भारत जैसे गरीब देश में गरीबी कम करने का सबसे बढ़िया उपाय है, कृषि आमदनी बढ़ाना क्योंकि यहां करीब 70 फीसदी ग्रामीण आबादी है, जिसमें से 50 फीसदी से कुछ ज्यादा कृषि में लगे हुए हैं। अगर कृषि योग्य भूमि की बात की जाए, तो अमेरिका इस मामले में नंबर वन है और भारत नंबर दो। हालांकि देश का कुल भू-क्षेत्र चीन के एक तिहाई से थोड़ा ही ज्यादा है, लेकिन भारत की कृषि योग्य भूमि चीन से ज्यादा है। फिर भी भारत गेहूं और चावल का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक देश है, पहला नंबर चीन का है, जो भारत के मुकाबले 40 फीसदी ज्यादा गेहूं और चावल का उत्पादन करता है। भारत फल और सब्जी उत्पादन में भी चीन के बाद दूसरे स्थान पर है। चीन में तो फल उत्पादन भारत की तुलना में तीन गुना ज्यादा है। भारत आम और केला उत्पादन में पहले स्थान पर है। मसालों के उत्पादन, उपभोग और निर्यात में भारत पहले स्थान पर है।
चीन की प्रदूषण मुक्त और ताजगी भरी हवा से भरपूर युन्नान प्रांत के छुछियोंग यी स्वायत्त प्रान्त के एक काउंटी "युआनमो काउंटी" में कृषि उत्पादन उच्च है। यहां की जलवायु ताजा फल और सब्जियों की सभी किस्मों की उपलब्धता को सुनिश्चित करता है। युआनमो काउंटी में टमाटर, शिमला मिर्च, माओतोउ (एक प्रकार की फली) आदि का उत्पादन सबसे ज्यादा होता है। देखा जाए तो विशाल उत्पादन की वजह से युआनमो काउंटी के पास निर्यात के काफी अवसर हैं। इस काउंटी को अकसर "सब्जियों का गढ़" भी कहा जाता है।