप में छ्यांग छाईश्या को 3 लाख युआन की राशि दी, जिसका आलू गोदाम की स्थापना के लिए प्रयोग किया जाता है। वर्ष 2015 में छ्यांग छाईश्या ने गांव वासियों के साथ आलू उगाने के लिए नई तकनीक सीखी और उत्पादन मात्रा में बहुत हद तक उन्नत हुई।

    शाओ यानरोंग वर्ष 2010 में छ्यांग छाईश्या के साथ किसान सहयोगी कारोबार स्थापित वाली संस्थापक है। उसने कहा कि सहयोगी कारोबार में भागीदारी से उसके जीवन में भारी परिवर्तन आया है। शाओ ने कहा:"पहले मेरे पास कोई अतिरिक्त आय नहीं थी। लेकिन आज हमने आलू उगाने की नई तकनीक हासिल की है। अब आलू उत्पादन से सालाना आय 70 या 80 हज़ार युआन होने लगी। पोल्ट्री फार्म को एक साथ मिलाकर एक साल में मुझे एक लाख युआन की आय मिलती है।"

    तिंगशी के अच्छी गुणवत्ता वाले आलू को देश भर के विभिन्न स्थानों तक बेचने के लिए छ्यांग छाईश्या ने परिवार के सदस्यों का भी प्रोत्साहन किया। उसकी बड़ी बेटी की शादी के बाद मध्य चीन के हूपेई प्रांत की राजधानी वूहान में बसने लगी। तो छ्यांग छाईश्या ने अपनी बेटी को वू हान और क्वांगचो जैसे शहरों में आलू के सौदे की जिम्मेदारी दी। उसने विश्वविद्यालय से अभी-अभी स्नातक किये हुए बेटे को आलू उद्योग के विकास के लिए भी गांव में वापस बुलाया। अपनी मां की चर्चा करते हुए छ्यांग छाईश्या के बेटे को बहुत गर्व महसूस होता है। उसने कहा:"मेरी मां बहुत महान है और उसमें सद्भावना भरी है। दूसरों की गरीबी को देखकर वह सहायता करना चाहती है। कभी कभार मां बिना पैसे लिए किसानों को रासायनिक खाद देती है। जब उन्हें पैसे मिले, तो मां को देते हैं। मैं मां को समझता हूँ। बचपन में हमारे घर का जीवन भी गरीबी से भरा था। हम अपने प्रायसों से कदम-दर-कदम जीवन को बदलते हैं। अब जीवन स्थिति अच्छी हो गई है। मां दूसरे लोगों की सहायता करती हैं। मैं उनका पूरी तरह समर्थन करता हूँ। और मैं उनके सपने को पूरा करने में मदद करने को भी तैयार हूँ।"

    परिजनों के अलावा छ्यांग छाईश्या अपने आलू उद्योग में विश्वविद्यालय के ग्रेजुएट विद्यार्थियों को भी आकर्षित करती हैं। 24 वर्षीय छ्यु हअफ़ंग छ्यांग छाईश्या के बेटे का विश्वविद्यालय में सहपाठी था। वह स्नातक होने के बाद छ्यांग छाईश्या के गांव में आया। वर्तमान में छ्यु हअफ़ंग मुख्य तौर पर कृषि उत्पादों के प्रसार में कार्यरत है। गांव में काम करने का विकल्प क्यों चुना?इसकी चर्चा करते हुए छ्यु हअफ़ंग ने कहा:"मैं ग्रामीण हूँ और मुझे गांव के विकास की स्थिति के बारे में पता है। अब अधिकांश लोग गांव को छोड़कर शहर गए। लेकिन मुझे लगता है कि कृषि फिर भी आर्थिक विकास का आधार है।"

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