संयुक्त राष्ट्र व्यापार और विकास सम्मेलन (UNCTAD) ने 24 जून को जिनेवा में"वर्ष 2015 विश्व पूंजी निवेश रिपोर्ट"जारी कर कहा कि भूमंडलीय आर्थिक कमजो़री, नीति के प्रति पूंजी निवेशकों की अनिश्चितता, भू-राजनीतिक जोखिम की वृद्धि जैसे तत्वों की वजह से 2014 में विश्व में प्रत्यक्ष विदेशी पूंजी निवेश (एफ़डीआई) वर्ष 2013 की तुलना में 16 प्रतिशत कम रहा, जो 12 खरब 30 अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुंच गया।
रिपोर्ट के मुताबिक वर्ष 2014 में चीन अमेरिका से आगे निकलते हुए विश्व में सबसे बड़ा विदेशी पूंजी स्वीकार करने वाला देश बन गया। चीन में प्रवेश प्रत्यक्ष विदेशी पूंजी की कुल रकम 1 खरब 29 अरब डॉलर तक पहुंच गई, जो वर्ष 2013 से 4 प्रतिशत अधिक रही।
UNCTAD के निवेश और उद्यम विभाग के प्रधान चान श्याओनिंग ने कहा कि चीन में प्रत्यक्ष विदेशी पूंजी बढ़ने से जाहिर है कि विदेशी पूंजी चीन की आर्थिक निहित शक्ति और बाज़ार की स्थिर वृद्धि के प्रति विश्वासबद्ध है, इसके साथ ही चीनी आर्थिक वृद्धि के नमूने में परिवर्तन और लगातार औद्योगिक उन्नति की वजह से विदेशी पूंजी को नई वृद्धि मिली है।
संपूर्ण दृष्टि से देखा जाए तो 2014 में विकासशील आर्थिक समुदायों में प्रत्यक्ष विदेशी पूंजी स्वीकार करने की स्थिति बढ़ी है, जिन्होंने 6 खरब 81 अरब डॉलर की प्रत्यक्ष विदेशी पूंजी स्वीकार किया है।
(श्याओ थांग)