ब्रिटिश अख़बार फाइंनेशियल टाइम्स द्वारा जारी रिपोर्ट में कहा गया कि विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (एफडीआई) पर भारत का आकर्षण चीन को छोड़कर आगे आ गया है। इसकी चर्चा में चीनी वाणिज्य मंत्रालय के प्रवक्ता शन तानयांग ने 20 अक्तूबर को कहा कि इन आंकड़ों की पुष्टि नहीं की जा सकती।
रिपोर्ट के अनुसार फाइंनेशियल टाइम्स के अधीनस्थ एक डाटा संस्थान ने बताया कि इस साल की पहली छमाही में भारत ने करीब 31 अरब अमेरिकी डॉलर का विदेशी प्रत्यक्ष निवेश आकर्षित किया, जो चीन के 28 अरब और अमेरिका के 27 अरब डॉलर से अधिक है। इस दृष्टि से देखा जाए, तो एफडीआई के मामले में भारत चीन से आगे निकल गया है।
शन तानयांग ने कहा कि भारतीय व्यापार और उद्योग मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक इस साल पहली छमाही में भारत ने 25 अरब 49 करोड़ 40 लाख डॉलर का विदेशी निवेश आकर्षित किया। जिसमें 19 अरब 39 करोड़ 40 लाख प्रत्यक्ष पूंजी है। जबकि चीनी वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक इसी अवधि में चीन ने 68 अरब 40 करोड़ डॉलर के विदेशी पूंजी का प्रयोग किया।
शन तानयांग ने यह भी कहा कि पिछले जनवरी से सितंबर तक व्यापक देशों की कंपनियों ने चीन में पूंजी लगाने का अनुबंध संपन्न किया, जिसका कूल मूल्य वर्ष 2014 की इसी अवधि से 50 प्रतिशत ज्यादा है। अमेरिकी उपक्रमों ने 5 अरब 83 करोड़ डॉलर का निवेश किया। इससे जाहिर है कि दुनिया के दस सबसे आकर्षक पूंजी गंतव्य देशों में चीन पहले स्थान पर कायम है।
(ललिता)