भारत के प्रमुख न्यूज़ चैनल एनडीटीवी इंडिया की वेबसाइट पर जारी ख़बर के अनुसार संयुक्त राष्ट्र की 70वीं वर्षगांठ पर भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधार और इसका प्रतिनिधित्व व्यापक करने की जोरदार वकालत करते हुए 25 सितंबर को कहा कि इसकी विश्वसनीयता और औचित्य बनाये रखने के लिए ऐसा करना अनिवार्य है। साथ ही उन्होंने विकसित देशों से कहा कि विकास और जलवायु परिवर्तन की अपनी वित्तीय प्रतिबद्धताओं को वे पूरा करें।
मोदी ने कहा कि 70 साल पहले जब एक भयानक विश्व युद्ध का अंत हुआ था तब इस संगठन के रूप में नई आशा ने जन्म लिया था। आज हम फिर मानवता की नई दिशा तय करने के लिए यहां एकत्रित हुए हैं। जलवायु परिवर्तन के विषय को महत्वपूर्ण बताते हुए उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों से निपटने में उन समाधानों पर बल देने की आवश्यकता है जिनसे हम अपने उद्देश्यों को प्राप्त करने में सफल हो सके। हमें एक वैश्विक जनभागीदार का निर्माण करना होगा जिसके बल पर प्रौद्योगिकी नवोन्मेष और वित्त का उपयोग करते हुए हम स्वच्छ और नवीकरणीय उर्जा को सर्व सुलभ बना सके।
भारतीय प्रधानमंत्री मोदी ने यह भी कहा कि हमारे सामने प्रश्न केवल यह नहीं है कि गरीबों को आवश्यक्ताओं को कैसे पूरा किया जाए, और न ही यह केवल गरीबों के अस्तित्व और सम्मान तक ही सीमित प्रश्न है। साथ ही यह हमारी नैतिक जिम्मेदारी मात्र है, ऐसा मानने का भी प्रश्न नहीं है। अगर हम सबका साझा संकल्प है कि विश्व शांतिपूर्ण हो, व्यवस्था न्यायपूर्ण हो और विकास सतत हो, तो गरीबी के रहते यह कभी भी संभव नहीं होगा। इसलिए गरीबी को मिटाना यह हम सबका परम दायित्व है।
(अखिल पाराशर)