सितम्बर 1965 में तिब्बत स्वायत्त प्रदेश की स्थापना हुई। तिब्बत में जातीय क्षेत्रीय स्वायत्त प्रणाली लागू हुई। विदेशी विद्वानों और विशेषज्ञों के विचार में जातीय क्षेत्रीय स्वायत्त प्रणाली से तिब्बती जनता के विभिन्न हितों की रक्षा की गयी है।
केन्या के नैरोबी विश्वविद्यालय के अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक विशेषज्ञ इकीरा के विचार में चीन सरकार ने तिब्बत को महत्वपूर्ण आर्थिक और राजनीतिक विकास की शैली से परिचित कराया, जिससे तिब्बत में भारी परिवर्तन आया। इससे तिब्बत का तेज विकास हो रहा है।
रूसी प्राच्य याकोवलेव के विचार में तिब्बत की स्थापना की 50 वर्षों में तिब्बत में भारी परिवर्तन आया। विशेषकर खुले द्वार और सुधार की नीति लागू होने की पिछले 30 वर्षों से तिब्बत में कृषि और पशुधन में काफी विकास हुआ है और जनसंख्या और औसत जीवन की प्रत्याशा बड़ी हद तक बढ़ी है।
ब्राजीली चीन और प्रशांत समस्या संस्थान के प्रभारी काब्राल के विचार में चीन सरकार द्वारा लागू जातीय क्षेत्रीय स्वायत्त प्रणाली से तिब्बत को अपनी परंपरागत संस्कृति बनाए रखते हुए तिब्बत की अर्थ्वयवस्था का तेज विकास मिला है।
एशिया न्यूज टाइम्स के उपाध्यक्ष छ्यान फेंग का विचार है कि तिब्बत में आधारभूत संस्थापनों के निर्माण में स्पष्ट रूप से सुधार आया है, जिससे तिब्बती जाति को लाभ मिला। (रूपा)